अमेरिका में रिश्वत केस में अदाणी ग्रीन ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में आधिकारिक रूप से कहा है कि गौतम अदाणी या परिवार के किसी सदस्य पर रिश्वत देने का आरोप नहीं है. आरोपों का तथ्य जाने बिना राहुल गांधी ने एक घंटे की प्रेस कॉन्फ्रेंस की, लेकिन अब जब तथ्य सामने आ गए तो जवाब देते नहीं बन रहा. लेकिन राहुल गांधी अपनी हठधर्मिता पर जुटे हुए हैं. बुधवार को जब राहुल गांधी संसद पहुंचे तो उनसे पत्रकारों ने सवाल पूछा. पहले तो राहुल गांधी बिना कुछ बोले निकल गए. दोबारा पूछा तो भी चुप रहे और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बोले. जब तीसरी बार पत्रकारों ने पूछा तो राहुल ने कहा- सरकार अदाणी को बचा रही है. लेकिन उन्होंने इस बात का जवाब नहीं दिया कि जब अदाणी परिवार पर आरोप ही नहीं हैं तो उन्होंने क्यों उनके खिलाफ अभियान चलाया. गलती मानने के बजाय राहुल गांधी जिद पर अड़े नजर आए.
अमेरिका में रिश्वत केस में अदाणी ग्रीन ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में आधिकारिक रूप से कहा है कि गौतम अदाणी या परिवार के किसी सदस्य पर रिश्वत देने का आरोप नहीं है. आरोपों का तथ्य जाने बिना राहुल गांधी ने एक घंटे की प्रेस कॉन्फ्रेंस की, लेकिन अब जब तथ्य सामने आ गए तो जवाब देते नहीं बन रहा. लेकिन राहुल गांधी अपनी हठधर्मिता पर जुटे हुए हैं.
बुधवार को जब राहुल गांधी संसद पहुंचे तो उनसे पत्रकारों ने सवाल पूछा. पहले तो राहुल गांधी बिना कुछ बोले निकल गए. दोबारा पूछा तो भी चुप रहे और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बोले. जब तीसरी बार पत्रकारों ने पूछा तो राहुल ने कहा- सरकार अदाणी को बचा रही है. लेकिन उन्होंने इस बात का जवाब नहीं दिया कि जब अदाणी परिवार पर आरोप ही नहीं हैं तो उन्होंने क्यों उनके खिलाफ अभियान चलाया. गलती मानने के बजाय राहुल गांधी जिद पर अड़े नजर आए.
खरगे भी फंसे दिखे
इसी मामले में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी पार्टी की लाइन पर चलते हुए अदाणी समूह को घेरते रहे हैं. उन्होंने संसद में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग उठाई, लेकिन आज जब तथ्य सामने आए, पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कह दिया कि ना तो अदाणी परिवार रिश्वत के आरोप हैं और ना ही देश में रिश्वत दी गई तो खरगे काफी असहज दिखे. मात्र यह बोलकर मीडिया से बचते नजर आए कि मामले पर संसद में बहस की मांग की है.
भारतीय लोकतंत्र के खिलाफ राहुल गांधी?
अदाणी मुद्दे पर कांग्रेस और ख़ासकर राहुल गांधी एक बार फिर संसद की कार्यवाही चलने नहीं दे रहे. पहले भी ऐसा कर चुके हैं. जबकि हर बार अदाणी पर आरोप बेबुनियाद निकले. तो सवाल ये है कि क्या संसद की कार्यवाही रोककर राहुल देश के लोकतंत्र को नुकसान नहीं पहुंचा रहे. क्या फर्जी मुद्दों पर राजनीति तक राहुल गांधी विपक्ष को नुकसान नहीं पहुंचा रहे, क्या विपक्ष को नुकसान पहुंचाकर राहुल गांधी लोकतंत्र को कमजोर नहीं कर रहे?
भारतीय निवेशकों के खिलाफ राहुल गांधी
अमेरिका में बिना सबूत आरोप लगते हैं, राहुल गांधी प्रेस कांग्रेस करते हैं, और भारतीय शेयर बाजारों के निवेशकों का लाखों करोड़ों साफ हो जाता है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट कुछ छापती है, सड़क से संसद तक राहुल गांधी अपुष्ट रिपोर्ट के आधार पर कैंपेन चलाते हैं. भारतीय निवेशकों का लाखों करोड़ साफ हो जाता है. पहले मामले में शॉर्टसेलरों ने पैसा बनाया, दूसरे मामले में किसकी कमाई हुई, ये भी जांच का विषय है.
