November 20, 2024
Hottest year of Earth

Alert: पृथ्वी ने दी चेतावनी…एक गलती से मच जाएगा हर ओर हाहाकार, यूएन ने जारी किया दिल दहलाने वाला रिपोर्ट

नाटकीय जलवायु परिवर्तन दुनिया भर में लोगों पर भारी असर डाल रहा है।

United Nations’ WMO Report: संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में पिछले दस सालों का सबसे गर्म साल, 2023 रहा। पिछला साल 2023 ने वैश्विक गर्मी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 2023 दशक का सबसे गर्म साल रहा और इस साल हीटवेव ने महासागरों को प्रभावित किया। ग्लेशियर्स के बर्फ को रिकॉर्ड नुकसान पहुंचाया है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने अपनी वार्षिक जलवायु स्थिति रिपोर्ट जारी की है। इसके प्रारंभिक आंकड़ों में यह पुष्टि हुई है कि 2023 अबतकका सबसे गर्म वर्ष रहा है।

WMO की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह रिकॉर्ड पर सबसे गर्म 10 साल की अवधि के अंत में आया। यूएन सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि पृथ्वी, एक संकट कॉल जारी कर रही है। वह चेतावनी दे रही है पृथ्वीवासियों को। यह इंगित कर रहा है कि जीवाश्म ईंधन प्रदूषण से जलवायु अनियंत्रित हो रहा है और परिवर्तन तेजी से हो रहा है इसकी चेतावनी भी है।

सतह का औसत तापमान खतरनाक अलर्ट लेवल पर

डब्लूएमओ ने कहा कि सतह के पास का औसत तापमान पिछले साल पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.45 डिग्री सेल्सियस ऊपर था। यह खतरनाक रूप से 1.5 डिग्री सीमा के करीब है, जिसे देशों ने 2015 के पेरिस जलवायु समझौते में पारित होने से बचने के लिए सहमति व्यक्त की थी। डब्ल्यूएमओ प्रमुख एंड्रिया सेलेस्टे सौलो ने कहा कि हम कभी भी पेरिस पैक्ट की 1.5 सेल्सियस की निचली सीमा के इतने करीब नहीं थे।

रेड अलर्ट के रूप में देखा जाना चाहिए

सौलो ने कहा, रिपोर्ट को दुनिया के लिए रेड अलर्ट के रूप में देखा जाना चाहिए। सौलो ने इस बात पर जोर दिया कि जलवायु परिवर्तन तापमान से कहीं अधिक है। हमने 2023 में जो देखा, विशेष रूप से अभूतपूर्व समुद्री गर्मी, ग्लेशियर पिघलने और अंटार्कटिक समुद्री बर्फ के नुकसान के कारण अब चेतावनी लेवल भी पार कर रहा है।

डब्ल्यूएमओ ने कहा कि और 2023 के अंत तक, 90 प्रतिशत से अधिक महासागर में वर्ष के दौरान किसी समय लू की स्थिति का अनुभव हुआ था। लगातार तीव्र हीटवेवों की वजह से समुद्री इकोसिस्टम पर गहरा और नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

सबसे अधिक ग्लेशियर्स को नुकसान

1950 में रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से दुनिया भर के प्रमुख ग्लेशियरों को बर्फ का सबसे बड़ा नुकसान हुआ है जो पश्चिमी उत्तरी अमेरिका और यूरोप दोनों में अत्यधिक पिघला है। स्विट्जरलैंड में, जहां डब्ल्यूएमओ का मुख्यालय है, अल्पाइन ग्लेशियरों ने पिछले दो वर्षों में ही अपनी शेष मात्रा का 10 प्रतिशत खो दिया है। अंटार्कटिक समुद्री बर्फ की सीमा भी अब तक के रिकॉर्ड में सबसे कम थी।

बाढ़ और सूखा दोनों जबर्दस्त

नाटकीय जलवायु परिवर्तन दुनिया भर में लोगों पर भारी असर डाल रहा है। चरम मौसम की घटनाओं ने बाढ़ और सूखे को बढ़ावा दिया है। यह विस्थापन को गति दे रहा है। इससे जैव विविधता को नुकसान पहुंचने के साथ खाद्य असुरक्षा बढ़ ही है।

डब्ल्यूएमओ ने बताया कि दुनिया भर में खाद्य पदार्थों के प्रति बेहद असुरक्षित माने जाने वाले लोगों की संख्या दोगुनी से भी अधिक हो गई है, जो कि कोविड-19 महामारी से पहले 149 मिलियन लोगों से बढ़कर 2023 के अंत में 333 मिलियन हो गई है।

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