डायरेक्टर मंसूर खान ने हाल ही में फिल्म जो जीता वही सिकंदर का दिलचस्प किस्सा शेयर किया। उन्होंने कहा, फिल्म में आमिर ने संजू का किरदार निभाया था। संजू बुरे व्यवहार वाला इंसान होता है ,लेकिन इस रोल को करने के लिए लोगों ने आमिर को सिर्फ इसलिए माफ कर दिया क्योंकि वह पहले से ही एक स्टार था। आमिर फिल्म के हीरो नहीं विलेन थे- मंसूर आमिर खान के कजिन मंसूर अली खान ने इंडिया नाउ और हाउ में बातचीत के दौरान कहा, मेरी नजर में आमिर फिल्म के हीरो नहीं विलेन थे। क्योंकि आमिर का किरदार अच्छा नहीं था। वह अपने पिता के पैसे चुराता था, वह परीक्षा के पेपर बदल देता था, उसने पूजा बेदी के किरदार से झूठ बोला, उसने दोस्ती का फायदा उठाया, जबकि उसे पता था कि अंजलि यानी आयशा जुल्का उसे पसंद करती है। ‘स्टार कुछ गलत भी करे तो लोग माफ कर देते हैं’ मंसूर खान ने बात करते हुए फिल्म प्रोड्यूसर दीपक तिजोरी के किरदार को सपोर्ट किया, फिल्म में दीपक को आमिर के कॉम्पिटिटर के रूप में दिखाया गया था। मंसूर ने कहा, ‘आमिर उस समय पहले से ही एक स्टार थे, इसलिए लोगों ने उन्हें एक स्टार के रूप में ही देखा। यहां तक कि जब आमिर फिल्म में झूठ बोलते हैं, तो इतने अच्छे से बोलते हैं कि लोगों को उनका बुरा किरदार नजर नहीं आया। क्योंकि वो स्टार थे तो लोग उसे नजरअंदाज कर देते हैं – यह दुखद है।’ आगे उन्होंने कहा, ‘दीपक तिजोरी का किरदार असल में ज्यादा बेहतर था। उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। नायक और खलनायक के बीच अंतर होता है। आमिर मेरी फिल्म के नायक थे, लेकिन असल में वह नायक नहीं थे।’ इस फिल्म ने दो फिल्मफेयर पुरस्कार जीते जो जीता वही सिकंदर आमिर के करियर की बेहतरीन फिल्मों में से एक है। 22 मई 1992 को रिलीज हुई फिल्म जो जीता वही सिंकदर एक कल्ट क्लासिक फिल्म साबित हुई थी। इस फिल्म को फिल्मफेयर अवॉर्ड में 8 नॉमिनेशन मिले थे, जिसमें यह फिल्म बेस्ट फिल्म और बेस्ट एडिटिंग कैटेगरी में विजेता रही थी।बॉलीवुड | दैनिक भास्कर
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