कैबिनेट विस्तार में भारतीय जनता पार्टी के कोटे से अधिक मंत्री बनेंगे. जानकारी के अनुसार इसे लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और सीएम नीतीश कुमार के बीच बातचीत हुई है.
बिहार की राजनीति में हलचल देखने को मिल रही है. नीतीश कैबिनेट के विस्तार की चर्चा है. सूत्रों के मुताबिक बुधवार शाम 4 बजे कैबिनेट का विस्तार हो सकता है. चर्चा है कि इस बार नीतीश मंत्रिमंडल में 6 नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी का दबदबा दिखाई दे सकता है. इस विस्तार को विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एक रणनीतिक कदम के तौर पर देखा जा रहा है. जिसमें जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कोशिश एनडीए की तरफ से हो सकती है. संजय सरावगी, राजू सिंह, अवधेश पटेल , जीवेश मिश्रा या अनिल शर्मा के मंत्री बनने की चर्चा है.
बिहार में बन सकते हैं 36 मंत्री
बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल में वर्तमान में 30 मंत्री हैं, जिसमें बीजेपी के 15, जदयू के 13, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के 1 और 1 निर्दलीय शामिल हैं. संवैधानिक प्रावधानों के तहत मंत्रिमंडल की अधिकतम संख्या 36 हो सकती है, यानी अभी 6 और मंत्रियों को शामिल करने की गुंजाइश है. हालांकि बीजेपी कोटे से मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में अब मंत्रिमंडल में 7 मंत्रियों की एंट्री हो सकती है. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और नीतीश कुमार के बीच हाल ही में हुई मुलाकात में इस पर सहमति बनी थी.
बिहार सरकार में किस दल के कितने मंत्री?
क्या बिहार चुनाव से पहले जातीय समीकरण साधने की होगी कोशिश?
सूत्रों की मानें तो बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर समीकरण को साधने की कोशिश एनडीए की तरफ से हो सकती है.ऐसे में हर वर्ग को प्रतिनिधित्व देने के लिए मंत्रीमंडल का विस्तार किया जा रहा है. इससे पहले भी कई बार कैबिनेट के विस्तार की चर्चा हुई थी लेकिन किसी कारण से विस्तार संभव नहीं हो पाया था.
क्या चिराग सहित सहयोगियों को भी मिलेंगे मंत्रिपद?
बिहार विधानसभा में चिराग पासवान की पार्टी के एक भी विधायक नहीं हैं. वहीं उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के पास भी कोई विधायक नहीं है. हालांकि जीतन राम मांझी की पार्टी के 4 विधायक हैं. जीतन राम मांझी की तरफ से एक और मंत्रालय की मांग होती रही है. हालांकि मांझी की पार्टी को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी या नहीं इसे लेकर अब तक कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आयी है.
सभी जातियों को साधने की होगी कोशिश
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार में अगड़ी जातियों से दो मंत्री शामिल हो सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि राजपूत और भूमिहार समुदाय से एक-एक प्रतिनिधि को मंत्रिपद मिल सकता है. इसके अलावा अति पिछड़ा वर्ग से भी दो व्यक्तियों को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना है. खबरों के मुताबिक, तेली समुदाय से एक मंत्री का चयन लगभग पक्का माना जा रहा है. साथ ही पिछड़े वर्ग से भी एक मंत्री बनाए जाने की चर्चा है. ऐसा बताया जा रहा है कि जिन मंत्रियों के पास अभी कई विभाग हैं, उनके कुछ विभाग नए मंत्रियों को सौंपे जा सकते हैं. वहीं कुर्मी समुदाय से भी एक मंत्री बनने की संभावना जताई जा रही है.
बिहार विधानसभा में बीजेपी है सबसे बड़ी पार्टी
बिहार विधानसभा में अभी भारतीय जनता पार्टी के पास सबसे अधिक विधायक हैं. सहमति के तहत बीजेपी के कोटे से अधिक मंत्री बनने हैं. जदयू के विधायकों की संख्या कम है माना जा रहा है कि जदयू के कोटे से सभी मत्री बन गए हैं. ऐसे में अब बीजेपी कोटे से ही मंत्री बनाए जाएंगे.
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