National Wildlife week Gorakhpur: दिग्विजय नाथ पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि प्रकृति द्वारा प्रद्दत्त सभी संसाधनों के अविवेकपूर्ण दोहन को हमें रोकना होगा अन्यथा प्राकृतिक असंतुलन की स्थिति गहराती जाएगी। जलवायु परिवर्तन की समस्याएं बलवती होंगी। इन्हीं बातों का ख्याल नहीं रखने के कारण आज वन्य-जीव की तमाम प्रजातियां बिलुप्त होने के कगार पर हैं। हालांकि हमारी भारतीय संस्कृति इतनी उदार और चैतन्य रही कि जहरीला समझे जाने वाले सर्प की भी अपने त्योहार के माध्यम से हम उसकी भी उपासना कहते हैं। ईश्वर ने पृथ्वी पर जिसे भी बनाया है, उसके होने का एक प्रयोजन हैं, हम सब को इसे समझना होगा।
पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण की सराहना की
प्रोफेसर ओम प्रकाश सिंह बतौर मुख्य अतिथि हेरिटेज फाउंडेशन एवं भूगोल विभाग दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज गोरखपुर के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय वन्यजीव सप्ताह के अंतर्गत शुक्रवार को सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने हेरिटज फाउंडेशन एवं हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल के पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण की दिशा में किए जा रहे क्रियाकलाप की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों के लिए वे संघर्ष तैयार हैं।
कार्यक्रम की शुरूआत पूर्व मुख्य अतिथि प्रोफेसर ओम प्रकाश सिंह एवं हेरिटेज की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल एवं कार्यक्रम के संयोजक सहायक आचार्य जितेंद्र कुमार पाण्डेय के दीप प्रज्ज्वलन एवं मुख्य अतिथि को माल्यार्पण से हुआ।
वन्यजीव सप्ताह की शुरुआत 1952 में
संयोजक जितेंद्र कुमार पाण्डेय ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कहा कि वन्यजीव सप्ताह की शुरुआत 1952 में किया गया। 1957 से एक सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा। उन्होंने स्मरण कराया कि साल 2022 में भी हेरिटेज फाउंडेशन के सहयोग से रेड हेडेड वल्चर पर फिल्म का प्रदर्शन किया गया था। कार्यक्रम में डॉ अनील भास्कर, डॉ. पवन कुमार पाण्डेय, डॉ.अनुप राय डॉ.रवीन्द्र कुमार, डॉ.संजीत कुमार सिंह, डॉ. अनुपमा मिश्रा, डॉ.रविद्र नाथ चौधरी, विकास पाठक, अश्वनी सहित भारी संख्या में भूगोल के छात्र छात्राएं उपस्थित रहें।
प्रतिबंधित पालिथीन एवं सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल न करें विद्यार्थी
हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्य अतिथि की मुक्त कंठ से ऐसे आयोजनों के लिए आगे आने के लिए सराहना की। उन्होंने छात्रों से फिल्मों पर फीडबैक लिया। अपील किया कि वे जिस परिवेश में रहते हैं, पेड़ पौधों की रक्षा करें। पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबंधित पालिथीन, सिंगल यूज प्लास्टिक एवं थर्माकोल के वर्तनों का इस्तेमाल न करें। बाजार में कपड़े के थैले का इस्तेमाल करें। बल्कि दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि ऐसा मनुष्यता को बचाए रखने के लिए भी आवश्यक है। आह्वान किया कि हेरिटेज फाउंडेशन के साथ बतौर स्वयंसेवक स्वयं को जोड़े, उन्हें काफी कुछ नया सीखने और देखने को मिलेगा।
दो फिल्मों का हुआ प्रदर्शन
कार्यक्रम में 200 के करीब छात्र-छात्राओं ने ग्रीन आस्कर अवार्ड विजेता एवं संरक्षणकर्ता माइक हरि गोविंद पाण्डेय द्वारा उपलब्ध कराई गई दो फिल्मों का प्रदर्शन देखा। हेरिटेज फाउंडेशन की फिल्म फॉर ह्युमैनिटी श्रृंखला में पहली फिल्म नेशनल जियोग्राफी चैनल पर लोकप्रिय शोक,‘स्नेक एसओएस पायथन’ एवं दूसरी हिमांचल प्रदेश के कांगणा जिले में व्यास नदी पर बने ‘पाँग बाँध’ पर बनी हुई थी।
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