November 10, 2024
Rahul Gandhi in Opposition meeting

Loksabha elections 2024: पटना में प्रमुख विपक्षी दलों की सबसे सबसे बड़ी जुटान लेकिन मायावती-चंद्रशेखर राव जैसे नेताओं को नहीं बुलाया

देश में बीजेपी के खिलाफ सभी विपक्षी दलों में एकता के लिए सबसे बड़ी कवायद पटना में शुक्रवार को हो रही है।

Loksabha Mission 2024: देश में बीजेपी के खिलाफ सभी विपक्षी दलों (Opposition meeting) में एकता के लिए सबसे बड़ी कवायद पटना में शुक्रवार को हो रही है। देश के प्रमुख विपक्षी दलों के दिग्गज बिहार की राजधानी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मेजबानी में एकत्र हुए हैं। यहां 2024 के लिए होने वाले आम चुनावों को लेकर विपक्षी रणनीति बनेगी। इस पहली मीटिंग में 16 विपक्षी दलों के नेता पहुंचे हैं।

Opposition meeting की बिहार के नेता कर रहे मेजबानी

बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार, जो अपने डिप्टी और राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव के साथ बैठक की मेजबानी कर रहे हैं।

मल्लिकार्जुन खड़गे व राहुल अपनी टीम के साथ पहुंचे

पटना मीटिंग (Opposition meeting) में भाग लेने के लिए कांग्रेस के प्रमुख नेता भी पहुंच गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, संगठन के प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी नेता राहुल गांधी भी पहुंचे जहां उनका नीतीश कुमार व तेजस्वी यादव ने स्वागत किया।

Opposition meeting मायावती को निमंत्रण नहीं…

इस महत्वपूर्ण मीटिंग में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया पूर्व सीएम मायावती को निमंत्रित नहीं किया गया है। आमंत्रित नहीं होने के बावजूद उन्होंने ट्वीट किया कि वह इसमें शामिल नहीं होंगी। राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के अध्यक्ष जयंत चौधरी भी मीटिंग में नहीं पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें पूर्व-निर्धारित पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होना है। हालांकि, चौधरी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बैठक विपक्षी एकता की राह में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगी।

किसी भी चेहरे को सामने लाने से करेगा परहेज

संयुक्त विपक्ष ने यह संकेत दिए हैं कि वह मिशन 2024 के लिए किसी भी चेहरे को सामने लाने से परहेज करेगा। पहली बैठक में ‘सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम’ को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना नहीं है, लेकिन सामाजिक न्याय, केंद्र द्वारा जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग, मणिपुर में हिंसा, पहलवानों का विरोध और दिल्ली अध्यादेश से संबंधित मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।

एक सीट एक कैंडिडेट को लेकर चर्चा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पेश किए गए “एक सीट, एक उम्मीदवार” फॉर्मूले के लिए सीट बंटवारे के पेचीदा मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है।

एक दूसरे के विरोधी विपक्षी दल एक दूसरे के साथ कर रहे मीटिंग

यह पहली बार है कि क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विता के कारण कांग्रेस से नफरत करने वाली कई पार्टियां मंच साझा करने के लिए तैयार हैं। नीतीश कुमार को इन दलों को एक साथ लाने का काम सौंपा गया था। वह इसमें सफल् हुए हैं। आप, तृणमूल कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के प्रमुखों से मुलाकात की ताकि उन्हें एक साथ आने के लिए मनाया जा सके। हालांकि, तेलंगाना के मुख्यमंत्री और बीआरएस प्रमुख के.चंद्रशेखर राव को बुलाया नहीं गया है क्योंकि उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि उनकी पार्टी भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी पर रहेगी।

शिवसेना की अपील-विपक्षी दल दिखाएं बड़ा दिल

शिवसेना (यूबीटी) ने शुक्रवार को कहा कि अगर 2024 के बाद लोकतंत्र को जीवित रखना है, तो राजनीतिक दलों को मतदाताओं के बीच विश्वास पैदा करने के लिए राष्ट्रीय हित में बड़ा दिल दिखाना होगा। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि AAP और BRS की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाएं हैं लेकिन इससे अप्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मदद मिलेगी और तानाशाही का समर्थन होगा।

कौन-कौन शामिल है?

मीटिंग में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (टीएमसी), दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब सीएम भगवंत मान (आप), तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (डीएमके), समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी), झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पीडीपी, सीपीआई (एम), सीपीआई, सीपीआई (एमएल) और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता भी शामिल होंगे।

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