September 20, 2024
Campus

खूब लड़ेगी मर्दानी…यूपी के एक विश्वविद्यालय की महिला प्रशासनिक अधिकारी ने संकायाध्यक्ष का खोला कच्चा-चिट्ठा, रात में महिलाओं को कैंप में रूकने का बनाते दबाव…

विवि की एक महिला प्रशासनिक अधिकारी ने पूर्वांचल के एक कॉलेज से वहां नियुक्ति पाए एक प्रोफेसर और उनके गैंग पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं।

University Campus: यूपी के विश्वविद्यालयों के कैंपस विवादों का अड्डा बन रहा है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यह अपना योगदान देने में भले ही पिछड़ रहे लेकिन उत्पीड़न के मामलों में सबको पीछे छोड़ने की कोशिशों में हैं। गोरखपुर विवि, लखनऊ विवि तो विभिन्न विवादों की वजह से सुर्खियों में रहे ही हैं पश्चिम UP का भी एक विश्वविद्यालय अपने संकायध्यक्ष और कुछ शिक्षक-कर्मचारियों की वजह से सुर्खियां बटोर रहा है। विवि की एक महिला प्रशासनिक अधिकारी ने पूर्वांचल के एक कॉलेज से वहां नियुक्ति पाए एक प्रोफेसर और उनके गैंग पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं।

आइए जानते हैं क्या-क्या बातें कहीं महिला प्रशासनिक अधिकारी ने…पढ़िए पूरा मैसेज…

संकायाध्यक्ष …जी की क्रियाकलापों की चर्चा साथियों हम पूर्व कर रहे थे तो मैं आपसे यह बताना चाहती हूं। आप पहले जहां कार्यरत थे अपने मूल विभाग में भी कई घोटाले घपले करके इस विश्वविद्यालय में नियुक्त हो गए। अब नियुक्ति के बाद से अब तक जिन जिन पदों पर रहे हैं वहां अपने पद का दुरुपयोग ही किया है। पिछले कई वर्ष आप जो एनएसएस के कोऑर्डिनेटर रहे कोऑर्डिनेटर रहने के दौरान आपका महिला कर्मियों,महिला शिक्षिकाओं को शिविर में रात्रि में रुकने के लिए इनका दबाव रहता था। हमारी कई आदरणीय बहने जब नाराज हो गई तो इनकी शिकायतें की गई।

फिर बाद में एक बड़े चेंबर में बैठकर इनकी शिकायतों को रफा-दफा कर दिया जाता है। ऐसी घटनाएं विश्वविद्यालय में पूर्व में भी हुई हैं। एक बार कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष ने एक महिला प्रोफेसर से रूसा कार्यालय में अभद्रता की। जब मुझे जानकारी हुई तो मैं उनकी मदद के लिए पहुंच गई। उनकी मदद की, तत्कालीन माननीय कुलपति जी से कहा। पुलिस में भी शिकायत की गई। फिर उस बड़े चेंबर में अगले दिन मामले को रफा-दफा करवा दिया माफी मंगवा दी।

जब ऐसी घटना में उस कर्मचारी नेता को माफ करवा दिया गया और पीड़ित महिला ने तुरंत माफ भी कर दिया लेकिन जो उनके मददगार थे खासतौर से मैं मेरे ऊपर मुसीबतों की शुरुआत हो गई।

और कर्मचारी नेता के हौसले बुलंद हो गए। उसके ठीक 1 महीने बाद 6 घटनाएं विश्वविद्यालय में हुई…तो साथियों जब किसी सामाजिक अपराधी को एवं किसी आर्थिक अपराधी को भले ही कानून में सजा ना दी हो लेकिन सब जानते हैं कि कौन क्या कर रहा है।

बड़े-बड़े कार्यालय में माफी दे दी जाती है तो निश्चित हमारी संस्था पर उसका कुप्रभाव पड़ता है। इनके संरक्षण का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि पिछले 6 माह से अधिक हो गए मैंने भी कई बार शिकायत की लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ। बल्कि यह लोग सबको मुंह चिढ़ा रहे हैं कि क्यों बिगाड़ लोगे हमारा, हम तो कितने ताकतवर हैं।

लेकिन यह ताकत का असर जब तक है, सब जानते हैं। दो ढाई साल तक यह अधिकारियों के साथ खूब अच्छा व्यवहार रखते हैं इसके बाद जब उनका जाने का समय आ जाता है तो फिर यह भूल जाते हैं कि यह किसी के दत्तक पुत्र थे, किसी के धर्म भाई थे, किसी के कौन थे । अपनी षड्यंत्रकारी नीतियों से उनकी नाव को डूबा देते जिनके यह नाविक थे।

इनके ग्रुप लीटर डॉ… और इनके ग्रुप के सदस्यों का पिछले 15-20 साल का इतिहास यही बताता है कि कभी किसी का साथ सही समय पर नहीं दिया जब कई पूर्व माननीय कुलपति यहां से विदा होकर चले जाते हैं तो फिर बाद में ये लोग फोन भी नहीं उठाते।

इतने वीडियो आप लोगों ने पिछले एक माह में देख लिए इतनी चर्चाएं समाज संस्थान मीडिया चैनल्स, विधान परिषद, विधान सभा के सदस्यगणों के पत्राचार… लेकिन फिलहाल किसी भी पीड़ित को न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है। मैं तो सभी पीड़ित भाइयों, बहनों से यही कहूंगी ध्यान रखिए यह …विश्वविद्यालय है। यहां जितने भी प्रोफेसर महिला उत्पीड़न के करने वाले एवं भ्रष्टाचार करने वाले पूर्व में हुए हैं… हालात चाहे जो भी बने हो आखिर उन्हें विश्वविद्यालय के सिस्टम से जाना ही पड़ा। नौकरी भी नहीं बचा पाए और पगड़ी भी नहीं बचा पाए।

हमारी लडाई बहुत लंबी है बहुत देर एक दूसरे के साथ प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष सहयोग के साथ चलना होगा। यह विश्वविद्यालय हमारी मात्र संस्था है और हमारी मात्र संस्था के अंदर जो कुछ चल रहा है, हम अपना नैतिक दायित्व सभी लोग निभाते रहे ऐसी मेरी सभी से विनम्र प्रार्थना है। शेष बातें कल करेंगे।सभी को शुभ रात्रि…

(Disclaimer: University name, Professor name and Victims names hidden due to sensitive issue)

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