पहले यह सीन देखिए.. आमिर खान की फिल्म पीके के इस सीन पर विवाद हो गया था। भगवान शिव के वेश में दिखे कैरेक्टर को डर से भागते दिखाया गया था। यहां तक कि जो एक्टर शिव की वेशभूषा में था, उसे भी उल्टा-सीधा कहा गया था। वह एक्टर कोई और नहीं बल्कि अनिल चरणजीत थे। आज सक्सेस स्टोरी में हम इन्हीं की सफलता की कहानी बयां करेंगे। अनिल चरणजीत ने पीके में चंद मिनट का रोल किया था, लेकिन आगे चलकर इन्हें कई फिल्मों में बड़े-बड़े रोल मिले। वे शाहरुख खान, अक्षय कुमार और रोहित शेट्टी की कई फिल्मों में नजर आए हैं। इसके अलावा वेब सीरीज सेक्रेड गेम्स में भी इनकी अहम भूमिका थी। मीडिल क्लास फैमिली से आने वाले अनिल चरणजीत ने संघर्ष के दिनों में थिएटर में टिकट भी बेचे। मुंबई आए तो सुभाष घई की एक्टिंग स्कूल में दाखिला लिया। हालांकि, वहां फीस का मसला हो गया था। तब वहां के गेस्ट लेक्चरर नसीरुद्दीन शाह ने उनकी एक सेमेस्टर की फीस माफ कर दी थी। एक दिन लिफ्ट में दिग्गज फिल्म मेकर सुभाष घई टकरा गए। उस दिन के बाद अनिल की किस्मत पलट गई। आगे अनिल चरणजीत की सफलता की कहानी, खुद उनकी जुबानी.. 11वीं में दो बार फेल हुए, स्कूल में बनाया जाता था मजाक
मैं मध्यप्रदेश के बालाघाट का रहने वाले हूं। बचपन में गणपति और दुर्गा पूजा में डांस करता था। हर साल 400 से 500 रुपए मिल जाते थे। मैं पढ़ाई में काफी खराब था। पढ़ाई नहीं करने पर मार बहुत पड़ती थी। 11वीं में दो बार फेल हुआ। मेरे जूनियर अब सीनियर हो चुके थे। स्कूल में मेरा मजाक बनाया जाता था। मेरे सामने चुनौती थी कि कैसे भी करके 12वीं निकालनी है। मैंने बहुत मेहनत की और 57 प्रतिशत नंबरों के साथ किसी तरह पास हो गया। घर वाले बाहर भेजने को तैयार नहीं थे
क्रिकेट के अलावा मेरे अंदर बचपन से डांस और एक्टिंग करने का भी शौक था। बस मैं यह बात किसी के सामने कह नहीं पाता था। मेरे बड़े भाई को पढ़ने के लिए घर से बाहर भेज दिया गया था। मेरा भी मन बाहर जाने का था, लेकिन घर वाले कुछ और ही चाहते थे। उनका मानना था कि मुझे घर पर रहकर पापा के साथ बिजनेस देखना चाहिए। अक्षय कुमार-बिग बी की फिल्म देख रोए, फिर एक्टिंग की ठानी
मैं कुछ समय तक पापा के साथ दुकान पर भी बैठा। हालांकि, दुकान के अंदर काम कम गिटार ज्यादा बजाता था। पापा इस चीज से चिढ़ जाते थे। एक दिन घर वालों के साथ बैठकर अमिताभ बच्चन और अक्षय कुमार की फिल्म ‘वक्त’ देख रहा था। यह फिल्म बाप-बेटे के रिश्ते और एक्टिंग पर आधारित थी। फिल्म देखने के बाद मैं रोने लगा। उस दिन मैंने सबसे बता दिया कि अब मैं एक्टिंग में ही करियर बनाऊंगा। मैंने पापा से कह दिया कि अब घर नहीं रहना। फिर ग्रेजुएशन करने पुणे चला गया। वहां FTII (फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट) के चक्कर काटता था। वहां एडमिशन लेना चाहता था। एक बार रिटेन टेस्ट निकल भी गया था, हालांकि ऑडिशन में पिछड़ गया। INOX में टिकट सेलर का काम किया
