कंगना रनोट की इमरजेंसी को सेंसर बोर्ड से मिली मंजूरी:जल्द हो सकता है तारीख का ऐलान, विवादों में फंसी थी फिल्म

कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी को सेंसर बोर्ड की तरफ से हरी झंडी मिल गई है। फिल्म अब रिलीज होने के लिए तैयार है। जल्द ही कंगना रनोट की तरफ से रिलीज डेट ऑफिशियल की जाएगी। फिल्म को लेकर सिख संगठनों ने आपत्ति जताई थी, जिसके कारण CBFC ने सर्टिफिकेट रोक दिया था। कंगना ने इस मामले पर रोष भी व्यक्त किया था। इस फिल्म के कई सीन पर CBFC ने आपत्ति जताई थी। CBFC ने इस फिल्म से 3 सीन डिलीट करने के निर्देश दिए थे। सख्त हिदायत भी दी थी कि फिल्म को रिलीज करने से पहले इसमें 10 बदलाव किए जाएं। प्रोड्यूसर और डायरेक्टर को सेंसर बोर्ड ने 10 बदलावों की लिस्ट भेजी थी कंगना ने भास्कर इंटरव्यू में कहा था- किसान आंदोलन में रेप-मर्डर हुए
भाजपा सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनोट ने दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कहा था-पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। किसान बिल को वापस ले लिया गया वरना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। इसी के बाद से उनके खिलाफ पंजाब में आक्रोश फैल गया था। सिख समुदाय के लोगों का आरोप- फिल्म में उनकी छवि गलत दिखाई गई
फिल्म इमरजेंसी रिलीज के पहले ही विवादों से घिर गई थी। सिख समुदाय के लोगों का आरोप था कि फिल्म में उनके समुदाय के लोगों की छवि को गलत तरीके से दिखाया गया है। MP की जबलपुर सिख संगत ने जबलपुर में कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली थी। यहां कलेक्टर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपते हुए फिल्म पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग की गई थी। कंगना के बयान से भाजपा ने असहमति जताई थी
कंगना ने भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर सरकार मजबूत न होती तो पंजाब बांग्लादेश हो जाता। इस बयान का विरोध होने पर भाजपा ने कहा कि यह कंगना की अपनी राय है, पार्टी की नहीं। भाजपा ने 26 अगस्त को एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा- पार्टी कंगना के बयान से असहमत है। कंगना को पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बोलने की इजाजत नहीं हैं। पार्टी ने उन्हें आगे ऐसे बयान ना देने की हिदायत भी दी थी। राहुल ने कहा था- कंगना का बयान किसान विरोधी नीति का सबूत
कंगना के बयान पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार (26 अगस्त) को कहा था- भाजपा सांसद का किसानों को बलात्कारी और विदेशी ताकतों का नुमाइंदा कहना उनकी किसान विरोधी नीति और नीयत का सबूत है। अन्नदाताओं के मान-सम्मान पर हमला करने से किसानों से किया गया मोदी सरकार का धोखा छिप नहीं सकता। इस खबर को अपडेट कर रहे हैं..बॉलीवुड | दैनिक भास्कर