धारावी प्रोजेक्ट के खिलाफ जहां राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे लगातार बयान दे रहे हैं, वहीं महाविकास अघाड़ी के नेता शरद पवार ने उनके बयानों को खारिज किया है. इसके बाद BJP आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने भी राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है.
मुंबई में स्थित एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी-बस्ती धारावी के रिडेवलपमेंट प्लान (Dharavi Redevelopment Plan) को लेकर कांग्रेस, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) लगातार अदाणी ग्रुप (Adani Group) को निशाना बना रहे हैं. लेकिन, महाराष्ट्र में कांग्रेस और उद्धव ठाकरे गुट के साथ ‘महाविकास अघाड़ी’ में शामिल शरद पवार (Sharad Pawar) इसे मुद्दा नहीं मानते. शरद पवार ने कहा, “जब धारावी के रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए मीटिंग हुई थी, उस समय अदाणी ग्रुप ने इसमें दिलचस्पी नहीं ली थी. नेगोशिएशन और डिस्कसन अदाणी ग्रुप के साथ नहीं हुई थी.” शरद पवार के इस बयान के बाद BJP के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कांग्रेस और उद्धव ठाकरे पर पलटवार किया है.
एक डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ इंटरव्यू में शरद पवार ने कहा, “धारावी का मुद्दा है ही नहीं. अदाणी ग्रुप को निशाना बनाया जा रहा है. जब धारावी के रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए मीटिंग हुई थी, तब गौतम अदाणी की इसमें दिलचस्पी नहीं थी. यहां तक कि धारावी का प्रोजेक्ट तो किसी दूसरी कंपनी को दिया गया था. वो लोग इस प्रोजेक्ट के लिए आए थे. धारावी प्रोजेक्ट को लेकर बेशक कुछ नेगोशिएशन और डिस्कसन हुई थी, लेकिन ये अदाणी ग्रुप के साथ नहीं हुई थी.”
BJP के IT सेल हेड ने क्या कहा?
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शरद पवार के बयान का वीडियो शेयर करते हुए राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है. अमित मालवीय ने कहा, “अब तो शरद पवार ने भी अदाणी को लेकर दिए गए राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे के बयानों को खारिज किया है. शरद पवार ने ये भी कहा कि अदाणी ग्रुप की तो धारावी रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में दिलचस्पी ही नहीं थी. “
मालवीय कहते हैं, “महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले MVA कैंप के एक सीनियर राजनेता का ऐसा बयान गठबंधन के लिए शर्मनाक है.” उन्होंने कहा, “मुंबई और महाराष्ट्र को गुमराह करने के लिए उद्धव ठाकरे और राहुल गांधी लगातार झूठ फैला रहे हैं. यह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला MVA ही था, जिसने धारावी रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए अदाणी ग्रुप के साथ डील की थी.”
क्या है धारावी प्रोजेक्ट?
अंग्रेजों के काल में बसी ये बस्ती आज एशिया की सबसे बड़ी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी झुग्गी-बस्ती है. 1999 में जब महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन की सरकार थी, तब पहली बार धारावी को रिडेवलप करने का प्रस्ताव रखा गया. इसके बाद 2003-2004 में महाराष्ट्र सरकार धारावी का रि-डेवलपमेंट प्लान लेकर आई. धारावी को एक इंटीग्रेटेड प्लान्ड टाउनशिप के रूप में रिडेवलप करने का फैसला लिया गया और प्रोजेक्ट के लिए टेंडर निकाले गए.
2011 में सरकार ने कैंसिल कर दिए सभी टेंडर
हालांकि, 2011 में सरकार ने सभी टेंडर कैसिंल कर दिए. इस प्रोजेक्ट के लिए लगी बोली को उद्धव ठाकरे सरकार ने साल 2019 में कैंसिल कर दिया था. इसके बाद महाराष्ट्र में सरकार बदली और एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई. बाद में इसमें अजित पवार भी शामिल हो गए. इसके बाद धारावी को लेकर एक मास्टर प्लान तैयार किया गया. 2022 में शिंदे सरकार ने अक्टूबर 2022 में नए टेंडर जारी किए.
2022 में अदाणी ग्रुप ने जीती बोली
29 नवंबर 2022 को ‘अदाणी प्रॉपर्टीज’ ने धारावी झुग्गी-बस्ती को रिडेवलप करने के प्रोजेक्ट की बोली जीत ली. अदाणी ग्रुप ने 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. धारावी प्रोजेक्ट के लिए बोली लगाने वालों में दूसरे नंबर पर DLF ग्रुप रहा था, जिसने 2,025 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी.
20 हजार करोड़ रुपये का है प्रोजेक्ट
मुंबई में 640 एकड़ में फैले धारावी के रि-डेवलपमेंट के लिए अदाणी ग्रुप और महाराष्ट्र सरकार जॉइंट वेंचर के तौर पर काम कर रहे हैं. धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट 20 हजार करोड़ रुपये का है. यहां रहने वाले लोगों को 7 साल में पक्के घरों में बसाने का टारगेट है. इस पूरे प्रोजेक्ट में 1 करोड़ वर्ग फीट से ज्यादा की जमीन आएगी. धारावी में टेनमेंट्स यानी घरों की गिनती और डिटेल्ड सर्वे करने के लिए एडिशनल फंड का यूज किया जा रहा है, जो मार्च 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है.
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