उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में जुटी राज्य सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ (Lucknow bench) ने शुक्रवार को पंचायत चुनाव में आरक्षण (Reservation of Panchayat seats) की व्यवस्था को अंतिम रूप देने पर अंतरिम रोक लगा दी है।
कोर्ट ने आरक्षण व आवंटन कार्रवाई पर रोक लगाने के साथ सोमवार यानी 15 मार्च को राज्य सरकार से जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी एवं न्यायमूर्ति मनीष माथुर की पीठ ने अजय कुमार की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के फैसले के बाद अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि शासन के अगले आदेश तक पंचायत सामान्य निर्वाचन 2021 के लिए आरक्षण व आवंटन की प्रक्रिया को अंतिम रूप न दिया जाए। पंचायत चुनाव में जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत के स्थानों और पदों का आरक्षण व आवंटन के लिए 11 फरवरी, 2021 को अधिसूचना जारी की गई, जिसके विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सरकार ने आरक्षण नियमावली जारी करते हुए चक्रानुक्रम फार्मूले पर आरक्षित सीटें निश्चित करने का निर्णय लिया था। वो पद जो गत पांच चुनावों में कभी आरक्षण के दायरे में नहीं आए, उनको प्राथमिकता के आधार पर आरक्षित किया जाना था। साथ ही वर्ष 2015 में जो पद जिस वर्ग में आरक्षित था इस बार उस वर्ग में आरक्षित नहीं रहेगा। यानी आरक्षण के चक्रानुक्रम में आगे बढ़ा जाएगा।
More Stories
Pratapgarh school girl suicide: मजदूरी कर बेटी को पढ़ा रही थी मां, 800 रुपये के लिए परीक्षा से रोका, सुसाइड
जैक्सन वाइल्ड लिगेसी अवार्ड से सम्मानित हुए वाइल्ड लाइफ फिल्म प्रोड्यूसर माइक एच पांडेय, जानें उनका गोरखपुर कनेक्शन
गोरखपुर में बना एशिया का पहला जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र, सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे उद्घाटन