Gorakhpur के गुलरिहा में नगर निगम बनाएगा पूर्वांचल का पहला क्रिमेटोरियम

Gorakhpur News: गोरखपुर और बस्ती मण्डल का पहला एवं सूबे का सर्वाधिक क्षमता का क्रिमेटोरियम (हाइब्रिड एनिमल इंसीनरेटर) गोरखपुर नगर निगम गुलरिहा में लगाएगा। इसकी दाह संस्कार की क्षमता हर घंटे 1000 किलोग्राम होगी। इसके बन जाने से पशुओं के शव को जमीन में दफनाया नहीं जाएगा बल्कि बिजली एवं गैस आधारित (पीएनजी/एलपीजी) इंसीनरेटर में दाह किया जाएगा। 04.50 करोड़ से बनाए जाने वाले इस केंद्र के लिए नगर निगम ने पीएम प्रोजेक्ट्स एण्ड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड इंदौर को टेंडर दिया है। मुख्य अभियंता नगर निगम संजय चौहान के मुताबिक जल्द ही फर्म को वर्क आर्डर सौंप दिया जाएगा।

4.50 करोड़ रुपये से क्रिमेटोरियम का निर्माण

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम से मिली धनराशि में 4.50 करोड़ रुपये से क्रिमेटोरियम का निर्माण होगा। आधा प्लांट बिजली से चलेगा। पशुओं का शव जलाने वाला कंबक्शन गैस चालित होगा जिसमें पीएनजी या एलपीजी का उपयोग किया जाएगा। इस प्लांट की क्षमता प्रति घंटे 1000 किलोग्राम की होगी। निगम ने इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी-इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन)के आधार पर 05 साल के लिए फर्म का चयन किया है।

नगर निगम के मुख्य अभियंता संजय चौहान ने बताया कि 2000 वर्ग मीटर में 09 माह में इंसीनरेटर का निर्माण कर 05 साल संचालन एवं रख-रखाव भी करेगी। 0 4.50 करोड़ रुपये में 05 साल संचालन एवं रख-रखाव की धनरााशि भी शामिल है। क्रिमेटोरियम में केवल 5 प्रतिशत राख मिलेगी। क्रिमेटोरियम प्लांट में डबल स्क्रबर लगा होगा जो गर्म धुएं को ठंडा करेगा। यह स्क्रबर जानवरों की राख के पार्टिकल्स भी फिल्टर करेगा। धुएं को 30 मीटर ऊंची चिमनी से बाहर निकाला जाएगा। क्रिमेटोरियम के लिए पर्यावरण मंजूरी भी ली जाएगी।

ईटीपी भी लगाएंगे

क्रिमेटोरियम प्लांट से निकलने वाले वेस्ट वॉटर के ट्रीटमेंट के लिए ईटीपी भी लगाएगा। वेस्ट वॉटर को ट्रीट करने के बाद प्लांट के गार्डेन में इस्तेमाल होगा। प्लांट से किसी भी प्रकार का वेस्ट बाहर नहीं निकलेगा।

इसलिए जरूरी है क्रिमेटोरियम

हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल कहती हैं कि वर्तमान में नगर निगम मृत पशुओं को जमीन में दबा देता है। इन पशुओं के गलने में कम से कम 60 दिन लगते हैं जिससे भूजल भी प्रदूषित होता है। क्रिमेटोरियम लगने से ग्राउंड वॉटर का प्रदूषण रुक जाएगा।

‘04.50 करोड़ की लागत से 1000 किलोग्राम प्रति घंटा का एनिमल इंसीनरेटर का हाईब्रिड प्लांट का निर्माण जल्द शुरू हो जाएगा। इससे राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी, वहीं भूमिगत जल का प्रदूषण भी थमेगा।’

गौरव सिंह सोगरवाल, नगर आयुक्त, गोरखपुर नगर निगम