November 21, 2024

ब्लाॅग/मेहमान

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को शिक्षण संस्थानों में लागू करने की चुनौतियों को विस्तार से बता रहे पूर्व कुलपति व शिक्षाविद प्रो.अशोक कुमार।

राजनीतिक नेता चुनाव प्रचार के दौरान अपने रोड शो के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए कदम उठा सकते हैं।

हत्या कानून व्यवस्था के मुंह पर ऐसा झापड़ है जिसकी गूंज काफी अरसे बाद तक सुनी जाएगी।

भारत सरकार ने विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस खोलने की इजाजत दे दी है। विदेशी विवि के कैंपस से भारतीय शिक्षा पर कितना और कैसा असर होगा इस पर प्रकाश डाल रहे हैं शिक्षाविद् और पूर्व कुलपति प्रो.अशोक कुमार…

विद्यार्थी गण प्रवेश की तिथि ,परीक्षा की तिथि और परीक्षा के परिणाम के तिथि के बारे में कभी चिंतित नहीं होते थे। कभी-कभी तो प्रवेश के साथ ही परीक्षा भी दे दिया करते थे।

आमतौर पर हम इस पर गौर नहीं करते हैं और अखबार में लपेटकर दिए गए खाने को आराम से खा लेते हैं। लेकिन, आपकी यह आदत आपकी सेहत के लिए बहुत हानिकारक साबित हो सकती है।

भविष्य में भी उस संस्थान के बारे में शोध कार्य से आपको अवगत हूं कराता रहूंगा। मै आशा करता हूँ की आप एक गुणवततापूर्ण संस्थान कैसे बनता है समझ गए होंगे।

हाल के शैक्षिक रुझान अच्छी तरह से रोजगार योग्य युवाओं के उत्पादन पर जोर देते हैं। संस्थानों में ‘प्लेसमेंट सेल’ का महत्व इस प्रवृत्ति को पर्याप्त रूप से दर्शाता है।

विश्वविद्यालयों के अराजक होते माहौल में कैंपस में इंट्री प्रॉसेस का क्या दोष है। इन विसंगतियों से कैसे छुटकारा पाया जाए इस पर प्रकाश डाल रहे हैं पूर्व कुलपति प्रो.अशोक कुमार। प्रो.अशोक कुमार, यूपी के कई राज्य विश्विविद्यालयों में कुलपति रह चुके हैं।

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