Rahul Gandhi twitter bio changed: संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीटर हैंडल पर अपना बॉयो चेंज कर दिया है। twitter bio चेंज किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा है। राहुल गांधी ने सांसद पद से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद अपडेट करते हुए बॉयो सेक्शन में “अयोग्य सांसद” लिख दिया है। अब उनके बायो पर…”यह राहुल गांधी का आधिकारिक खाता है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य | अयोग्य सांसद,” दर्ज है।
Rahul Gandhi की अयोग्यता पर कांग्रेस का एक दिनी सत्याग्रह
उधर, कांग्रेस पार्टी ने रविवार को राहुल गांधी को संसद से अयोग्य घोषित किए जाने के बाद देशभर में एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया। रविवार को पार्टी द्वारा राजघाट पर ‘संकल्प सत्याग्रह’ किया गया। इसमें प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया।
मोदी सरनेम पर कमेंट करने के मानहानि केस में गई राहुल गांधी की सदस्यता
राहुल गांधी को 2019 में ‘मोदी सरनेम’ को लेकर किए गए कमेंट के लिए दो साल की सजा के बाद संसद सदस्यता खत्म कर दी गई है। गुरुवार 23 मार्च को राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इस सजा के बाद 24 मार्च को उनको अयोग्य घोषित करते हुए उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई थी। राहुल गांधी केरल के वायनाड सीट से एमपी थे।
प्रियंका बोलीं-मेरे परिवार ने अपने खून से देश के लोकतंत्र को सींचा
प्रियंका ने कहा, “मेरे परिवार ने अपने खून से देश के लोकतंत्र को सींचा है। हम देश के लोकतंत्र के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस के महान नेताओं ने इस देश में लोकतंत्र की नींव रखी। यह उस प्रधानमंत्री का अपमान है, जिसने इस देश के लिए अपनी जान दी। आप एक शहीद के बेटे को देशद्रोही और मीर जाफर करते हैं। आप संसद में उनकी मां का अपमान करते हैं। प्रधानमंत्री संसद में पूछते हैं कि क्यों उनका परिवार नेहरू सरनेम नहीं रखता। आप पूरे परिवार और कश्मीरी पंडितों की परंपराओं का अपमान करते हैं।”
क्या भगवान राम भी “परिवारवादी” थे?
प्रियंका ने कहा, “इसके बाद भी आपके खिलाफ कोई केस नहीं है। आपके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं होता। दो साल जेल की सजा नहीं मिलती। कोई आपको अयोग्य नहीं ठहराता है। क्यों? वे आज तक हमारे परिवार का अपमान करते रहे हैं और हम चुप रहे, लेकिन अब और नहीं। आप एक व्यक्ति का कितना अपमान कर सकते हैं। क्या भगवान राम, जिन्हें वनवास भेजा गया था, एक “परिवारवादी” थे।”
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