November 19, 2024
Cci ने Meta पर लगाया 213 करोड़ रुपये का जुर्माना, Whatsapp प्राइवेसी पॉलिसी से जुड़े मामले को लेकर हुई कार्रवाई

CCI ने Meta पर लगाया 213 करोड़ रुपये का जुर्माना, WhatsApp प्राइवेसी पॉलिसी से जुड़े मामले को लेकर हुई कार्रवाई​

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ इस तरह की अपनी पहली कार्रवाई में, प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने ने सोमवार को WhatsApp को अपने पैरेंट कंपनी Meta के भीतर अन्य कंपनियों के साथ यूजर डेटा साझा करने से रोक दिया है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ इस तरह की अपनी पहली कार्रवाई में, प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने ने सोमवार को WhatsApp को अपने पैरेंट कंपनी Meta के भीतर अन्य कंपनियों के साथ यूजर डेटा साझा करने से रोक दिया है.

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सोमवार को सोशल मीडिया कंपनी मेटा (Meta) पर 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना 2021 में मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हॉट्सएप (WhatsApp) की प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव के बाद अनुचित व्यावसायिक तरीकों को अपनाने के लिए लगाया गया.इसके अलावा, CCI ने Meta को प्रतिस्पर्धा-रोधी व्यवहार को बंद करने और उनसे दूर रहने का निर्देश दिया है.

एक आदेश में कहा गया कि प्रतिस्पर्धा नियामक ने सोमवार को Meta पर अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.

आखिर क्यों हुई ये कार्रवाई?

सीसीआई ने डॉमिनेंस का दुरुपयोग करने के खिलाफ आदेश पारित करते हुए कहा कि यह जुर्माना इस बात से जुड़ा है कि व्हॉट्सएप की 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी को कैसे लागू किया गया, यूजर्स डेटा कैसे जमा किया गया और इसे मेटा की अन्य कंपनियों के साथ साझा किया गया.

WhatsApp द्वारा Meta की कंपनियों के साथ डेटा साझा करने से रोक

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ इस तरह की अपनी पहली कार्रवाई में, प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने ने सोमवार को WhatsApp को अपने पैरेंट कंपनी Meta के भीतर अन्य कंपनियों के साथ यूजर डेटा साझा करने से रोक दिया है.

क्या है WhatsApp प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट से जुड़ा ये मामला?

जनवरी 2021 में, WhatsApp ने यूजर्स को नोटिफाई किया था कि वह अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट कर रहा है. इस अपडेट के साथ, WhatsApp अधिक डेटा कलेक्ट करेगा और उसे Meta कंपनियों के साथ साझा करेगा. यूजर्स को इस अपडेट को एक्सेप्ट करना अनिवार्य था. हालांकि, यूरोपीय संघ (EU) में WhatsApp के यूजर्स इस अपडेट को एक्सेप्ट करने से मना कर सकते थे, क्योंकि वहां डेटा प्राइवेसी कानून काफी सख्त हैं. भारत में यूजर्स के पास ऐसा कोई विकल्प नहीं था.

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