अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी (Gautam Adani) ने 51वें इंडिया जेम एंड ज्वेलरी अवॉर्ड्स (India Gem and Jewellery Awards) समारोह में कहा कि भारत की भौगोलिक स्थिति का लाभ उठाएं और देश को लॉजिस्टिक्स वर्ल्ड का केंद्र बनाने में मदद करें.
अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी (Gautam Adani) ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम भारत की भौगोलिक स्थिति का लाभ उठाएं और देश को लॉजिस्टिक्स वर्ल्ड का केंद्र (Centre of Logistics World) बनाने में मदद करें. 51वें इंडिया जेम एंड ज्वेलरी अवॉर्ड्स (India Gem and Jewellery Awards) समारोह को संबोधित करते हुए अदाणी ने कहा कि लॉजिस्टिक्स के मामले में 1998 में जो कोयला आयात करने के लिए पोर्ट जेटी के रूप में शुरू हुआ था, वह देश का सबसे बड़ा बंदरगाह बिजनेस बन गया है. साथ ही उन्होंने अपने संबोधन में प्रगति के तीन मंत्र भी बताए हैं.
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उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “यह बिजनेस आज 15 राष्ट्रीय और 5 अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों के नेटवर्क तक फैल चुका है और इस तरह यह हमें इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक नोड्स के नेटवर्क के निर्माण में विस्तार की अनुमति देता है.”
यह किसी भी कंपनी ने कभी हासिल नहीं किया : अदाणी
ये नोड अब बंदरगाहों, रेल, राजमार्गों, गोदामों, अंतर्देशीय कंटेनर डिपो और पूर्ति केंद्रों से बने हैं, जो दुनिया में किसी भी अन्य कंपनी ने कभी हासिल नहीं किया है.
उन्होंने कहा, “यह यात्रा हमें मध्य पूर्व में इजरायल से भूमध्य सागर तक और अफ्रीका के मध्य तक ले गई है. मेरे लिए यह केवल बंदरगाहों के बारे में नहीं है. यह भारत की भौगोलिक स्थिति का लाभ उठाने और देश को लॉजिस्टिक्स दुनिया का केंद्र बनाने में मदद करने के बारे में है.”
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अदाणी ने कहा कि इसी तरह 2007 में सिंगल पॉवर प्लांट के रूप में शुरू हुई कंपनी न केवल भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट बिजली उत्पादन कंपनी बन गई है, बल्कि इसने अदाणी समूह को ऐसे क्षेत्रों में विस्तार करने की भी अनुमति दी है.
उन्होंने कहा, “इस विस्तार ने हमें भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट ट्रांसमिशन कंपनी, सबसे बड़ी प्राइवेट बिजली वितरण कंपनी, सबसे बड़ी खदान डेवलपर और ऑपरेटर के साथ ऐसी एकमात्र कंपनी बनते देखा है, जिसने पड़ोसी देश की मदद के लिए सीमा पार बिजली आपूर्ति की चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया है.”
गौतम अदाणी ने संबोधन के दौरान दिए प्रगति के तीन मंत्र
इसके साथ ही अदाणी ने अपने संबोधन के दौरान प्रगति के तीन मंत्र दिए. साथ ही ऐसे भारत का निर्माण करने का आह्वान किया जो यथास्थिति को बदलने का माद्दा रखता हो. अदाणी ने कहा कि सफलता के लिए तीन मंत्र हैं – टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी को अपनाना; कुशल कार्यबल को सशक्त और बेहतर बनाना; तथा युवाओं को तैयार करना और सक्षम बनाना.
उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबिलिटी हमारे भविष्य की नींव हैं. टेक्नोलॉजी संभावनाओं के द्वार खोलेगी और सस्टेनेबिलिटी से यह सुनिश्चित होगा कि हमारा विकास टिकाऊ होगा. दोनों मिलकर बेहतर भविष्य की दिशा तय करते हैं.
परंपरा और प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की जरूरत : अदाणी
अदाणी समूह के चेयरमैन ने कहा कि देश के छोटे-छोटे शहरों में कई कारीगर और शिल्पी हैं, जिनके पास हुनर तो है लेकिन वे उसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. उन्हें नए टूल्स तक पहुंच, डिजिटल प्लेटफॉर्म और नवाचारी प्रशिक्षण की जरूरत है. इसके बाद वे अपने हुनर को दुनिया तक पहुंचा सकेंगे और बाजार तक पहुंच हासिल कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि परंपरा और प्रौद्योगिकी की इस जुगलबंदी का लाभ उठाने की जरूरत है.
गौतम अदाणी ने कहा कि भविष्य युवाओं का है. वे ताजा सोच, अथक ऊर्जा और सोचने के पुराने ढर्रे को बदलने की इच्छा शक्ति से साथ आते हैं. हमें उन्हें तैयार करना चाहिए और सक्षम बनाना चाहिए, ताकि परंपरा और परिवर्तन, संस्कृति और नवाचार में संतुलन बना रहे. उन्होंने कहा, “वे सिर्फ भविष्य के भागीदार नहीं हैं, वे इसके आर्किटेक्ट हैं.”
उन्होंने कहा, “हमें मिलकर एक ऐसे भारत का निर्माण करना चाहिए जिसमें परंपरा और नवाचार मिलकर यथास्थिति को चुनौती देते हैं.”
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