Varanasi Gyanvapi मस्जिद में सोमवार से ASI करेगा सर्वे, जानिए क्या है तैयारी

Gyanvapi Masjid caseGyanvapi Masjid case

Varanasi’s Gyanvapi mosque survey: वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का वैज्ञानिक सर्वे सोमवार से शुरू किया जाएगा। आर्कियोलॉजी संस्था ASI के वैज्ञानिक सर्वे कार्य को प्रारंभ करेंगे। चूंकि, ज्ञानवापी विवाद एक संवेदनशील मुद्दा है इसलिए भारी मात्रा में फोर्स का इंतजाम किया गया है। ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण का आदेश बनारस कोर्ट ने दिया था। हालांकि, कोर्ट ने वजू स्थल व अन्य सील किए गए एरिया का सर्वे करने की अनुमति नहीं दी है। कोर्ट ने यह आदेश 21 जुलाई को दी थी।

हिंदू पक्ष ने की थी साइंटिफिक सर्वे की मांग

हिंदू पक्ष द्वारा याचिका दायर कर मांग की गई थी कि पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की ASI (Archaeological Survey of India) द्वारा साइंटिफिक सर्वे कराई जाए। हिंदू पक्ष की ओर से वाराणसी कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। इसमें गुहार लगाई गई थी कि विवादित वजुखाना क्षेत्र को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे कराया जाए। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि ASI सर्वे के लिए 16 मई को वाराणसी जिला कोर्ट में आवेदन दिया गया था।

14 जुलाई को कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया था फैसला

विष्णु शंकर जैन ने बताया कि ASI सर्वे को लेकर दायर याचिका पर 12 और 14 जुलाई को सुनवाई हुई थी। 14 जुलाई को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज कोर्ट इस पर अपना फैसला सुनाएगी कि विवादित ढांचे को छोड़कर शेष क्षेत्र का सर्वेक्षण एएसआई द्वारा किया जाना चाहिए या नहीं। हमें उम्मीद है कि फैसला हमारे पक्ष में होगा। एएसआई ही एकमात्र संस्था है जो ज्ञानवापी के बारे में सच्चाई बता सकती है।

क्या है ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी विवाद?

कुछ महिलाओं ने 5 अगस्त 2021 को वाराणसी कोर्ट में याचिका लगाई थी कि उन्हें ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर समेत कई विग्रहों में पूजा करने की अनुमति दी जाए। इस याचिका पर कोर्ट ने सर्वे करने की अनुमति दी थी। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के तहखाने में शिवलिंग मौजूद है। मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था। वजुखाना से पानी निकाला गया तो उसमें शिवलिंग मिला। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिवलिंग की कॉर्बन डेटिंग और साइंटिफिक सर्वे का आदेश दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया था।

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