November 24, 2024
9 दिन तक कांपती रही पूरी धरती, आखिर ऐसा हुआ क्या था! वजह डराने वाली है

9 दिन तक कांपती रही पूरी धरती, आखिर ऐसा हुआ क्या था! वजह डराने वाली है​

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस घटना की वजह से ग्रीनलैंड में सुनामी आई थी. और इस सुनामी की वजह से 200 मीटर ऊंची लहरें उठी, जिसने भूकंपीय तंरगों को जन्म दिया.

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस घटना की वजह से ग्रीनलैंड में सुनामी आई थी. और इस सुनामी की वजह से 200 मीटर ऊंची लहरें उठी, जिसने भूकंपीय तंरगों को जन्म दिया.

वैज्ञानिकों ने पिछले साल धरती के लगातार नौ दिनों तक हिलने के कारणों का पता लगा लिया है. वैज्ञानिकों के अनुसार ये घटना एक पहाड़ की चोटी के ढहने के बाद एक फजॉर्ड के अंदर फंसी एक मेगा सुनामी की वजह से हुई थी. वैज्ञानिकों ने माना है कि सितंबर 2023 में 650 फीट यानी 200 मीटर ऊंची लहर पूर्वी ग्रीनलैंड के डिक्सन फजॉर्ड के अंदर आगे-पीछे घूमती रही थी, इसी वजह से पिछले साल लगातार नौ दिनों तक भूंकप के झटके महसूस किए गए थे. वैज्ञानिक के अनुसार पहाड़ की चोटी ढहने की वजह से इतनी ऊर्जा उत्पन्न हुई कि अगले 9 दिनों तक इसका असर भूंकप के तौर पर सामने आया. वैज्ञानिकों ने इस भगौलिक घटना को विस्तार से समझने के लिए भूभौतिकीय उपकरणों की एक श्रृंखला का उपयोग किया. इसी दौरान वैज्ञानिकों को पता चला कि आखिर पिछले साल लगातार आए भूकंप की मुख्य वजह ये ही है.

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं जलवायु परिवर्तन के कारण बार-बार हो रही हैं. और जलवायु परिवर्तन की वजह से ही ग्रीनलैंड में ग्लेशियर भी तेजी से पिघर रहे हैं.

देखें, दुनिया के नक्शे में कहां पर है ग्रीनलैंड

कई बार महसूस हुए थे भूकंप के झटके

सांइस जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार ये खोज, वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम और डेनिश नौसेना के एक जासूसी मिशन का ही परिणाम है. डॉ. स्टीफन हिक्स (एक वैज्ञानिक) का कहना है कि जब सहकर्मियों ने पिछले साल पहली बार इस संकेत को देखा तो हमें यह भूकंप जैसा बिल्कुल नहीं लगा था. उस दौरान हमनें इसे एक अज्ञात भूकंपीय चीज की तरह ही देखा.यह हमें लगातार नौ दिनों तक हर 90 सेकेंड में यह दिखाई देता रहा.

हिक्स ने आगे कहा कि हमें उसी समय डेनमॉर्क के एक सहकर्मी, जो ग्रीनलैंड में बहुद ज्यादा फील्डवर्क करते हैं, को एक सुदूर फजॉर्ड में आई सुनामी की रिपोर्ट मिली. ये सूचना के तुरंत बाद हमनें इसपर मिलकर काम करना शुरू किया.

हमारी टीम ने भूकंपीय डेटा का इस्तेमाल करते हुए सिग्नल के स्रोत का पता लगाने के लिए पूर्वी ग्रीनलैंड में डिक्सन फजॉर्ड का पता लगाया. इसके बाद हमने सैटेलाइट इमेजरी और फजॉर्ड की तस्वीरें सहित अन्य सुराग जुटाए, जो सिग्नल आने से ठीक पहले डेनिश नौसेना द्वारा ली गई थीं. हमें सैटेलाइट इमेज में फिओर्ड की एक खाई में धूल का बादल दिखा. यह हमने घटना से पहले और बाद की तस्वीरों का आंकलन किया हमें पता चला कि एक पहाड़ ही ढह गया है. और इसकी वजह से ग्लेशियर का एक हिस्सा पानी में बह गया है.

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