इस बीच पैसे कमाने के लिए बिजनेस में भी हाथ आजमाने लगा। हालांकि वहां ज्यादा दिन दाल नहीं गली। फिर मैं INOX (थिएटर चेन) में टिकट सेलर का काम करने लगा। वहां 3500 रुपए सैलरी थी। मैंने वहां 6 महीने काम किया। हर हफ्ते हमें एक टिकट फ्री मिलती थी। आमिर खान की फिल्म रंग दे बसंती रिलीज हुई थी। मैं वो फिल्म देखने गया। फिल्म देखकर इतना प्रभावित हुआ कि नौकरी छोड़ दी। सुभाष घई की एक्टिंग स्कूल में दाखिला लिया, लेकिन फीस देने में दिक्कत हुई
टिकट सेलर की जॉब छोड़ने के बाद अब लक्ष्य यही था कि कैसे भी फिल्मों में काम मिल जाए। मैं अब मुंबई आ चुका था। मुंबई आकर पता चला कि सुभाष घई विसलिंग वुड इंटरनेशनल नाम से एक एक्टिंग स्कूल चलाते हैं। हालांकि, वहां की फीस सुनकर मेरे होश उड़ गए। टोटल 12 लाख फीस थी। इतने पैसे अरेंज करने मुश्किल थे। उस वक्त मेरे भाई ने बहुत मदद की। उसने पैसे अरेंज करके मेरा एडमिशन करा दिया, लेकिन तीसरे सेमेस्टर में हम फीस नहीं दे पाए। कोर्स छोड़ने तक की नौबत आ गई थी। किसी तरह यह बात सुभाष घई और नसीरुद्दीन शाह (वहां टीचर थे) तक पहुंच गई। मैं इंस्टीट्यूट का एक होनहार स्टूडेंट था। यह बात मैनेजमेंट को पता थी। उन्होंने पहले तो मना किया लेकिन बाद में मेरी फीस माफ कर दी। काम पाने के लिए जेब में CD लेकर घूमते थे
एक्टिंग कोर्स करने के दौरान मैं अपने साथ एक CD कैसेट लेकर चलता था। उस कैसेट में मेरे एक्टिंग के कुछ शॉर्ट वीडियोज थे। मैं सोचता था, अगर कभी गाहे बगाहे सुभाष घई जी मिल गए तो उन्हें अपने काम का नमूना दिखा दूंगा। आखिरकार एक दिन ऐसा आ गया। सुभाष घई जी और मैं एक दिन लिफ्ट में टकरा गए। मैंने उन्हें अपनी CD दी और कहा कि सर, जब भी टाइम होगा, एक बार जरूर देखिएगा। सुभाष घई की आवाज सुनकर बुखार उतर गया
सुभाष घई से मिलने के 6 महीने बाद मेरे पास उनके ऑफिस से कॉल आया। बताया गया कि सुभाष घई मुझसे मिलना चाहते हैं। मुझे उस दिन 102 डिग्री बुखार था, लेकिन यह बात सुनते ही बुखार उतर गया। मैं तुरंत ऑटो पकड़कर उनके घर चला गया। सुभाष जी ने पूछा कि अनिल, तुम्हें पंजाबी आती है? मैंने कहा- जी सर आती है। फिर उन्होंने कहा- और डांस? मैंने कहा कि डांस भी आता है। फिर उन्होंने कहा कि चलो तुम्हें एक फिल्म में काम देते हैं। फिर उन्होंने मुझे फिल्म हैलो डार्लिंग ऑफर कर दी। इस तरह अभिनय की दुनिया में मेरी एंट्री हो गई। अब यह तो बात हो गई, अनिल के बचपन से लेकर पहली फिल्म मिलने तक। अब उनका करियर कैसे आगे बढ़ा, यह जानते हैं..
