November 24, 2024
गाजा की बर्बादी, हमास हिज्बुल्लाह के खात्मे के बाद क्या महफूज हो जाएगा इजरायल? 3 डेप्लोमेट्स ने समझाया

गाजा की बर्बादी, हमास-हिज्बुल्लाह के खात्मे के बाद क्या महफूज हो जाएगा इजरायल? 3 डेप्लोमेट्स ने समझाया​

हजारों लोगों की मौत और लाखों लोगों को बेघर करके भी इजरायल सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है. उसका कहना है कि जब तक वह पूरी तरह सुरक्षित नहीं होगा, ये हमले होते रहेंगे.

हजारों लोगों की मौत और लाखों लोगों को बेघर करके भी इजरायल सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है. उसका कहना है कि जब तक वह पूरी तरह सुरक्षित नहीं होगा, ये हमले होते रहेंगे.

इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास (Hamas) के बीच एक साल से भी ज्यादा वक्त से चल रहे युद्ध में गाजा पट्टी (Gaza Strip) पूरी तरह से तबाह हो गई है. वहां एक विशाल बस्ती थी, जो अब मलबे में तब्दील हो चुकी है. इजरायल के मुताबिक, हमास खत्म हो चुका है. हमास तो फिर भी इजरायल (Israel-Hamas War) पर हमले का ज़िम्मेदार था, लेकिन इजरायल ने लेबनान के मिलिशिया ग्रुप हिज्बुल्लाह को भी टारगेट किया. इजरायली सेना (IDF) के हमलों से हिज्बुल्लाह की पूरी लीडरशिप खत्म हो गई है. यही नहीं, इजरायल ने ईरान के खिलाफ भी मोर्चा खोला. हालांकि, हजारों लोगों की मौत और लाखों लोगों को बेघर करके भी इजरायल सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है. उसका कहना है कि जब तक वह पूरी तरह सुरक्षित नहीं होगा, ये हमले होते रहेंगे. भारत में पूर्व अमेरिकी राजदूत टिम रोमर ने भी यही बात दोहराई. समिट में आए अन्य डेप्लोमेट की भी ऐसी ही राय थी.

NDTV वर्ल्ड समिट में आए दिग्गज और वर्ल्ड लीडर इस बात को रेखांकित करते रहें कि युद्ध रुकना चाहिए, लेकिन रुक नहीं रहा. इजरायल अपनी सुरक्षा के नाम पर इस युद्ध को जारी रखे हुए है. 21 और 22 अक्टूबर को नई दिल्ली में हुए NDTV वर्ल्ड समिट 2024 में भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने कहा, “जाहिर है, इतनी तबाही और बर्बादी के बीच भी इजरायल खुद को सुरक्षित क्यों महसूस नहीं कर रहा? क्या ये सारी तबाही इजरायल में अलोकप्रिय हो रहे बेंजामिन नेतन्याहू ने बस अपनी कुर्सी बचाने और मज़बूत करने के लिए की?”

इजरायल और हिजबुल्लाह कौन किस पर पड़ रहा भारी, कहां जा रही लड़ाई

NDTV वर्ल्ड समिट 2024- द इंडिया सेंचुरी के दूसरे दिन मंगलवार (22 अक्टूबर) को भारत में पूर्व अमेरिकी राजदूत टिम रोमर (Tim Roemer)ने बताया कि आखिर इजरायल अपनी जिद पर क्यों अड़ा हुआ है. टिम रोमर ने कहा, “इजरायल का तर्क है कि शुरुआत उसने नहीं की, उस पर हमला हुआ है. लेकिन, इस तर्क के पीछे ये हकीकत छुपी रह जाती है कि बीते 75 साल पश्चिम एशिया में इजरायल अमेरिका और यूरोप की मदद से अपनी सुरक्षा के अधिकार के नाम पर लगातार कई देशों पर हमले करता रहा है. जाहिर है दूसरे देश भी अपनी कार्रवाई के लिए स्वतंत्र हैं.”

