गंगा और गिर अब एक हो गए हैं! दरअसल, कृष्ण की नगरी से बाबा विश्वनाथ की काशी में गिर गाय (Gyr Cow) लाईं गई हैं। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आंनदी बेन पटेल (Governor Anandi ben Patel) ने वाराणसी के 100 किसानों को बनासकांठा की गिर गाय (gye cow) देकर एक सुखद पहल की शुरुआत की।
दरअसल केंद्र सरकार तमाम योजनाओं पर फोकस कर रही है, जिससे किसानों की आय दोगुनी हो और किसान खेती-किसानी के साथ दुग्ध का भी उत्पादन करें। इसी दिशा में ये कदम उठाया गया है। राज्यपाल ने किसानों को गिर गाय सौंपी।
वाराणसी भोले बाबा, गंगा और ऋषियों की भूमि है अब यह गाय माता की भी भूमि बनने जा रही है।
राज्यपाल आंनदी बने पटेल
किसानों को दी गई ट्रेनिंग
खास बात ये है कि वाराणसी के कुछ किसानों को बनासकांठा ले जाकर ट्रेनिंग दी गई। इन्हें बताया गया कि गिर गायों की कैसे देखभाल करनी है। इससे किसानों की आमदनी में और वृद्धि होगी। गिर गाय पालने वाले किसान ने कहा कि इससे हमारे साथ राज्य का भी विकास होगा। हमें ट्रेनिंग दी गई कि कैसे गिर गायों को रखना है। जैसे गाय को गीला चारा खिलाते हैं, लेकिन उन्हें सूखा चारा खिलाने से फैट बढ़ता है। आमदनी भी बढ़ती है। एक दूसरे किसान बताते हैं कि इससे पहले तक हमें नहीं पता था कि गिर गाय क्या है और इससे क्या लाभ है। जब हम बनासकांठा गए और इसके महत्व के बारे में पता चला। बताया गया कि गाय के दूध में स्वर्ण के कण पाए जाते हैं। इसका दूध बहुत ही पौष्टिक है जो दुनिया के किसी भी देश की गाय में नहीं होता है।
गिर गाय की खासियत
गिर गाय को भारत की सबसे ज्यादा दुधारू गाय माना जाता है। यह गुजरात राज्य के गिर वन क्षेत्र और महाराष्ट्र तथा राजस्थान के आसपास के जिलों में पायी जाती है। गिर गाय के दूध में सोने के तत्व पाए जातें हैं, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। यह गाय प्रतिदिन 12 लीटर से अधिक दूध देती है। इसके दूध में 4.5 प्रतिशत वसा होती है। गिर गाय का औसत दुग्ध उत्पादन 1590 किलोग्राम है। ये पशु विभिन्न जलवायु के लिए अनुकूलित होते हैं। गर्म स्थानों पर भी आसानी से रह सकते हैं। इस गाय का दूध भी काफी महंगा बिकता है। ऐसे में वाराणसी को दुग्ध क्रांति से जोड़ने की एक नई पहल है।
बता दें कि विश्व में भारत का दुग्ध उत्पादन के में प्रथम स्थान है। जबकि देश में उत्तर प्रदेश सर्वाधिक दूध उत्पादन करने वाला राज्य है।
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