शिमला के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) की अदालत ने ‘ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गनाइजेशन’ (एएचएमओ) द्वारा दायर अपील की पोषणीयता पर फैसला करने के लिए सुनवाई टाल दी, जिसमें नगर आयुक्त की अदालत के पांच अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी गई है.
यहां की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को संजौली मस्जिद मामले में सुनवाई टाल दी क्योंकि स्थानीय निवासियों ने अर्जी दायर करके इस मामले में उन्हें पक्षकार बनाये जाने का अनुरोध किया है.
शिमला के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) की अदालत ने ‘ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गनाइजेशन’ (एएचएमओ) द्वारा दायर अपील की पोषणीयता पर फैसला करने के लिए सुनवाई टाल दी, जिसमें नगर आयुक्त की अदालत के पांच अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी गई है. नगर आयुक्त की अदालत ने दो महीने के भीतर मस्जिद की तीन अनधिकृत मंजिलों को ध्वस्त करने की अनुमति दी थी.
एडीजे अदालत ने एएचएमओ की अपील और स्थानीय निवासियों द्वारा दायर अर्जी पर फैसला करने के लिए अगली सुनवाई 14 नवंबर को तय की है.शिमला स्थित संजौली मस्जिद के अध्यक्ष लतीफ मोहम्मद और मुस्लिम समुदाय के अन्य लोगों ने 12 सितंबर, 2024 को मस्जिद की तीन अनधिकृत मंजिलों को ध्वस्त करने की पेशकश की थी और नगर निगम आयुक्त से अनुमति मांगी थी.
नगर निगम आयुक्त की अदालत ने पांच अक्टूबर, 2024 को अनधिकृत मंजिलों को ध्वस्त करने की अनुमति दी और तोड़फोड़ का काम पूरा करने के लिए दो महीने का समय दिया. इसके बाद एएचएमओ ने आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी.
शिमला के संजौली इलाके में 11 सितंबर को एक मस्जिद के एक हिस्से को गिराने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान 10 लोग घायल हो गए थे.
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