December 12, 2024
Mokshda Ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी के दिन कैसे करें देवी एकादशी का श्रृंगार, जानिए यहां

Mokshda Ekadashi 2024: मोक्षदा एकादशी के दिन कैसे करें देवी एकादशी का श्रृंगार, जानिए यहां​

Mokshada ekadashi 2024 : हिंदू धर्म में मोक्षदा एकादशी का विशेष महत्व होता है, इस बार यह एकादशी कब मनाई जाएगी और इस दिन भगवान विष्णु और देवी एकादशी की पूजा अर्चना कैसे करनी चाहिए आइए हम आपको बताते हैं.

Mokshada ekadashi 2024 : हिंदू धर्म में मोक्षदा एकादशी का विशेष महत्व होता है, इस बार यह एकादशी कब मनाई जाएगी और इस दिन भगवान विष्णु और देवी एकादशी की पूजा अर्चना कैसे करनी चाहिए आइए हम आपको बताते हैं.

Mokshda Ekadashi 2024: सनातन धर्म में वैसे तो हर एकादशी का विशेष महत्व होता है और कहते हैं कि अगर एकादशी का व्रत किया जाए तो इससे जगत के पालनहार भगवान विष्णु (Lord vishnu) और धन की देवी मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) का आशीर्वाद मिलता है. ठीक इसी तरह से मोक्ष की प्राप्ति के लिए मोक्षदा एकादशी का विशेष महत्व होता है. कहते हैं कि मोक्षदा एकादशी पर व्रत करके कुछ विशेष कार्य किए जाएं तो इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस साल मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में 11 दिसंबर को मनाई जाएगी, ऐसे में इस दिन आपको क्या करना चाहिए और कैसे देवी एकादशी (Devi Ekadashi) का श्रृंगार करना चाहिए आइए हम आपको बताते हैं.

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मोक्षदा एकादशी पर देवी एकादशी के श्रृंगार की सामग्री

मोक्षदा एकादशी पर व्रत करने के साथ ही भगवान विष्णु और देवी एकादशी की पूजा करने का विशेष महत्व होता हैं, कहते हैं कि इस दिन व्रत और सच्चे मन से आराधना करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. देवी एकादशी का श्रृंगार करने के लिए गंगाजल और पंचामृत से उनका स्नान कराना चाहिए. इसके अलावा लाल या पीले वस्त्र, गहने, चूड़ियां, बिंदी, काजल, लाली, लाल चुनरी, फूलों की माला, दीपक और पूजा सामग्री की जरूरत होती है.

देवी का श्रृंगार करने की विधि

मोक्षदा एकादशी पर देवी एकादशी का श्रृंगार करने के लिए सबसे पहले पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें और पूजा स्थल में भगवान विष्णु देवी, एकादशी की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें. देवी एकादशी का गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें, इससे पवित्रता और सकारात्मक आती है. इसके बाद देवी एकादशी को नए लाल या पीले वस्त्र पहनाएं, चूड़ियां, गहने, बिंदी, काजल और श्रृंगार की सभी सामग्री अर्पित करें. उन्हें लाल चुनरी पहनाएं और पुष्प माला अर्पित करें. इसके बाद पंचमुखी दीपक जलाकर देवी एकादशी और भगवान विष्णु के समीप रखें, विधिपूर्वक भगवान विष्णु और देवी एकादशी की पूजा अर्चना करें, कथा का पाठ करें और आरती के साथ ही पूजा को संपन्न करें. अगर आप व्रत कर रहे हैं तो सात्विक आहार लें, गलत ख्यालों से बचें और पूजा के दौरान शुद्धता का ध्यान रखें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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