गोरखपुर। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) के छात्र अब बिजली विभाग को घाटे से उबारने का प्रयास करेंगे। फर्जी कनेक्शन लेकर बिजली विभाग को लाखों का चूना लगाने वालों को पकड़ने में मदद के साथ साथ एमएमएमयूटी के स्टूडेंट्स बिजली मीटर में खेल पर रिपोर्ट देंगे। इसके अलावा हर एक कनेक्शन का भौतिक सत्यापन कर जियो मैपिंग करेंगे।
लर्न एंड अर्न योजना के तहत एमएमएमयूटी और बिजली विभाग (UPPCL) के बीच करार होने जा रहा है।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी सरोज कुमार और MMMUT के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय के बीच इसको लेकर सहमति बन गई है। बिजली विभाग को एमएमएमयूटी के अधिकारियों ने पत्र लिखा है। बिजली विभाग फॉल्स मीटर रीडिंग से परेशान है। इसी के साथ विभाग को कई उपभोक्ता नहीं मिल रहे हैं जबकि उनके कनेक्शन अस्तित्व में हैं। कंप्यूटर सिस्टम लापता उपभोक्ताओं का हर महीने न्यूनतम बिल बना रहा है। इस वजह से विभाग में बकाए की राशि का ग्राफ लगातार ऊपर चढ़ रहा है। इस ग्राफ की हकीकत की पड़ताल विभाग कराना चाहता है।
ट्रॉयल के तौर पर लेंगे दो सब-स्टेशन
बिजली विभाग के अधिकारियों ने इसको लेकर कुलपति से संपर्क किया था। कुलपति ने इस पर सहमति दे दी है। यह योजना लर्न एंड अर्न के तहत शुरू की जाएगी। इस योजना से जुड़े छात्रों को पारिश्रमिक का भुगतान भी होगा। विश्वविद्यालय ने इसे ट्रॉयल के तौर पर दो सब-स्टेशन क्षेत्र में करने का प्रस्ताव दिया है। विभाग इस पर सैद्धांतिक तौर पर सहमत हो गया है। हालांकि आधिकारिक मंजूरी के लिए अधिकारियों ने इसका प्रस्ताव वरिष्ठों के पास भेज दिया है।
जांच के साथ कनेक्शन्स की जियो मैपिंग भी करेंगे स्टूडेंट्स
कुलपति प्रो. जेपी पाण्डेय के अनुसार इस योजना में छात्र सब-स्टेशन क्षेत्र में उपभोक्ता के घर जाएंगे। वहां पर कनेक्शन, मीटर और उपभोक्ता की जांच कर मीटर रीडिंग लेंगे। इसके साथ ही हर कनेक्शन की गूगल मैपिंग करेंगे। इससे विभाग के कर्मचारी कार्यालय में बैठकर उपभोक्ता के घर का पता निकाल सकेंगे। जहां आवंटित कनेक्शन और मौजूद उपभोक्ता में मेल नहीं मिलेगा। वहां की सूचना विभाग को देंगे। इससे विभाग को क्षेत्र में वास्तविक कनेक्शन और मौजूद उपभोक्ता की सही सूचना मिलेगी।
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