तो क्या राहुल गांधी अपने ही देश के आम लोगों के खिलाफ नहीं हो गए हैं? सवाल ये है कि क्या वो ये जानबूझ कर रहे हैं या फिर बेवकूफी में?
पार्टी को बदलाव की जरूरत
इन्हीं मुद्दों पर कांग्रेस ने महाराष्ट्र में चुनाव लड़ा, हरियाणा में करारी हार मिली. लेकिन हार के बावजूद राहुल गांधी बदलने को तैयार नहीं. जनता के बीच गैर-जरूरी मुद्दे उठाकर या कहें मुद्दों के अभाव में राजनीति कर रही कांग्रेस पार्टी के लिए क्या यह जरूरी हो गया है कि पार्टी की कमान सही रणनीतिकारों को सौंपी जाए?
अदाणी परिवार पर रिश्वत के आरोप नहीं
मीडिया में खबर छपी थी कि अदाणी परिवार के सदस्यों पर रिश्वत देने का आरोप है. लेकिन कंपनी ने सेबी की फाइलिंग में इन सब खबरों को गलत बताया. कंपनी ने कहा कि परिवार के किसी सदस्य पर ना तो रिश्वत देने का आरोप है और ना ही कानून की प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप है. आरोप सिर्फ अजूर पावर के अफसरों और कनाडा के निवेशक पर आरोप हैं. जो आरोप हैं उनमें भी कोई सबूत नहीं हैं.
सुप्रीम कोर्ट के वकील महेश जेठमलानी ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने अदाणी समूह पर रिश्वत के तमाम आरोपों को बगैर सबूतों का बताया. उन्होंने कहा कि ये आरोप बेबुनियाद हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अदाणी समूह पर ऐसे आरोप लगाकर भारत के विकास को रोकने की साजिश हो रही है. जेठमलानी ने इस मामले में कांग्रेस पार्टी पर भी बेवजह राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने इस मामले में बगैर सबूत देखे ही सिर्फ भ्रम फैलाया, इस वजह से निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. उन्होंने कहा कि संसद में कांग्रेस जेपीसी की जो मांग कर रही है वह पूरी तरह से गलत है, क्योंकि अभी तक जो डॉक्यूमेंट सामने आए हैं उनमें कहीं से भी अदाणी समूह के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं. ऐसे में बगैर सबूत के ही ऐसे आरोप लगा देना पूरी तरह से गलत होगा.
पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने क्या कहा
मुकुल रोहतगी ने अदाणी ग्रीन के जवाब पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि चार्जशीट में रिश्वत वाले में प्वाइंट में अदाणी परिवार के किसी सदस्य का नाम नहीं है. चार्जशीट में ये भी नहीं बताया गया कि किसे रिश्वत दी गई, कैसे दी गई. कांग्रेस जो शोर मचा रही है, उसका कोई आधार नहीं है. जिस साजिश की बात हो रही है उसका कोई सबूत नहीं है.
रोहतगी ने कहा कि -कांग्रेस अमेरिका कोर्ट में लगे आरोपों पर आंख मूंद कर भरोसा कर रही है. कांग्रेस इस मामले को सियासी फायदे के लिए हवा दे रही है.
गलत तथ्य देने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए : दुबे
बीजेपी नेता अश्विनी दुबे ने कहा है कि ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए तो तथ्य को तोड़मरोड़ के पेश करते हैं और देश का नुकसान करते हैं.
अदाणी समूह पर ही निशाना क्यों : तहसीन पूनावाला
एनडीटीवी से तहसीन पूनावाला ने कहा कि यह सोचने वाली बात है कि अदाणी समूह को ही निशाना क्यों बनाया जा रहा है. पूनावाला का कहना है कि अदाणी समूह जिन बंदरगाहों का अधिग्रहण कर रहा है, वे बहुत अधिक रणनीतिक महत्व के हैं. इससे देश को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि अदाणी समूह को निशाना बनाना एक अंतरराष्ट्रीय साजिश हो सकती है. पूनावाला ने कहा कि इस इनडाइटमेंट में गौतम अदाणी, सागर अदाणी और विनीत जैन का नाम नहीं है. इसके अलावा इसमें रिश्वत देने के कोई सबूत नहीं दिए गए हैं. ऐसे में इस इनडाइटमेंट (चार्जशीट) का कोई महत्व नहीं रह जाता है.
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