हमास-हिज्बुल्लाह को खत्म कर क्या सेफ हो जाएगा इजरायल?
इस सवाल पर टिम रोमर कहते हैं, “सच्चाई ये है कि आप हमास, हिज्बुल्लाह को खत्म कर दें. लेबनान और गाज़ा को तबाह कर दें. स्थायी शांति की सोचें, तो उससे हल नहीं निकलेगा. दुनिया भर का अनुभव है कि ऐसे टूटे-बिखरे संगठन फिर छापामार लड़ाइयों की शरण लेते हैं और मुल्कों को तबाह करते हैं. तो क्या ये युद्ध इज़रायल को कुछ और सुरक्षित रखेगा या उसे और अकेला छोड़ देगा? जाहिर तौर पर हमास और हिज्बुल्लाह को खत्म करके भी इजरायल सेफ नहीं हो सकता.”

क्या भारत जंग रोकने में कर सकता है मदद?
इस सवाल पर पूर्व अमेरिकी राजनयिक ने कहा, “भारत विशेष रूप से क्या कर सकता है? मुझे नहीं लगता कि वो इस समय मध्यस्थ है. मुझे लगता है कि वे संयोजक हैं. PM नरेंद्र मोदी यह सुनिश्चित करें कि जब वो ईरानियों से मिले, तो इजरायल के साथ तनाव कम करने का प्रयास करे. जब वो इजराइल से मिले, तो वो ये भी कह सके कि हम ईरान के साथ तनाव कैसे कम कर सकते हैं. मुझे नहीं लगता कि इजरायल अभी ऐसी स्थिति में है, जहां वो पीछे हटने वाला है और वो युद्ध विराम के लिए सहमत होने वाला है.”

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हमास ने चुकाई बहुत बड़ी कीमत
संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति कहते हैं, “हमास और हिज्बुल्लाह की तबाही के बाद भी इजरायल पहले से ज़्यादा असुरक्षित रहेगा. क्षेत्र में इजरायल ने अपने मिलिट्री ऑपरेशन तेज कर दिए हैं. अगर आप गाजा को देखें, तो जाहिर तौर पर वहां इजरायल ने हमास को नुकसान पहुंचाया है. हमास को बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. वहां, करीब 43 हजार फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. इनमें से ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं.”

तिरुमूर्ति कहते हैं, “इजरायल की इस जंग में ईरान भी अप्रत्यक्ष तौर पर शामिल है. वह हमास और हिज्बुल्लाह को फंडिंग और हथियार देता है. इजरायल और ईरान की दुश्मनी जगजाहिर है. लेबनान भी रिएक्ट कर सकता है. लिहाजा ये कहना जल्दबाजी होगी कि हमास-हिज्बुल्लाह की तबाही के बाद इजरायल महफूज है.”

ईरान ने बनाई इजरायल के 10 लीडर की हिट लिस्ट
बढ़ते तनाव के बीच ईरान ने बाकायदा 10 नेताओं की हिट लिस्ट जारी की है. इसमें इजरायल के प्रधानमंत्री से लेकर तमाम सेनाओं के अध्यक्ष और सलाहकार शामिल हैं:-

