जानिए योगी सरकार क्यों माफिया विधायक मोख्तार अंसारी को यूपी लाने को है बेचैन

  • मोख्तार अंसारी को लेकर यूपी व पंजाब सरकार में छिड़ी थी जंग
  • योगी सरकार हर सूरत में लाना चाहती है बाहुबली को यूपी
  • भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का है आरोप, सीबीआई कर रही जांच

माफिया विधायक मोख्तार अंसारी (MLA Mukhtar Ansari) की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार यूपी सरकार (UP Government) को इस मामले में सफलता हाथ लग ही गई।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दो सप्ताह के भीतर विधायक मोख्तार अंसारी को यूपी के जेल में शिफ्ट करने का आदेश दे दिया है। दो साल से पंजाब के रोपड़ जेल (Ropar Jail) में बंद मोख्तार अंसारी को पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने यूपी भेजने से इनकार कर दिया था।

बाहुबली विधायक का अब प्रयागराज की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में ट्रायल होगा। यहां तय होगा कि अंसारी को बांदा की जेल (UP Jail) में रखा जाएगा या फिर किसी अन्य जेल में। जस्टिस अशोक भूषण और आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने आदेश दिया कि विधायक मोख्तार अंसारी (MLA Mukhtar Ansari) को दो हफ्ते के अंदर यूपी को सौंपा जाए।

मोख्तार अंसारी को लेकर यूपी व पंजाब सरकार में छिड़ी थी जंग

यूपी के मऊ सदर सीट से विधायक मोख्तार अंसारी पर पंजाब में एक केस के मामले में यहां से ले जाया गया था। इसके बाद से वह रोपड़ जेल (Ropar Jail) में ही बंद हैं।
पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने जबरन वसूली और आपराधिक धमकी की शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ प्रोडक्शन वारंट हासिल किया था।

यूपी के साॅलिसिटर जनरल ने बताया, बाहुबली के कारोबार के बारे में

उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) की तरफ से कोर्ट (Supreme Court) में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 3 मार्च को सुनवाई के दौरान बताया कि बाहुबली विधायक मोख्तार अंसारी (MLA Mukhtar Ansari) पंजाब की रोपड़ जेल (Ropar Jail) से अपना कारोबार संचालित कर रहे हैं। मेहता ने कहा कि जिस एफआईआर के कारण पंजाब पुलिस ने अंसारी की गिरफ्तारी की थी उसमें साफतौर से मुख्तार अंसारी का नाम नहीं था। मजिस्ट्रेट के निर्देश के बिना बांदा जेल अधीक्षक द्वारा सौंपे जाने के बाद अंसारी को पंजाब ले जाया गया।

योगी सरकार हर सूरत में लाना चाहती है बाहुबली को यूपी

MLA Mukhtar Ansari

यूपी सरकार (Yogi Government) किसी भी सूरत में विधायक मोख्तार अंसारी को लाना चाहती है। इसके लिए वह सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। यूपी सरकार ने विधायक मोख्तार अंसारी को पंजाब से ले जाने के लिए एक याचिका दायर की थी।

हालांकि, बीते दिनों यूपी सरकार (UP Government) की याचिका पर पंजाब सरकार (Punjab Government) ने जेल अधीक्षक की ओर से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एफिडेविट दायर किया था।

एफिडेविट में जेल अधीक्षक की ओर से बताया गया कि मोख्तार अंसारी (MLA Mukhtar Ansari) हाई बीपी, मधुमेह, अवसाद, पीठ दर्द और त्वचा की एलर्जी से पीड़ित है। ऐसी स्थिति में उसे यूपी नहीं भेजा जा सकता। एफिडेविट में यूपी पुलिस की याचिका को खारिज करने की भी मांग की गई थी। पंजाब सरकार ने कहा कि वह अंसारी का इलाज कर रहे चिकित्सकों की राय पर काम कर रही है।

पंजाब सरकार ने कहा कि मोख्तार अंसारी को यूपी से दूर रखने के लिए पहले से कोई मंशा नहीं थी। अनुरोध किया गया है कि यूपी सरकार की याचिका विचार के योग्य नहीं है। पंजाब के दायर किए गए एफिडेविट के बाद से यूपी सरकार की ओर से भी लगातार सुप्रीम कोर्ट में दलीलें दी जा रही थी और सुनवाई कर बार हो चुकी।
आज 26 मार्च को इसी के तहत सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई करते हुए बाहुबली विधायक मोख्तार अंसारी को यूपी को सौंपने का आदेश दिया है।

भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप, सीबीआई कर रही जांच

पूर्वांचल के माफिया विधायक मोख्तार अंसारी (MLA Mukhtar Ansari) पर उत्तर प्रदेश में 14 आपराधिक केस दर्ज हैं। यूपी सरकार चाहती है कि यहां की पुलिस उनको कस्टडी में ले। यूपी में बीजेपी सरकार है।

मोख्तार पर सबसे बड़ा केस बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड (BJP MLA Krishnanand Rai Murder Case) का है। इस हत्या में वह मुख्य आरोपी है। सीबीआई कोर्ट में यह मामला चल रहा है।

BJP Ex MLA Late Krishnanand Rai

स्वर्गीय कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय (BJP MLA Alka Rai) वर्तमान में बीजेपी से विधायक हैं। BJP MLA Krishnanand Rai Murder Case में वह कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी (Congress Priyanka Gandhi) को पत्र लिखकर कांग्रेस पर बाहुबली को बचाने का आरोप लगा चुकी हैं।

इस मामले में पंजाब में चल रहा है मोख्तार पर केस

माफिया विधायक मोख्तार अंसारी पर पंजाब के एक बिल्डर से दस करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप है। पंजाब पुलिस दो साल पहले माफिया को मोहाली लेकर गई थी। मोहाली के एक बड़े बिल्डर को मोख्तार ने फोन कर दस करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। बीते 24 जनवरी 2019 को माफिया को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। तब से वह जांच के चलते रोपड़ जेल में बंद है।