अशोक कुमार
भारत में उच्च शिक्षा पर समान अधिकार के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं। हर वर्ग, हर समाज को उच्च शिक्षा सुलभ हो सके इसके लिए तमाम जतन किए जा रहे हैं लेकिन कुंडली मारकर बैठी समस्याओं के निदान और पारदर्शी व्यवस्था की कमी से सारी उम्मीदों पर पानी फिर जा रहा है। देश में अगर सबकी पहुंच के लिए शिक्षा को आसान करना है तो उसकी जड़ों में बैठी समस्याओं को पहचानकर उसका निदान करना होगा। इन समस्याओं का समाधान करके भारत उच्च शिक्षा का स्तर सुधार सकता है और शिक्षा में सभी के लिए समान अवसर प्रदान कर सकता है।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निम्नलिखित समस्याएं
- शिक्षा का कम स्तर:भारत में उच्च शिक्षा का स्तर विश्व स्तर पर उतना बेहतर नहीं है। शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता और अनुसंधान पर कम ध्यान दिया जाता है।
- शिक्षा में असमानता:भारत में उच्च शिक्षा में लिंग, जाति, वर्ग और भौगोलिक स्थान के आधार पर असमानताएं मौजूद हैं।
- पहुंच में कमी:भारत में उच्च शिक्षा तक पहुंच अभी भी एक बड़ी समस्या है। शिक्षा संस्थानों की संख्या अपर्याप्त है और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर शहरी क्षेत्रों से कम है।
- शिक्षा प्रणाली में अप्रासंगिकता:भारत की शिक्षा प्रणाली में व्यावहारिक शिक्षा और कौशल विकास पर कम ध्यान दिया जाता है।
- बुनियादी ढांचे की कमी: भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों में बुनियादी ढांचे की कमी है। शिक्षा संस्थानों में पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं, और अन्य सुविधाओं की कमी है।
- शिक्षकों की कमी: भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों की कमी है। शिक्षकों में भी अनुभव और योग्यता की कमी है।
- वित्तीय संकट: भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ता है। सरकार द्वारा शिक्षा को पर्याप्त धन नहीं दिया जाता है।
- शोध और विकास में कमी: भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों में शोध और विकास पर कम ध्यान दिया जाता है।
- भ्रष्टाचार: भारत में उच्च शिक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार भी एक बड़ी समस्या है।
- शिक्षा प्रणाली में बदलाव की कमी: भारत में शिक्षा प्रणाली में बदलाव की कमी है। शिक्षा प्रणाली को समय के साथ बदलने की आवश्यकता है।
इन समस्याओं के समाधान के लिए क्या करना होगा?
- शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता और अनुसंधान पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए।
- लिंग, जाति, वर्ग और भौगोलिक स्थान के आधार पर असमानताएं दूर की जानी चाहिए।
- शिक्षा तक पहुंच को बढ़ाया जाना चाहिए।
- व्यावहारिक शिक्षा और कौशल विकास पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए।
- शिक्षा संस्थानों में बुनियादी ढांचे का विकास किया जाना चाहिए।
- शिक्षकों की नियुक्ति में वृद्धि की जानी चाहिए और शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
- शिक्षा को अधिक धन दिया जाना चाहिए।
- संस्थानों में शोध और विकास पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए।
- भ्रष्टाचार को दूर किया जाना चाहिए।
- शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाया जाना चाहिए।
(अशोक कुमार, कानपुर विश्वविद्यालय व गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं। उच्च शिक्षा पर लगातार अपनी बात रखते रहते हैं।)