October 13, 2024
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संस्मरण 'अनलीश्ड' में पीएम मोदी की जमकर तारीफ की

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संस्मरण ‘अनलीश्ड’ में पीएम मोदी की जमकर तारीफ की​

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को "परिवर्तन का वाहक" बताया है और भारत तथा ब्रिटेन के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने में उनके द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की है. अपने नए संस्मरण में उन्होंने खुलासा किया है कि एक दशक पहले जब वह लंदन में पहली बार भारतीय नेता से मिले तो उन्होंने उनकी "जिज्ञासु अलौकिक ऊर्जा" को महसूस किया.

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को “परिवर्तन का वाहक” बताया है और भारत तथा ब्रिटेन के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने में उनके द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की है. अपने नए संस्मरण में उन्होंने खुलासा किया है कि एक दशक पहले जब वह लंदन में पहली बार भारतीय नेता से मिले तो उन्होंने उनकी “जिज्ञासु अलौकिक ऊर्जा” को महसूस किया.

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को “परिवर्तन का वाहक” बताया है और भारत तथा ब्रिटेन के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने में उनके द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की है. अपने नए संस्मरण में उन्होंने खुलासा किया है कि एक दशक पहले जब वह लंदन में पहली बार भारतीय नेता से मिले तो उन्होंने उनकी “जिज्ञासु अलौकिक ऊर्जा” को महसूस किया.

‘अनलीश्ड’ शीर्षक से प्रकाशित इस संस्मरण में बोरिस जॉनसन ने उनके राजनीतिक जीवनकाल का विवरण साझा किया है. प्रकाशक ने इसे एक ऐसी पुस्तक बताया है जो आधुनिक प्रधानमंत्रियों के संस्मरणों के सांचे से अलग है क्योंकि यह पत्रकार से नेता बने पूर्व प्रधानमंत्री की अनूठी शैली में लिखी गई है.

अपनी पुस्तक में भारत-ब्रिटेन संबंधों को एक पूरा अध्याय समर्पित करते हुए जॉनसन ने लंदन के मेयर से लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में नई दिल्ली और लंदन में पीएम मोदी के साथ महत्वपूर्ण बैठकों को याद किया.

बोरिस जॉनसन ने साल 2012 में टेम्स नदी के किनारे पीएम मोदी के साथ पहली मुलाकात को याद करते हुए कहा कि उन्होंने पीएम मोदी की “जिज्ञासु अलौकिक ऊर्जा” को महसूस किया जब उन्होंने उनका हाथ पकड़कर भारतीय समर्थकों की भीड़ के सामने ऊपर किया.

जॉनसन ने पीएम मोदी को परिवर्तन का वाहक बताया

जॉनसन दो कार्यकाल के लिए लंदन के मेयर रहे. उन्होंने उस घटना के बाद भारतीय प्रधानमंत्री को “परिवर्तन का वाहक” बताया था, जिसकी “भारत-ब्रिटेन संबंधों को आवश्यकता है.” उन्होंने संस्मरण में लिखा है, “मोदी के साथ, मुझे यकीन था कि हम न केवल एक महान मुक्त-व्यापार सौदा कर सकते हैं, बल्कि मित्र और समान के रूप में एक दीर्घकालिक साझेदारी भी बना सकते हैं.”

पुस्तक में, जॉनसन ने अप्रैल 2022 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में अपनी पहली भारत यात्रा की “जबरदस्त सफलता” को भी याद किया जब वह पहली बार अहमदाबाद पहुंचे और साबरमती आश्रम का दौरा किया. जॉनसन ने किताब में लिखा है कि इस यात्रा से उनका मनोबल बढ़ा और अपने देश में उथल-पुथल भरे राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए यह “आत्मा के लिए मरहम” साबित हुई.

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ने बताया कि हैदराबाद हाउस में 22 अप्रैल 2022 को दोनों नेताओं के बीच बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और मानवीय स्थिति के बारे में उनकी चिंता का “कड़े शब्दों में” उल्लेख किया गया था, हालांकि जॉनसन ने चाहते थे कि भारत रूस के साथ अपने संबंधों पर पुनर्विचार करे.

उन्होंने लिखा है, “…मैं सोच रहा था कि क्या यह रणनीति में बदलाव, पुनर्विचार का समय नहीं था. मैंने भारतीयों से कहा कि रूसी मिसाइलों की सटीकता टेनिस के कोर्ट पर मेरी पहली सर्विस से भी खराब साबित हो रही थीं. क्या (इसके बावजूद) वे वास्तव में रूस को अपने सैन्य साजो-सामान का मुख्य आपूर्तिकर्ता बनाए रखना चाहते हैं?”

पूर्व भारतीय राजदूत ने बताया, कैसे बने पीएम मोदी और जॉनसन के रिश्ते

बोरिस जॉनसन की किताब ‘अनलिश्ड’ में पीएम मोदी की तारीफ की पर भारत के पूर्व राजदूत अशोक सज्जनहार ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि, जब जॉनसन भारत आए थे तो पीएम मोदी से मिलने के लिए काफी उत्सुक थे. तब उनके विदेश मंत्रालय ने उन्हें मिलने से मना कर दिया था. ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा था कि वह हिंदू राष्ट्रवादी हैं. आपको उनसे नहीं मिलना चाहिए. तब वह पीएम मोदी से नहीं मिले. लेकिन बाद में जब वह आए और पीएम मोदी से मिले तो काफी प्रभावित हुए. तब उन्हें लगा कि उनके पास कोई अलौकिक शक्ति है. उसके बाद पीएम मोदी और जॉनसन के बीच रिश्ते बहुत अच्छे हो गए. उसके बाद दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर भी बात हुई. पीएम मोदी के उन पर प्रभाव डालने के बाद ही दोनों देशों के बीच संबंध बहुत तेजी से मधुर हुए.

वरिष्ठ पत्रकार और भू-राजनीतिक विशेषज्ञ फरीद जकारिया ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में पीएम मोदी एक मूल्यवान मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं. इस पर पूर्व राजदूत ने कहा कि जकारिया बिल्कुल सही कह रहे हैं. पूरी दुनिया में सिर्फ दो ही ऐसे लोग हैं जो रूस और यूक्रेन दोनों के नेताओं से बात कर सकते हैं. एक हैं तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन और दूसरे हैं पीएम मोदी. इन दोनों के अलावा कोई तीसरा बड़ा नेता नहीं है जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से बात कर सके.

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