October 31, 2024
Us Election 2024: डोनाल्ड ट्रंप जीतें या कमला हैरिस, अमेरिका में इस बार बनेगा यह रिकॉर्ड,

US Election 2024: डोनाल्ड ट्रंप जीतें या कमला हैरिस, अमेरिका में इस बार बनेगा यह रिकॉर्ड,​

इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में गर्भपात एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है. डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस खुलकर इसके समर्थन में आगे आई हैं. वहीं रिपब्लिकन उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसके खिलाफ नजर आ रहे हैं. चुनाव में महिलाओं की भूमिका को देखते हुए यह मुद्दा महत्वपूर्ण है.

इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में गर्भपात एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है. डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस खुलकर इसके समर्थन में आगे आई हैं. वहीं रिपब्लिकन उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसके खिलाफ नजर आ रहे हैं. चुनाव में महिलाओं की भूमिका को देखते हुए यह मुद्दा महत्वपूर्ण है.

अमेरिका में ह्वाइट हाउस की रेस अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है. पांच नवंबर को होने वाले मतदान से पहले हो रहे सर्वेंक्षणों में दोनों उम्मीदवारों में कांटे की टक्कर चल रही है. ताजा सर्वेक्षणों में डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनल्ड ट्रंप पर एक फीसदी से अधिक की बढ़त बनाए हुए हैं. इसमें अगले कुछ दिनों में बदलाव आने की संभावना है.इसे देखते हुए अंतिम दिनों में दोनों खेमे जमकर जोर लगा रहे हैं.यह चुनाव कोई भी जीते,लेकिन दो में से एक रिकॉर्ड का बनना तय है. आइए जानते हैं कि ये रिकॉर्ड क्या हैं और वो मुद्दे कौन से हैं जो इस चुनाव की दिशा तय कर रहे हैं.

राष्ट्रपति चुनाव में बनेंगे कौन से रिकॉर्ड

इस राष्ट्रपति चुनाव में अगर डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वे अमेरिकी इतिहास के सबसे बुजुर्ग राष्ट्रपति होंगे. वहीं अगर भारतीय मूल की कमला हैरिस चुनी जाती हैं तो वो अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी.

अमेरिका के इस राष्ट्रपति चुनाव में महिलाएं बहुत महत्वपूर्ण हैं. यही वजह है कि गर्भपात इस राष्ट्रपति चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बनकर मुद्दा है.डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच 10 सितंबर 2024 को हुई पहली टीवी बहस में भी यह मुद्दा प्रमुखता से उठा था. एक तरफ जहां रिपब्लिकन ट्रंप छह हफ्ते से अधिक के गर्भपात पर पाबंदी चाहते हैं. वहीं डेमोक्रेट कमला हैरिस महिला के अधिकारों का समर्थन करते हुए गर्भपात का अधिकार महिलाओं को देने की पक्षधर हैं.

राष्ट्रपति चुनाव में कितना बड़ा मुद्दा है गर्भपात

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में एक फैसला सुनाया था. इसके बाद वहां के कई राज्यों में गर्भपात और उसमें इस्तेमाल होने वाली दवाओं पर रोक लगाई गई थी.लेकिन महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने इस पाबंदी को गलत बताया था.अब राष्ट्रपति चुनाव के दौरान इस मामले को महिला वोटरों के बीच निजता और स्वतंत्रता से जोड़कर देखा जा रहा है.

आंकड़े बताते हैं कि 1994 से 2022 के बीच अमेरिका में हुए चुनावों में 18 से 64 साल तक की महिला मतदाता वोटिंग में पुरुषों से आगे रही हैं. प्रजनन के लिहाज से यह महिलाओं का सक्रिय आयुवर्ग है. इस आयुवर्ग की महिलाएं गर्भपात जैसे मुद्दे पर संवेदनशील हैं.इसे ध्यान में रखते हुए ही कमला हैरिस और उनकी पार्टी ने महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए ट्रंप पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों और गर्भपात के मुद्दे को हवा दे रहा है.यही वजह है कि महिला मतदाताओं में कमला हैरिस का समर्थन अधिक देखा जा रहा है. वहीं दूसरी ओर ट्रंप खेमा महिला मतदाताओं को लुभाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहा है.ट्रंप महिलाओं की मौजूदगी में गर्भपात जैसे मुद्दे पर बोल रहे हैं.

राष्ट्रपति चुनाव में महिलाओं की भूमिका

अमेरिका में अब तक भले ही कोई महिला राष्ट्रपति न बनी हो, लेकिन महिलाएं मतदान में पुरुषों से अधिक बढ़-चढ़कर भाग लेती हैं.आंकड़े बताते हैं कि बीते चार दशक में हुए राष्ट्रपति चुनावों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक रही है. इतना ही नहीं 1994 को छोड़कर अमेरिका में 1980 से अब तक पंजीकृत मतदाताओं में महिलाओं का ही पलड़ा भारी रहा है. यह संयोग ही होगा कि डोनल्ड ट्रंप जब 2016 में राष्ट्रपति चुने गए तो उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की हिलेरी क्लिंटन कराया था. वहीं इस बार एक बार फिर जब वो ह्वाइट हाउस की रेस में दौड़ रहे हैं तो, उनका मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस से है. इस बार बाजी किसके हाथ लगती है, इसे जानने के लिए हमें पांच नवंबर तक का इंतजार करना होगा.

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