November 22, 2024
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प्रभु श्रीराम की नगरी में अनूठा प्रेम, युवक ने किन्नर के साथ लिए सात फेरे

प्रेम दुनिया को खूबसूरत बनाता है, सारे भेद मिटा देता है। ये प्रेम ही है जो हर बंधन से मुक्त है। प्रेम में रहने वाला जमाने की हर बंदिशें तोड़ सकता। प्रभु श्री राम की अयोध्या में एक ऐसी ही दीवानगी देखने को मिली।

प्रेम दुनिया को खूबसूरत बनाता है, सारे भेद मिटा देता है। ये प्रेम ही है जो हर बंधन से मुक्त है। प्रेम में रहने वाला जमाने की हर बंदिशें तोड़ सकता। प्रभु श्री राम की अयोध्या में एक ऐसी ही दीवानगी देखने को मिली। एक युवक और एक किन्नर ने जब शादी के बंधन में बंधने के लिए सात फेरे लिए तो जमाना इस दुर्लभ प्रेम को देखता रह गया।

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अयोध्या के नंदीग्राम में स्थित एक मंदिर में शिवकुमार नाम के युवक ने किन्नर अंजलि सिंह से अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए हैं। बकायदा वैदिक मंत्रोचार के बीच दोनों के विवाह की रस्में निभाई गयीं।अयोध्या नगर से सटे ग्रामीण क्षेत्र नंदीग्राम भरतकुंड में महाराजा विक्रमादित्य के स्थापित प्राचीन मंदिर में किन्नर अंजलि सिंह पुत्री स्वर्गीय अनिल सिंह की शादी धूमधाम से की गयी। अंजलि सिंह का दामन थामा प्रतापगढ़ के गहरौली मजरे शुकुलपुर के रहने वाले शिव कुमार वर्मा ने। शिव ने दूल्हा बनकर अग्नि को साक्षी मानकर वैदिक मंत्रोचार के बीच अंजली सिंह के साथ सात फेरे पूरे किये। मंदिर के पुजारी हनुमान दास की देखरेख में पंडित अरुण तिवारी ने शादी की रस्में पूरी करायी।

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हमें भरोसा है एकदूसरे पर, साथ निभाएंगे जीवनभर: शिव

समाज में तिरस्कृत नजरिये से देखे जाने वाले किन्नर समाज से जुड़े एक सदस्य के साथ जिंदगी बिताने का साहसिक फैसला लेने वाले दूल्हा शिव कुमार ने बताया कि बीते डेढ़ सालों से अंजलि के साथ उनका प्रेम प्रसंग चल रहा था। उन्होंने ये पाया कि अब बिना अंजलि के वो जी नहीं सकते इसलिए उन्होंने अंजलि के साथ शादी कर ली है। शिव कुमार ने कहा कि मुझे भरोसा है कि हम दोनों एक अच्छी जिंदगी जी सकते हैं। भविष्य में किसी बेसहारा बच्चे को गोद लेकर हम अपने परिवार को बढ़ा लेंगे। मैं इस शादी से बेहद खुश हूं।

हम प्रेमी हैं सबकुछ भूलकर प्रेम करते: अंजली

दुल्हन बनी किन्नर अंजलि सिंह ने कहा कि हम दोनों एक दूसरे से बेपनाह मोहब्बत करते हैं। दुनिया समाज की बातों को भूलकर हमने एक साथ जीने मरने की कसम खाई है। हमारे किन्रर समाज को दुनिया अच्छी नजरों से नहीं देखती है। इसलिए अभी हम दोनों के इस फैसले को स्वीकार करने में दोनों परिवारों को थोड़ी समस्या हो रही है लेकिन बच्चों की खुशी में मां-बाप अपनी खुशियां ढूंढ़ते हैं। हमारे परिवार के लोग इस फैसले से खुश हैं। धीरे-धीरे सबकुछ सामान्य हो जायेगा।

इस शादी समारोह में प्रतापगढ़ से करीब 10 से ज्यादा बाराती बनकर शामिल हुये। उन्होंने इस मांगलिक आयोजन में नव युगल को आशीर्वाद दिया।

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