November 28, 2024
छठ पूजा के आखिरी दिन कब दिया जाएगा उषा अर्घ्य, जानिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार में सूर्योदय का समय

छठ पूजा के आखिरी दिन कब दिया जाएगा उषा अर्घ्य, जानिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार में सूर्योदय का समय​

Chhath Puja Usha Arghya: इस साल छठ पूजा का आखिरी दिन 8 नवंबर के दिन पड़ रहा है और इसी दिन भगवान सूर्य को उषा अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा का समापन होगा. यहां जानिए दिल्ली समेत अन्य राज्यों में सूर्यास्त का समय क्या है.

Chhath Puja Usha Arghya: इस साल छठ पूजा का आखिरी दिन 8 नवंबर के दिन पड़ रहा है और इसी दिन भगवान सूर्य को उषा अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा का समापन होगा. यहां जानिए दिल्ली समेत अन्य राज्यों में सूर्यास्त का समय क्या है.

Chhath Puja 2024: छठ का महापर्व अपने आखिरी पड़ाव पर आ चुका है. चार दिनों तक चलने वाली छठ पूजा का समापन आखिरी दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होता है. इस साल 8 नवंबर के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और छठी मैया की कृपा के साथ छठ पूजा संपन्न की जाएगी. छठ की पूजा में सूर्य देव की उपासना का खास विधान होता है. ऐसे में यहां जानिए दिल्ली समेत किस राज्य में सूर्योदय का क्या समय है और किस तरह भगवान सूर्य को उषा अर्घ्य (Usha Arghya) दिया जाता है.

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उषा अर्घ्य का शुभ मुहूर्त | Usha Arghya Shubh Muhurt

दिल्ली – सुबह 6 बजकर 38 मिनट पर
पंजाब – सुबह 6 बजकर 43 मिनट पर
बिहार – सुबह 6 बजकर 2 मिनट पर
पश्चिम बंगाल – सुबह 5 बजकर 50 मिनट पर
उत्तर प्रदेश – सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर
झारखंड – सुबह 5 बजकर 58 मिनट पर

कैसे देते हैं उषा अर्घ्य

मान्यातानुसार छठ का व्रत रखने पर घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है और छठी मैया संतान को सही-सलामत रखती हैं. माना जाता है कि छठ पूजा करने पर व्यक्ति निरोगी रहता है, घर में सुख-शांति रहती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.

कार्तिक मास की सप्तमी तिथि पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. सुबह के सूर्य को अर्घ्य देते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि पैरों पर इस जल की बूंदे ना पड़ें.

भगवान सूर्य को अर्घ्य देते समय कुछ मंत्रों (Surya Mantra) का जाप करना बेहद शुभ माना जाता है. निम्न कुछ ऐसे ही मंत्र दिए जा रहे हैं जिनका जाप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दिया जा सकता है. यदि कोई मंत्र अर्घ्य देते समय याद नहीं रहता है तो भगवान सूर्य का नाम लेने भर से ही उनकी कृपा प्राप्त हो जाती है.

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उषा अर्घ्य के बाद ही व्रत खोला जाता है. व्रत तोड़ने के लिए कच्चे दूध से बना शरबत पिया जाता है और छठ पूजा का प्रसाद खाकर ही व्रत तोड़ते हैं. इसके साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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