देश में लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी बज गई है. 18वीं लोकसभा के लिए देश के लगभग 97 करोड़ मतदाता अपने सांसद चुनने वाले हैं.
ब्लाॅग/मेहमान
विश्वविद्यालयों में संबंद्धता का खेल कैसे चलता है, इस बारे में रोचक संस्मरण के माध्यम से बता रहे पूर्व वाइस चांसलर प्रो.अशोक कुमार।
भविष्य में इन मस्तिष्कों का अध्ययन प्राचीन लोगों के जीवन और स्वास्थ्य के बारे में और भी अधिक जानकारी प्रदान करेगा।
वैज्ञानिक समुदाय का मानना है कि जानवरों पर प्रयोग मानव जीवन को बचाने और बीमारियों का इलाज करने के लिए आवश्यक है।
‘रघुपति रीत सदा चली आई’ की भान्ति नकल की रीत भी बरसों से चली आ रही है। यह न रूकी है और न इसके रूकने की कोई संभावना है।
देश में अगर सबकी पहुंच के लिए शिक्षा को आसान करना है तो उसकी जड़ों में बैठी समस्याओं को पहचानकर उसका निदान करना होगा।
हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में कई नए रुझान उभरे हैं लेकिन इससे जुड़ी सामाजिक और नैतिक चिंताएं भी हैं।
यदि इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है, तो यह भारत को एक अधिक शिक्षित और सक्षम समाज बनाने में मदद कर सकती है।
कुलपति एक विश्वविद्यालय का प्रमुख होता है। कुलपति का पद एक महत्वपूर्ण पद है।
शिक्षा की दुर्दशा का एक किस्सा, संस्मरण के रूप में सुना रहे हैं पूर्व कुलपति प्रो.अशोक कुमार।