-ईरान की हिट लिस्ट में इजरायल के PM बेंजामिन नेतन्याहू हैं, जो हमास के खात्मे तक जंग रोकने को तैयार नहीं हैं.
-लिस्ट में दूसरा नंबर इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट का हैं. इन्होंने एक साल से चल रहे युद्ध की योजना से लेकर रणनीति तक तैयार की है.
-तीसरे नंबर पर इजरायली सेना प्रमुख हेरज़ी हालेवी हैं. इन्होंने कहा था कि हमास की मदद करने पर हिज्बुल्लाह को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.
-चौथा नंबर इजरायल के वायुसेना कमांडर तोमेर बार का है. इन्होंने हमास के खिलाफ ‘ऑपरेशन ऑर्चर्ड’ को अंजाम दिया था.
-लिस्ट में पांचवां नाम इजरायल के नौसेना कमांडर सलामा का है. हमास के गोताखोरों को रोकने में इन्होंने स्क्वाड्रन 916 में अहम भूमिका निभाई.
-छठा नंबर थल सेना प्रमुख तामिर यादई का है. ये IDF के ग्राउंड फोर्सेज कमांड की कमान संभालते हैं.
-ईरान की हिट लिस्ट में सातवां नाम इजरायल के डिप्टी चीफ जनरल स्टाफ आमिर बाराम का है. दक्षिण लेबनान में जवाबी गुरिल्ला अभियानों में ब्रिगेड की टोही कंपनी का नेतृत्व इन्हीं ने किया था.
-सैन्य खुफिया महकमा के चीफ आहरोन हालिवा लिस्ट में आठवें नंबर पर हैं. 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमास हमले की विफलताओं के बाद इस्तीफा दे दिया था.
-लिस्ट में नौवें नंबर पर ओरी गॉर्डिन का नाम है, जो उत्तरी कमान के प्रमुख हैं.
-10वें नंबर पर एलाइज़र तोलेदानो हैं, जो दक्षिणी कमान के प्रमुख हैं.

हिजबुल्लाह की इस ताकत ने उड़ा दिए हैं इजरायल के होश

आइए इजरायल के हमलों में मारे गए हमास और हिज्बुल्लाह कमांडरों की लिस्ट पर एक नज़र डालते हैं:-

हमास के मारे गए कमांडरों की लिस्ट

1. याह्या सिनवार
इस्माइल हानिया की मौत के बाद हमास की टॉप लीडरशिप में सिर्फ सिनवार ही बचा था. इसे गुरुवार को IDF ने मार गिराया. IDF को सेंट्रल गाजा की एक बिल्डिंग में हमास के 3 लड़ाके होने की सूचना मिली थी. इसके बाद एक रूटीन ऑपरेशन में उस पर स्ट्राइक की गई थी. मरने वालों के शव को देखा गया तो उनमें एक याह्या सिनवार का था.

याह्या सिनवार को ‘खान यूनिस का कसाई’ भी कहा जाता है. अमेरिका ने 2015 में उसे आतंकी घोषित किया था. सिनवार को ईरान का करीबी माना जाता है. ऐसी कई रिपोर्ट हैं, जिसमें दावा किया गया है कि ईरान उसे फंडिंग और प्रोटेक्शन देता है.

2. मोहम्मद दाएफ
इजराइल की मिलिट्री ने इससे पहले गाजा में हमास के ठिकानों पर हमले किए थे. गाजा के खान यूनिस इलाके में 13 जुलाई को ये हमले किए गए. इस दौरान हमास के टॉप कमांडर मोहम्मद दाएफ की मौत हो गई थी. इजरायल ने इससे पहले दाएफ को मारने की 7 बार कोशिश की थी.

मोहम्मद दाएफ को 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में हुए रॉकेट हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था. इस दिन हमास ने गाजा की जमीन से इजरायल की तरफ कम से कम 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागे थे. इन हमलों के बाद गाजा में जंग शुरू हो गई थी. हालांकि, हमास ने अब तक दाएफ की मौत की पुष्टि नहीं की है.

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3. इस्माइल हानिया
हमास चीफ इस्माइल हानिया की 31 जुलाई को ईरान की राजधानी तेहरान में हत्या कर दी गई थी. वो ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में शामिल होने गए थे. समारोह के बाद हानिया तेहरान के अति सुरक्षा वाले सैन्य परिसर में रुके थे. रात में सोते समय उन्हें निशाना बनाया गया. ईरान ने इस हत्या का आरोप इजरायल पर लगाया था. हालांकि, इजरायल ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी.

