July 5, 2024

‘कोरोनानामा: बुजुर्गों की अनकही दास्तान’ के कवर का लोकार्पण

पुस्तक 'कोरोनानामा - बुजुर्गों की अनकही दास्तान' मूलरूप से रिपोर्ताज-संग्रह है, जो कोरोना-काल में बुजुर्गों के प्रति सजगता को परिलक्षित करती हुई उनकी विशिष्ट भूमिकाओं पर केन्द्रित एक ग्राउण्ड रिपोर्ट है।

कुमार विश्वास, श्लेष गौतम ने किया कवर का लोकार्पण

कोरोनानामा देश के विभिन्न कोनों के बुजुर्गों पर रिपोर्ताज है

प्रयागराज। गीतकार यश मालवीय के आवास पर रविवार को बुजुर्गों के कल्याण के लिए समर्पित दादीदादा फॉउण्डेशन द्वारा प्रस्तुत पुस्तक ‘कोरोनानामा: बुजुर्गों की अनकही दास्तान’ के मुखपृष्ठ का अनावरण प्रख्यात कवि कुमार विश्वास, गीतकार डॉ. श्लेष गौतम और पुस्तक के संपादक युवा स्तम्भकार एवं ब्रॉडकास्टर अमित राजपूत द्वारा किया गया। पुस्तक ‘कोरोनानामा – बुजुर्गों की अनकही दास्तान’ मूलरूप से रिपोर्ताज-संग्रह है, जो कोरोना-काल में बुजुर्गों के प्रति सजगता को परिलक्षित करती हुई उनकी विशिष्ट भूमिकाओं पर केन्द्रित एक ग्राउण्ड रिपोर्ट है। इसमें पाठकों को इस सामाजिक आपातकाल में वरिष्ठ नागरिकों की सेवा, सहयोग और सम्मान के कुछ अप्रतिम उदाहरणों के बारे में पढ़ने को मिलेगा। इसमें देश के अलग-अलग हिस्सों से प्राप्त कुल आठ रिपोर्ताज शामिल किये गये हैं। इन्हें देश के विभिन्न प्रान्तों के पेशेवर व गैर पेशेवर पत्रकारों और रिपोर्टर्स ने लिखे हैं, जिनका संपादन अमित राजपूत ने किया है। अमित राजपूत इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पुराछात्र और हॉलैण्ड हाल छात्रावास के अंत:वासी रहे हैं। इस पुस्तक का प्रकाशन नई दिल्ली स्थित प्रभात प्रकाशन कर रहे हैं, जो शीघ्र ही प्रकाशित होगी और पाठकों के हाथों में पहुँचेगी। मालूम हो कि दादीदादा फॉउण्डेशन देश के अठारह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों की बेहतरी के लिए काम करता है।

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