दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने अपने सभी 70 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. इनमें 13 नाम ऐसे हैं, जो लगातार चौथी बार विधानसभा चुनाव के रण में उतरेंगे. आइए जानते हैं इन नेताओं और उनके विधानसभा क्षेत्रों के बारे में.
आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने सभी 70 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. आप लगातार चौथी बार सरकार बनाने के लिए एक बार फिर दिल्ली के रण में उतर रही है. इसके लिए उसने उम्मीदवारों के चयन में कई फेरबदल किए हैं. दिल्ली का मुकाबला जीतने के लिए आप ने इस बार अपने 26 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है तो चार विधायकों की सीट बदल दी है. जिन विधायकों की सीट बदली गई है, उनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम भी शामिल है. उन्हें पटपड़गंज की जगह जंगपुरा से टिकट दिया गया है.आइए हम उन विधायकों के बारे में जानते हैं, जो लगातार चौथी बार चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.
अपनी स्थापना के बाद आम आदमी पार्टी ने 2013 में अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था. उस चुनाव में आप ने 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस के समर्थन से आप ने दिल्ली पहली बार अपनी सरकार बनाई थी. इस बार के चुनाव में उनमें से केवल 13 विधायकों को ही चौथी बार चुनाव लड़ने का मौका दिया गया है.
किन नेताओं को मिला है चुनाव लड़ने का चौथा मौका
इन विधायकों में शामिल हैं पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और नई दिल्ली सीट से विधायक अरविंद केजरीवाल, दिल्ली में पार्टी के संयोजक और बाबरपुर के विधायक गोपाल राय,ग्रेटर कैलाश के विधायक सौरभ भारद्वाज, मालवीय नगर के विधायक सोमनाथ भारती, बल्लीमारान के विधायक इमरान हुसैन, शकूर बस्ती के विधायक सत्येंद्र जैन, तिलक नगर के विधायक जरनैल सिंह, सदर बाजार के विधायक सोम दत्त, करोल बाग के विधायक विशेष रवि, संगम विहार के विधायक दिनेश मोहानिया, पटपड़गंज के विधायक मनीष सिसोदिया,मंगोलपुरी की विधायक राखी बिड़ला और बुराड़ी के विधायक संजीव झा.
साल 2020 के चुनाव में संजीव झा ने सबसे अधिक वोटों से जीतने का रिकॉर्ड बनाया था. उन्होंने 88 हजार से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. इस बार जिन लोगों की सीट बदली गई है, उनमें राखी बिड़ला का नाम भी शामिल है. इस बार उन्हें उनकी सीट मंगोलुपरी की जगह मादीपुर विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है.
आप ने कैसे किया टिकटों का वितरण
दरअसल आम आदमी पार्टी ने यह कदम सर्वे के आधार पर उठाए हैं.कथित आबकारी नीति घोटाले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आप ने इस साल सितंबर में आंतरिक सर्वे कराना शुरू किया था. इसमें बूथ स्तर से लोगों को फीड बैक लिया गया था. इसके अलावा विधायकों की लोकप्रियता जानने के लिए घर-घर जाकर लोगों की राय ली गई थी. इसी आधार पर आप ने नेताओं के जीतने की संभावना के आधार पर टिकटों का बंटवारा किया है.
चुनाव आयोग ने अभी तक दिल्ली विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान नहीं किया है. माना जा रहा है कि आयोग इसका ऐलान अगले कुछ दिनों में कर सकता है. दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल का 23 फरवरी 2025 को खत्म हो रहा है. ऐसे में विधानसभा का चुनाव उससे पहले ही कराया जाएगा. चुनाव की तैयारियों के लिए चुनाव आयोग ने बुधवार को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की. बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज, आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा और पार्टी नेता जास्मीन शाह इस बैठक में शामिल हुए.
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