Arvind Kejriwal vs Sandeep Dikshit: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नई दिल्ली सीट से संदीप दीक्षित को उतारकर राजधानीवासियों को एक संकेत दिया है. वहीं बीजेपी ने भी बड़े लेवल की प्लानिंग की है…
Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल अगले साल फरवरी में समाप्त हो रहा है. जाहिर है फरवरी में नई सरकार का गठन होगा. फिलहाल चुनाव आयोग वोटर सूची को अपडेट कर रहा है. चुनाव आयोग के अनुसार, 6 जनवरी 2025 को फाइनल मतदाता सूची आ जाएगी. इसके बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा कभी भी की जा सकती है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस चुनाव की घोषणा से पहले ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा क्यों कर रहे हैं और बीजेपी क्या कर रही है?
AAP काट रही विधायकों के टिकट
70 विधानसभा सीटों वाली दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए AAP ने अब तक उम्मीदवारों की दो सूची जारी की है. पहली सूची में 11 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई. इस सूची की सबसे ज्यादा चर्चा इस बात पर हुई कि आप ने 11 में से 6 उम्मीदवार भाजपा और कांग्रेस से हाल ही में आए नेताओं को टिकट दे दिया. आप ने 18 नवंबर को कांग्रेस से आए सोमेश शौकीन को मटियाला सीट पर टिकट दिया. यहां से आप ने अपने मौजूदा विधायक गुलाब सिंह का टिकट काट दिया. 17 नवंबर को भाजपा से आए अनिल झा को किराड़ी सीट से टिकट मिला. यहां भी अपने मौजूदा विधायक ऋतुराज गोविंद का टिकट आप ने काट दिया. इसी तरह 15 नवंबर को कांग्रेस से आए वीर सिंह धींगान को सीमापुरी सीट से टिकट दिया है. यहां भी आप ने अपने मौजूदा विधायक राजेंद्र पाल का टिकट काट दिया.
BJP-Congress से आए लोगों को टिकट
इसी तरह 4 नवंबर को भाजपा से आए बीबी त्यागी को लक्ष्मीनगर सीट से टिकट दिया है. इसी सीट पर आप पिछली बार हार गई थी. 31 अक्टूबर को भाजपा से आए ब्रह्म सिंह तंवर को छतरपुर से उम्मीदवार बनाया है. यहां भी आप ने अपने मौजूदा विधायक करतार सिंह का टिकट काट दिया. वहीं 29 अक्तूबर को कांग्रेस से आए जुबैर चौधरी को सीलमपुर से टिकट दिया है. यहां से भी आप ने अब्दुल रहमान का टिकट काट दिया है.इसी तरह आप की दूसरी सूची भी चर्चा का विषय रही. 20 उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची में आप ने 18 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं, जबकि वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित दो अन्य को नयी सीट से चुनाव लड़ाने का फैसला किया गया. सिसोदिया अब जंगपुरा से चुनाव लड़ेंगे, जबकि शिक्षक और हाल ही में आप में शामिल हुए अवध ओझा, सिसोदिया की वर्तमान पटपड़गंज सीट से चुनाव लड़ेंगे.
केजरीवाल को घेर रही कांग्रेस
कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को अपने 21 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी. कांग्रेस ने नई दिल्ली सीट से संदीप दीक्षित को टिकट दिया है. वो पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं और पूर्व सांसद रहे हैं. उन्हें मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है. इस सीट से अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ते आए हैं. अरविंद केजरीवाल ने ही 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में संदीप दीक्षित की मां और तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराया था और इसी के बाद कांग्रेस दिल्ली से साफ होती चली गई. अभी तक AAP ने नई दिल्ली के लिए कैंडिडेट का ऐलान नहीं किया है.
कांग्रेस ने पटपड़गंज सीट से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक अनिल चौधरी को टिकट दिया है. इस सीट से आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवार बदला है.पहले मनीष सिसोदिया इस सीट से चुनाव लड़ते थे. उन्हें अब जंगपुरा से उतारा गया है. पटपड़गंज सीट से AAP ने अवध ओझा (ओझा सर) को टिकट दिया है. ये हाल ही में AAP में शामिल हुए थे.कांग्रेस ने नरेला से अरुणा कुमारी, बुराड़ी से मंगेश त्यागी, आदर्श नगर से शिवंक सिंघल, बदली से देवेंदर यादव, सुल्तानपुर माजरा से जय किशन, नांगलोई जाट से रोहित चौधरी, शालीमार बाग से प्रवीण जैन, वजीरपुर से रागिनी नायक, सदर बाजार से अनिल भारद्वाज को टिकट दिया है. रागिनी नायक कांग्रेस का चर्चित चेहरा हैं.
चुनाव की घोषणा से पहले टिकट क्यों?
लगातार तीन बार सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी के चुनाव से पहले उम्मीदवारों की घोषणा को माना जा रहा है कि वो अपने उम्मीदवारों को डोर टू डोर तक पहुंचने का मौका देना चाहती है. वहीं मौजूदा विधायकों के टिकट काटने या सीट बदलने का कारण सरकार विरोधी लहर को कम करना माना जा रहा है. वहीं कांग्रेस ने आप के बाद तुरंत उम्मीदवारों की सूची जारी कर संदेश देने की कोशिश की है कि वो दिल्ली में चुनाव जीतने के लिए लड़ रही है. यही कारण है कि पहली ही सूची में कांग्रेस ने अपने सभी प्रमुख चेहरों को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया है. कांग्रेस दिल्ली को आप से वापस लेने की रणनीति पर काम कर रही है.
भाजपा क्या कर रही?
बीजेपी इस बार जल्दबाजी के मूड में नहीं है. उसने उम्मीदवारों के चयन को बेहद संगठित तरीके से आगे बढ़ाने का फैसला किया है. टिकट मांगने वाले नेताओं को पांच प्रमुख जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. इनमें जनमत संग्रह, पर्चे बांटना, घर-घर प्रचार, और झुग्गियों में रात बिताना शामिल है. इसके जरिए पार्टी जमीनी स्तर पर जुड़ाव को मजबूत करना चाहती है. बीजेपी की पहली केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक जनवरी के पहले सप्ताह में होने की संभावना है. इस बैठक में उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा और चुनावी अभियान की विस्तृत योजना बनाई जाएगी.बीजेपी के आंतरिक सर्वेक्षणों के मुताबिक, पार्टी को आम आदमी पार्टी (आप) से महज 4-5 प्रतिशत वोटों की बढ़त बनानी है. यह अंतर बीजेपी को और मजबूत रणनीति बनाने के लिए प्रेरित कर रहा है.
केजरीवाल के खिलाफ कौन?
बीजेपी इस बार अरविंद केजरीवाल को उन्हीं की सीट पर घेरने की तैयारी में है. इसके लिए पार्टी किसी दिग्गज लेकिन दिल्ली के ही किसी स्थानीय नेता को टिकट दे सकती है. इसमें पूर्व सांसद परवेश वर्मा और रमेश बिधूड़ी के नाम की चर्चा जोरों पर है. इन दोनों को बीजेपी ने इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट नहीं दिया था. जाहिर है, पार्टी इन दोनों नेताओं का उपयोग दिल्ली विधानसभा चुनाव में मजबूती के साथ करना चाहेगी. अब तक अरविंद केजरीवाल की सीट का ऐलान नहीं हुआ है. अब तक वो नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं.
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