October 8, 2024
युवक अनीश मुखर्जी ने मरने के बाद चार लोगों को दी जिंदगी, लोग दे रहे दुआएं

युवक अनीश मुखर्जी ने मरने के बाद चार लोगों को दी जिंदगी, लोग दे रहे दुआएं​

जिंदा रहते हुए तो बहुत लोग दूसरे की मदद करते हैं लेकिन मरने के बाद कोई किसी की सहायता करता है क्या? सुनकर बड़ा अचरज लग रहा होगा, लेकिन यकीन मानिए दुनिया में ऐसे भी लोग हैं जो मरने के बाद भी दूसरों को जिंदगी दे जाते हैं. कुछ ऐसा ही किया है 26 साल के अनीश मुखर्जी ने, जो दुनिया को अलविदा कहने के बाद भी चार लोगों को जीवन दे गए.

जिंदा रहते हुए तो बहुत लोग दूसरे की मदद करते हैं लेकिन मरने के बाद कोई किसी की सहायता करता है क्या? सुनकर बड़ा अचरज लग रहा होगा, लेकिन यकीन मानिए दुनिया में ऐसे भी लोग हैं जो मरने के बाद भी दूसरों को जिंदगी दे जाते हैं. कुछ ऐसा ही किया है 26 साल के अनीश मुखर्जी ने, जो दुनिया को अलविदा कहने के बाद भी चार लोगों को जीवन दे गए.

जिंदा रहते हुए तो बहुत लोग दूसरे की मदद करते हैं लेकिन मरने के बाद कोई किसी की सहायता करता है क्या? सुनकर बड़ा अचरज लग रहा होगा, लेकिन यकीन मानिए दुनिया में ऐसे भी लोग हैं जो मरने के बाद भी दूसरों को जिंदगी दे जाते हैं. कुछ ऐसा ही किया है 26 साल के अनीश मुखर्जी ने, जो दुनिया को अलविदा कहने के बाद भी चार लोगों को जीवन दे गए.

अनीश मुखर्जी ने क्या किया?

बीते दिनों सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद अनीश मुखर्जी को इलाज के लिए ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस के जेपीएनए ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था. यहां डॉक्टरों ने अनीश का बेहतर से बेहतर इलाज किया लेकिन प्रकृति को कुछ और ही मंजूर था. परिणाम स्वरूप 29 अगस्त को डॉक्टर ने अनीश का ब्रेन डेड घोषित कर दिया.

माता-पिता ने अनीश के ऑर्गन डोनेशन के लिए भरी हामी
हालांकि दुख के इस घड़ी में अनीश के माता-पिता ने बड़े साहस का काम किया. दरअसल, एम्‍स के ऑर्गन रिट्रीवल बैंकिंग ऑर्गनाइजेशन (ORBO) के कॉर्डिनेटर ने संवेदनशीलता के साथ अंगों के दान और उनके ट्रांसप्‍लांट के बारे में अनीश के माता-पिता को समझाया. गंभीर रोगों से मौत के बीच झूल रहे लोगों को जिंदगी देने की इस पहल को साकार करते हुए आखिर अनीश के माता-पिता ऑर्गन डोनेशन के लिए राजी हो गए.

अक्सर ब्लड डोनेट करता था अनीश

अनीश के पिता अभिजीत मुखर्जी ने कहा, “उसका स्वभाव लोगों की मदद करने वाला था. वह अक्सर ब्लड डोनेट करता था. उसने निस्वार्थ गुण ने परिवार को ऑर्गन डोनेट करने के लिए प्रेरित किया.”

एम्‍स के ऑर्गन रिट्रीवल बैंकिंग ऑर्गनाइजेशन (ORBO) की इंचार्ज डॉक्टर आरती विज ने अनीश के परिवार का आभार जताया. विज ने कहा, “साहस और करुणा के उल्लेखनीय प्रदर्शन में उनके परिवार ने उनकी (अनीश ) विरासत को सुनिश्चित करते हुए, उनके अंगों को दान करने का निस्वार्थ निर्णय लिया है, जो कई जरूरतमदों को आशा और उपचार देने का काम करेगा. अनीश के परिवार की बहादुरी, अकल्पनीय क्षति का सामना, अंग दान के अनगिनत जीवन पर पड़ने वाले महान प्रभाव को बताती है.”

उन्होंने कहा कि, “अनीश के अंग जीवन-घातक स्थितियों से पीड़ित कई रोगियों को बचाएंगे, और दुख को दूसरों के लिए आशा की किरण में बदल देंगे.”

अनीश के ऑर्गन को सुरक्षित रखा गया

अनीश के शरीर से हार्ट, दोनों किडनी और लिवर को सुरक्षित निकाला गया और नेशनल ऑर्गन एंड टिश्‍यू ट्रांसप्‍लांट ऑर्गनाइजेशन नोटो के द्वारा अलग-अलग अस्‍पतालों में अलोकेट किया गया है. इनमें से अनीश का हार्ट सीटीवीएस एम्‍स नई दिल्‍ली को दिया गया. लिवर आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल को भेजा गया. एक किडनी एम्‍स को जबकि दूसरी किडनी सफदरजंग अस्‍पताल को दी गई. इस तरह दुनिया को अलविदा कहने के बाद भी अनीश ने 4 लोगों को जिंदगी दी.

NDTV India – Latest

Copyright © asianownews.com | Newsever by AF themes.