November 10, 2024
हरियाणा, जम्मू कश्मीर चुनाव के अलावा चुनाव आयोग को कब कब बदलनी पड़ीं तारीखें?

हरियाणा, जम्मू कश्मीर चुनाव के अलावा चुनाव आयोग को कब-कब बदलनी पड़ीं तारीखें?​

Haryana Polls 2024 : चुनाव आयोग पहले भी कई बार चुनाव की तारीखें बदल चुका हैं. जानें कब-कब हुआ ऐसा और क्या रहे कारण कि बदलनी पड़ी तारीखें...

Haryana Polls 2024 : चुनाव आयोग पहले भी कई बार चुनाव की तारीखें बदल चुका हैं. जानें कब-कब हुआ ऐसा और क्या रहे कारण कि बदलनी पड़ी तारीखें…

Haryana Assembly Election 2024 : चुनाव आयोग (Election Commission) ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के मतदान और मतगणना व जम्मू कश्मीर विधानसभा की मतगणना तारीखें बदलने का फैसला किया है. इसके पीछे उसने बिश्वोई समाज के त्योहार को कारण बताया है. अब हरियाणा की सभी सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान होगा और 8 अक्टूबर को मतगणना होगी. वहीं जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir Assembly Election 2024) में मतदान के दिन तो नहीं बदले पर अब मतगणना 8 अक्टूबर को ही होगी. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ऐसा पहली बार हुआ है?

पहली बार कब बदली डेट?

आजादी के बाद सबसे पहले 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान तारीखों को बदला गया था. चुनाव आयोग ने बताया है कि 2012 के चुनाव में बारावफात के कारण मतदान की तारीख बदलनी पड़ी थी. इसके बाद काफी दिनों तक चुनाव आयोग को दिन बदलने की नौबत नहीं आई. मगर 2022 में दो बार चुनाव आयोग को तारीखें बदलनी पड़ीं. पहले पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान और फिर मणिपुर विधानसभा चुनाव के दौरान. पंजाब में चुनाव आयोग को गुरु रविदास जयंती के कारण तारीखें बदलनी पड़ी थीं. असल में गुरु रविदास जयंती के मौके पर बहुत सारे पंजाब के लोग वाराणसी जाते हैं. तब पंजाब चुनाव को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया था. इसी तरह, मणिपुर में 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान चुनाव आयोग ने ईसाई समुदाय की रविवार की प्रार्थना का सम्मान करने के लिए मतदान की तारीखें बदल दीं थी.

इस बार क्या थी दिक्कत?

2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान भी चुनाव आयोग को तारीख बदलनी पड़ी थी. देवउठनी एकादशी पर होने वाले मतदान को बदला गया. असल में देवउठनी एकादशी पर राजस्थान में सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाता है. अब इसके बाद हरियाणा और जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनावों की तारीखों में फेरबदल किया गया है. असल में इस साल आसोज अमावस्या उत्सव 2 अक्टूबर को है. बिश्नोई समाज के लोग इसमें हिस्सा लेने के लिए राजस्थान जाते हैं. जाहिर है 1 अक्टूबर को चुनाव होने पर वे वंचित रह जाते. तो हरियाणा में मतदान की तारीख बदलनी पड़ी. वहीं समय कम होने के कारण मतगणना की तारीख को भी आगे बढ़ाना पड़ा. इसी वजह से जम्मू कश्मीर में भी मतगणना की तारीख बढ़ाई गई है. आम तौर पर एक ही दिन मतगणना कराई जाती है.

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