आरपीएफ अधिकारियों ने पाया कि ट्रेन के नीचे छिपा व्यक्ति मानसिक रूप से ठीक नहीं लग रहा था, क्योंकि पूछताछ के दौरान उसके व्यवहार और प्रतिक्रियाओं से संभावित मनोवैज्ञानिक समस्याओं का पता चलता है.
मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक हैरान करने वाला वीडियो सामने आया था. दावा किया गया कि युवक ने ट्रेन के नीचे लेटकर 250 किलोमीटर की यात्रा की. कथित वीडियो 24 दिसंबर की बताई जा रही है. सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब रेलवे ने इसको लेकर बयान दिया है. रेल मंत्रालय ने इस वीडियो को भ्रामक करार दिया है.
एक बयान में रेल मंत्रालय ने कहा कि वीडियो में जो व्यक्ति व्हील के एक्सेल पर बैठा हुआ दिख रहा है, वो मानसिक रूप से अक्षम है और ये दावा कि इसने यहीं पर बैठकर 250 किलोमीटर की यात्रा की है, पूरी तरह निराधार है.
बयान में कहा गया कि ट्रेन का व्हील सेट लगातार मूव करता है और उस पर कोई भी नहीं बैठ सकता. वायरल वीडियो में किया जा रहा दावा पूरी तरह से भ्रामक और निराधार है.
वायरल वीडियो के साथ ये दावा किया गया था कि ट्रेन के रोलिंग स्टॉक और अंडरकैरिज की नियमित जांच के दौरान, कैरिज एंड वैगन विभाग के कर्मचारियों ने कोच के नीचे असामान्य हलचल देखी. करीब से निरीक्षण करने पर पाया गया कि व्यक्ति पहियों के बीच खतरनाक तरीके से पड़ा हुआ था. रेलवे कर्मचारियों ने तुरंत वायरलेस से लोको पायलट को सूचित किया, जिसके बाद ट्रेन को तत्काल रोका गया. युवक को उसके छिपने के स्थान से बाहर आने के लिए कहा गया, जिसके बाद उसे आगे की पूछताछ के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को सौंप दिया गया. साथ में ये भी कहा गया कि व्यक्ति ने ट्रेन के नीचे करीब 250 किमी की यात्रा की.
हालांकि, आरपीएफ अधिकारियों ने पाया कि वह व्यक्ति मानसिक रूप से ठीक नहीं लग रहा था, क्योंकि पूछताछ के दौरान उसके व्यवहार और प्रतिक्रियाओं से संभावित मनोवैज्ञानिक समस्याओं का पता चलता है. जबलपुर में आरपीएफ उस व्यक्ति की पहचान और ऐसी परिस्थितियों का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच कर रही है.
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