अनिल ने हैलो डार्लिंग से डेब्यू तो कर लिया था, लेकिन उन्हें असली पहचान मिली फिल्म हंसी तो फंसी से। सिद्धार्थ मल्होत्रा और परिणीति चोपड़ा स्टारर इस फिल्म में उनके किरदार को खूब पसंद किया गया। बर्थडे पार्टी में गए थे, वहां फिल्म पीके का ऑफर मिला
अनिल एक बार इंडस्ट्री के मशहूर कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा की बर्थडे पार्टी में गए थे। वहां सुशांत सिंह राजपूत भी मौजूद थे। मुकेश ने चरणजीत से कहा कि कल एक फिल्म का ऑडिशन है, आ जाना। उन्होंने कहानी नहीं बताई, बस इतना कहा कि यह राजकुमार हिरानी की फिल्म है और तुम्हारा सीन आमिर खान के साथ है। हिरानी और आमिर का नाम सुनते ही अनिल की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। अगले दिन ऑडिशन हुआ, जिसमें वे सिलेक्ट हो गए। असल शिव का किरदार नहीं करते, भले एक करोड़ मिलते
फिल्म पर हुए विवाद पर अनिल ने कहा, ‘मेरा किरदार एक थिएटर आर्टिस्ट का था, जो नाटक में शिव जी के वेश में दिखाई दिया। अगर असल में मुझे शिव जी का रोल मिलता और उस रोल में मुझे डर की वजह से भागते हुए दिखाया जाता, तो वह मैं नहीं करता। भले ही इसके लिए राजकुमार हिरानी मुझे एक करोड़ रुपए देते।’ पीके के बाद तो जैसे अनिल के पास फिल्मों की लाइन लग गई। उन्होंने रोहित शेट्टी के साथ फिल्म गोलमाल अगेन में काम किया। अक्षय कुमार के साथ सिंह इज ब्लिंग में भी दिखे। शेरशाह में भी इनका अहम रोल था। इस साल रिलीज हुई अक्षय कुमार की फिल्म सरफिरा में इनके रोल की काफी तारीफ हुई। रोहित शेट्टी भी इनकी एक्टिंग के फैन, अलग से रोल बना दिया
अनिल की जो रील वाली CD सुभाष घई ने देखी थी, वही रोहित शेट्टी ने भी देख ली थी। गोलमाल अगेन बनाते वक्त उन्होंने अपनी मैनेजर से अनिल को बुलाने को कहा। अनिल कहते हैं, ‘रोहित शेट्टी की मैनेजर ने कहा कि गोलमाल अगेन में आपके लिए रोल नहीं है, लेकिन रोहित सर चाहते हैं कि आप फिल्म की स्टारकास्ट को एक्टिंग में असिस्ट करें। मैं जाकर एक्टर्स को असिस्ट करने लगा। रोहित सर को मेरी एक्टिंग काफी पसंद आई। उन्होंने मेरे लिए अलग से रोल बना दिया।’ पिता को पहली बार लग्जरी होटल में ठहराया, वैनिटी वैन दिखाया
अनिल अपने करियर में कई फिल्मों का हिस्सा रहे। हालांकि, एक फिल्म जिसके बारे में ऑडियंस को शायद कम जानकारी होगी, लेकिन उनके लिए वह काफी स्पेशल है। फिल्म का नाम है बदमाशियां। दरअसल, इस फिल्म की शूटिंग के वक्त अनिल के पापा सेट पर आए थे। अनिल ने उन्हें लग्जरी होटल में ठहराया था। अनिल के पिताजी एक हंबल बैकग्राउंड से आते थे। होटल की सुख-सुविधाएं देखकर वे काफी खुश हुए। अनिल उन्हें अपने वैनिटी वैन में भी लेकर गए। उस वक्त उनकी आंखों में एक संतोष की भावना थी। उन्हें यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि उनका बेटा अब कामयाब हो गया है। अनिल ने कहा, ‘मेरे पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। गुजरने के 2-3 महीने पहले उन्होंने मुझे कॉल करके गाड़ी की EMI के लिए पैसे मांगे थे। मैंने उन्हें 40 हजार रुपए ट्रांसफर किए थे। पहली बार पिता को आर्थिक मदद करके मुझे काफी अच्छा लगा।’ यह बात कहते हुए अनिल चरणजीत रोने लगे.. ——————– बॉलीवुड से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें.. पुष्पा- 2 ने पहले दिन दुनियाभर में 294 करोड़ कमाए: शाहरुख की ‘जवान’ को पीछे छोड़ा अल्लू अर्जुन की मोस्ट अवेटेड फिल्म पुष्पा- 2 सिनेमाघरों में ओपनिंग डे पर दुनियाभर में 294 करोड़ की कमाई की। इसमें इंडियन बॉक्स ऑफिस पर फिल्म का कलेक्शन 175.1 करोड़ रुपए रहा। पुष्पा-2 ने हिंदी वर्जन में 72 करोड़ रुपए की कमाई की है। पूरी खबर पढ़ें..बॉलीवुड | दैनिक भास्कर
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