AI-driven accident prevention device: भारतीय सेना ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित एक्सीडेंट प्रीवेंशन डिवाइस डेवलप किया है। डिवाइस ड्राइवर की एक्टीविटीज पर नजर रखेगा जिससे हर साल एक्सीडेंट्स में जाने वाली हजारों जान बच सकेगी। भारतीय सेना के अधिकारी कर्नल कुलदीप यादव ने इस डिवाइस को डेवलप किया है। 2021 में कर्नल कुलदीप ने इसको पेटेंट के लिए आवेदन किया था। इसी महीने पेटेंट मिल गया है।
झपकी आएगी तो तेज बजर बजेगा
आर्मी द्वारा विकसित एआई आधारित एक्सीडेंट प्रीवेंशन डिवाइस है। यह ड्राइवर की गतिविधियों पर नजर बनाए रखेगा। अगर किन्हीं कारणों से ड्राइवर को झपकी आएगी तो तेज बजर बजेगा। AI आधारित इस डिवाइस को किसी भी गाड़ी में फिट किया जा सकता है। इसको इंस्टाल करना तो आसान है ही, इसको निकालना भी उतना ही आसान है। किसी भी वाहन के डैशबोर्ड पर लगा सेंसर युक्त उपकरण ड्राइवर की आंखों पर नजर रखता है और झपकी आने पर उसे सचेत कर देता है।
बसों में सफलतापूर्वक परीक्षण
भारतीय सेना के एक अधिकारी ने कहा कि पहाड़ों, रेगिस्तानों और राजमार्गों पर विभिन्न परिस्थितियों में सफलतापूर्वक परीक्षण किए जाने के बाद सभी भारतीय सेना के वाहनों में इस प्रणाली को फिट किया जा रहा है। पेटेंट पाने से पहले, डिवाइस को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सहित दो राज्यों के परिवहन निगमों की बसों में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। इसका इस्तेमाल ट्रकों में भी किया जा सकता है।
ड्राइवरों के सो जाने से 57% ट्रक दुर्घटनाएं
कर्नल कुलदीप यादव के मन में ऐसी डिवाइस विकसित करने का विचार तब आया जब वह मणिपुर में एक सैन्य इकाई की कमान संभाल रहे थे। पहाड़ों में वाहन चलाते समय ड्राइवर थक जाते हैं और सो जाते हैं जिससे दुर्घटनाएं होती हैं।
2021 में देश में सड़क हादसों में करीब 1.54 लाख लोग मारे गए। इनमें 57 प्रतिशत से अधिक ट्रक दुर्घटनाएं ड्राइवरों के सो जाने के कारण होती हैं।
Read this also: Manipur Horror Story: एपीजे अब्दुल कलाम से सम्मानित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की बुजुर्ग पत्नी को जिंदा जलाया
More Stories
दिल्ली में प्रदूषण से कारोबार पर चोट, 25% से ज्यादा व्यापार घटने की आशंका
Explainer : AI कितना खतरनाक? क्या इंसान की बनाई मशीन उसी पर हो सकती हावी
बिहार: शराब पीकर स्कूल पहुंच गए हेड मास्टर और टीचर, गांववालों ने किया पुलिस के हवाले