4. सालेह अल-अरौरी
2 जनवरी 2024 को बेरूत के दक्षिणी इलाके दहियाह पर एक इजरायली ड्रोन हमले में हमास के डिप्टी चीफ सालेह अल-अरौरी की मौत हो गई थी. अरौरी हमास के आर्मी विंग क़सम ब्रिगेड के संस्थापक भी थे.

हिज्बुल्लाह के मारे गए कमांडरों की लिस्ट

1. इब्राहिम कुबैसी
लेबनान के दो सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, 24 सितंबर को बेरूत के दक्षिणी इलाकों में इजरायल के किए गए हवाई हमलों में हिज्बुल्लाह के रॉकेट डिवीजन के कमांडर इब्राहिम कुबैसी की मौत हो गई.

2. इब्राहिम अकील
इजरायल ने 20 सितंबर को बेरूत के दक्षिण हिस्से में एयर स्ट्राइक की थी. इसमें हिज्बुल्लाह के ऑपरेशंस कमांडर इब्राहिम अकील की मौत हो गई. अकील हिज्बुल्लाह के टॉप मिलिट्री बॉडी जिहाद काउंसिल का मेंबर भी था.

अमेरिका ने इब्राहिम अकील को अप्रैल 1983 में बेरूत स्थित अमेरिकी दूतावास पर हुए ट्रक बम विस्फोट का संदिग्ध बताया था. इस विस्फोट में 63 लोग मारे गए थे. जबकि उसके छह महीने बाद अमेरिकी मरीन बैरक में हुए बम विस्फोट में 241 लोग मारे गए.

3. फउद शुकर
हिज्बुल्लाह के चीफ कमांडर फउद शुकर की 30 जुलाई को मौत हो गई थी. इजरायल ने बेरूत के दक्षिणी भाग में एयर स्ट्राइक की थी. इसी दौरान शुकर की भी मौत हो गई. शुकर हिज्बुल्लाह चीफ सयैद हसन नसरल्लाह का राइट हैंड बताया जाता था. फउद शुकर 4 दशक से भी ज्यादा समय तक हिज्बुल्लाह के प्रमुख चेहरों में शामिल रहा था.

संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2015 में फउद शुकर पर बैन लगा दिया था. वह 1983 में बेरूत में अमेरिकी मरीन बैरक पर बमबारी का प्रमुख संदिग्ध था. इस हमलों में 241 अमेरिकी सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी. फउद शुकर को 2019 में अमेरिका ने इंटरनेशनल टेररिस्ट घोषित किया था. उसके बारे में जानकारी देने पर अमेरिका ने 5 मिलियन डॉलर (करीब 42 करोड़) का इनाम रखा था.

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4. मोहम्मद नासिर
हिज्बुल्लाह के कमांडर मोहम्मद नासिर की 3 जुलाई को हुए हवाई हमलों में मौत हो गई थी. दक्षिण पश्चिम लेबनान में हुए इन हमलों की इजरायल ने जिम्मेदारी ली थी. नासिर हिज्बुल्लाह का सीनियर कमांडर था. वो फ्रंटियर में हिज्बुल्लाह के सारे ऑपरेशंस की देखरेख करता था.

5. तलेब अबदल्लाह
हिज्बुल्लाह के सीनियर फील्ड कमांडर तलेब अबदल्लाह की 12 जून को हुए हवाई हमलों में मौत हो गई थी. इन हमलों की जिम्मेदारी इजरायल ने ली थी. इजरायल ने बताया था कि उसके सैनिकों ने दक्षिणी लेबनान में कमांड और कंट्रोल सेंटर पर हमले किए थे.

लेबनान में सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि अबदल्लाह दक्षिणी सीमा पट्टी के मध्य क्षेत्र के लिए हिजबुल्लाह का कमांडर था. उसकी रैंक नासिर के बराबर थी.

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