Farmers Protest for MSP: एमएसपी की मांग को लेकर हजारों किसानों ने दिल्ली की ओर कूच कर दिया है। किसानों को रोकने के लिए कई हजार पैरामिलिट्री फोर्स और पुलिस के जवान दिल्ली के सभी बॉर्डर्स पर तैनात कर दिए गए हैं। किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। कई जगह लाठीचार्ज किया गया है। कई किसान इस झड़प में घायल हो गए हैं। शंभू बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेड्स को पार कर लिया है। किसान किसी भी सूरत में पीछे जाने को तैयार नहीं है। उधर, केंद्र सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच दो राउंड की वार्ता विफल रही है। किसान एमएसपी के लिए अड़े हुए हैं।
उधर, आंदोलन को देखते हुए दिल्ली में अलर्ट है। दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम हैं। किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए गए हैं। किसानों ने सुबह 10 बजे 2,500 ट्रैक्टर ट्रॉलर के साथ दिल्ली कूच किया था। ये किसान पंजाब के संगरुर से चले थे। किसान हरियाणा होते हुए दिल्ली जाने वाले हैं। इन्होंने ‘दिल्ली चलो’ का नारा दिया है।
अंबाला के शंभू बॉर्डर पर चले आंसू गैस के गोले
दिल्ली जा रहे किसानों को हरियाणा के अंबाला के शंभू बॉर्डर पर रोका गया है। हजारों की संख्या में किसान सीमा पर जुटे हुए हैं। किसानों को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले फायर किए हैं। इतने अधिक गोले दागे गए हैं कि पूरा इलाका धुंआ-धुंआ हो गया है। धुंआ कम होने पर किसान आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके बाद पुलिस द्वारा फिर से आंसू गैस के गोले फायर किए जा रहे हैं। ड्रोन की मदद से किसानों पर आंसू गैस के गोले गिराए गए हैं। यहां स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। किसानों और पुलिस के बीच टकराव की स्थिति है। लगातार आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। हजारों की संख्या में किसान बैरिकेड्स को पार कर आगे भी बढ़ रहे।
किसान नेताओं की बैठक में नहीं बनी बात
सोमवार को केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान नेताओं की बैठक हुई लेकिन बात नहीं बनी। किसान सभी फसलों पर MSP की गारंटी के लिए कानून की मांग कर रहे हैं। इसके साथ उनकी कुछ और मांगें हैं। किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सोमवार को दिल्ली पुलिस ने राजधानी में रैली और विरोध प्रदर्शन करने पर एक महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। दिल्ली की सीमाओं को किले में बदल दिया गया है। यहां सड़क पर बैरिकेडिंग लगाए गए हैं। सड़क पर कील और कंटीले तार लगाए गए हैं।
हम किसानों से दूर नहीं…हर हाल में उनके साथ: टिकैत
राकेश टिकैत ने सत्तारूढ़ बीजेपी को चेताया कि आम चुनाव से कुछ हफ्ते पहले विरोध प्रदर्शनों को रोकना सही नहीं है। अगर सरकार किसानों के लिए कोई समस्या पैदा करती है तो हर हाल में हम सब किसानों के साथ उतरने को मजबूर होंगे। टिकैत ने कहा कि कई किसान संघ हैं और उनके अलग-अलग मुद्दे हैं। अगर सरकार दिल्ली मार्च कर रहे किसानों के लिए समस्या पैदा करती है, तो हम उनसे दूर नहीं हैं। हम उनके समर्थन में हैं।
दिल्ली में ट्रैक्टरों के प्रवेश पर रोक
पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने सोमवार को आदेश जारी कर राष्ट्रीय राजधानी में रैलियों और ट्रैक्टरों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही हथियारों, ज्वलनशील पदार्थों के साथ-साथ ईंटों व पत्थरों जैसे अस्थायी हथियारों और पेट्रोल के डिब्बे या सोडा बोतलें जमा करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई गई है।
फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाने सहित कई मांगों को लेकर किसान दिल्ली मार्च करने वाले हैं। समयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने दावा किया कि देश भर से 200 से अधिक किसान संघ ‘दिल्ली चलो’ मार्च में भाग लेंगे।
क्या हैं किसानों की मांगें?
- सभी फसलों के MSP (Minimum Support Price) की गारंटी के लिए कानून बनाई जाए।
- स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए। रिपोर्ट में किसानों को 50 प्रतिशत रिटर्न की गारंटी देने के लिए एमएसपी को सी2+50 के फॉर्मूले पर तय करने की बात है। इसमें पूंजी की इनपुट लागत और भूमि किराया शामिल है।
- बिजली (संशोधन) विधेयक वापस लिया जाए।
- लखीमपुर खीरी मामले में किसान समूहों के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाएं।
- प्रदूषण एक्ट से खेती को अलग किया जाए।
- MNREGA के तहत कम के कम काम के दिन को बढ़ाकर 200 किया जाए।
- किसानों और खेत में मजदूरी करने वालों को 60 साल से अधिक उम्र होने पर 10 हजार रुपए प्रति माह पेंशन दिया जाए।
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