प्रयागराज में छात्रों के प्रदर्शन पर सियासत भी गरमा चुकी है. एक तरफ जहां अखिलेश यादव यूपी सरकार को इस मुद्दे पर घेर चुके हैं. वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को पूछा कि ‘क्या उप्र के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं की इतनी कमी है कि पीसीएस समेत अन्य परीक्षाएं दो दिन में करानी पड़ रही हैं.
प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी है. सोमवार सुबह से प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्रों ने इस विरोध प्रदर्शन को शुरू किया था. प्रतियोगी परीक्षा के छात्रों द्वारा पीसीएस प्री 2024 (PCS Exam) और आरओ/एआरओ 2023 प्री परीक्षा को लेकर विरोध किया जा रहा है और इसके लिए छात्रों की 2 मांगें हैं. हालांकि, इन मांगों को लेकर प्रशासन और आयोग के अफसरों के साथ बातचीत बेनतीजा रही है. फिलहाल जो हालात बने हुए हैं, उससे ये विरोध प्रदर्शन जल्द खत्म होता हुआ नहीं दिख रहा है.
ड्रम, ढोल-ताशे बजाकर प्रदर्शन
लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के ‘पीसीएस-प्री’ और ‘आरओ-एआरओ’ की परीक्षा दो दिन में संपन्न कराने के निर्णय के विरोध में मंगलवार को आंदोलन के दूसरे दिन छात्रों ने ड्रम, ढोल-ताशे आदि बजाकर अपनी आवाज बुलंद की. जिससे आयोग के भीतर बैठे अधिकारियों तक उनकी आवाज पहुंच सके. आंदोलनकारी छात्रों ने रात खुले आसमान के नीचे गुजारी और मंगलवार की सुबह से फिर से धरना प्रदर्शन में जुट गए और आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के खिलाफ नारेबाजी की.
प्रदर्शन पर लोक सेवा आयोग ने क्या कहा
इस बीच, उप्र लोक सेवा आयोग ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘समय-समय पर प्रतियोगी छात्रों के आग्रह पर बदलते समय की जरूरतों को देखते हुए व्यवस्था/परीक्षा प्रणाली में सुधार किया जाता रहा है.” आयोग ने कहा, “अभ्यर्थियों की सुविधा के मद्देनजर पीसीएस की मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय हटाने का अभूतपूर्व निर्णय किया गया. इसी तरह से, अभ्यर्थियों की ‘स्केलिंग’ हटाने की मांग भी पूरी की गई.”
1 दिन, 1 परीक्षा की मांग पर अड़े छात्र
दो या दो से अधिक पालियों में परीक्षा को लेकर आयोग ने कहा, “उच्चतम न्यायालय द्वारा नीट परीक्षा के लिए गठित राधाकृष्णन समिति ने भी दो पालियों में परीक्षा कराने की सिफारिश की है. वहीं, पुलिस भर्ती परीक्षा कई पालियों में कराई गई.” इस बीच, एक छात्र ने बताया कि आयोग के सचिव अशोक कुमार दो बार आयोग के गेट से बाहर आए और उन्होंने आंदोलन कर रहे छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन छात्र ‘‘एक दिन, एक परीक्षा” की अपनी मांग पर अड़े हैं.
छात्रों ने कहा कि पिछले कई घंटों से छात्र लगातार संघर्ष कर रहे हैं और आयोग अपने रुख पर अड़ा है. उन्होंने कहा कि अगर संघ लोक सेवा आयोग एक ही दिन में परीक्षा करा सकता है तो इस आयोग को क्यों दिक्कत आ रही है.
क्या है आयोग के दिशानिर्देश
लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार ने बताया, ‘‘आयोग का दिशानिर्देश है कि सरकारी शिक्षण संस्थान को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाए और केंद्र मुख्यालय से 10 किलोमीटर के दायरे में हो. इससे पूर्व जब पेपर लीक हुआ था तो इन्हीं छात्रों ने मांग उठाई थी कि निजी संस्थानों को परीक्षा केंद्र ना बनाया जाए.” उन्होंने कहा, ‘‘जब सरकार ने छात्रों की मांग पर विचार करते हुए दिशानिर्देश बनाया तो अब ये छात्र विरोध कर रहे हैं. पीसीएस परीक्षा के लिए 5,76,000 परीक्षार्थियों का पंजीकरण है, जबकि सभी 75 जनपदों में 4,35,000 परीक्षार्थियों के लिए ही केंद्र मिल पा रहे हैं. ऐसे में दो दिन परीक्षा कराना मजबूरी है.”
छात्रों के हाथों में अलग-अलग नारे लिखी तख्तियां
आयोग ने सोमवार की रात एक बयान जारी कर कहा था, “परीक्षाओं की शुचिता और छात्रों के भविष्य को संरक्षित करने के उद्देश्य से परीक्षाएं केवल उन केंद्रों पर कराई जा रही हैं, जहां किसी प्रकार की गड़बड़ियों की कोई संभावना नहीं है. पूर्व में दूर-दराज के परीक्षा केंद्रों में कई प्रकार की गड़बड़ियां संज्ञान में आयी हैं, जिसे खत्म करने के लिए इन केंद्रों को हटाया गया है.” लोक सेवा आयोग के गेट के सामने बैठे छात्रों के हाथों में अलग अलग नारे लिखी तख्तियां थीं जिसमें किसी में लिखा था “बटेंगे नहीं, हटेंगे नहीं, न्याय मिलने तक एक रहेंगे”, तो किसी में लिखा था, “एक दिन, एक परीक्षा”
आयोग ने पिछले मंगलवार को इन परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा की. जहां पीसीएस प्री की परीक्षा के लिए सात और आठ दिसंबर की तिथि घोषित की गई है, वहीं समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ..एआरओ) प्री की परीक्षा के लिए 22 और 23 दिसंबर की तिथि घोषित की गई है.
(भाषा इनपुट्स के साथ)
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