मूवी रिव्यू- भूल भुलैया-3:कहानी दिलचस्प, लेकिन सही ढंग से दिखाने में नाकाम; अपने रोल में चौंकाएंगे कार्तिक; इस बार प्रभाव नहीं छोड़ पाईं विद्या

कार्तिक आर्यन, माधुरी दीक्षित, विद्या बालन और तृप्ति डिमरी स्टारर फिल्म भूल भुलैया-3 रिलीज हो गई है। फिल्म की लेंथ 2 घंटे 38 मिनट है। दैनिक भास्कर ने इस हॉरर कॉमेडी जॉनर वाली फिल्म को 5 में से 3 स्टार रेटिंग दी है। फिल्म की कहानी क्या है?
कहानी की शुरुआत प्राचीन बंगाल के रक्तोघाट नाम की एक रियासत से होती है। वहां राज दरबार लगा हुआ है। बैकग्राउंड में ‘आमी जे तोमार’ गाना बजता है। इस गाने पर एक महिला डांस करती रहती है। तभी राजा अपने अंगरक्षकों के साथ आते हैं, और उस महिला को जिंदा जला देते हैं। ठीक 200 साल बाद वर्तमान की कहानी शुरू होती है। रूह बाबा (कार्तिक आर्यन) अपने एक दोस्त के साथ लोगों को भूत छुड़वाने के नाम पर ठगने का काम करता है। तभी उसकी मुलाकात मीरा (तृप्ति डिमरी) से होती है। मीरा रूह बाबा को पैसे की लालच देकर रक्तोघाट ले जाती है। रूह बाबा महल पहुंचता है तो उसे नए-नए रहस्य पता चलते हैं। उसे पता चलता है कि महल में मंजुलिका नाम की एक चुड़ैल की आत्मा है। वो अपनी मौत का बदला लेना चाहती है। तभी मल्लिका (विद्या बालन) और मंदिरा (माधुरी दीक्षित) की एंट्री होती है। दोनों की एक्टिविटी मंजुलिका जैसी होती है। वे दोनों रुहान यानी रूह बाबा के पीछे पड़ जाती हैं। उन्हें लगता है कि रुहान की वजह से ही पिछले जन्म में मंजुलिका को मारा गया था। हालांकि, अंत में बहुत बड़ा राज खुलता है, जिससे कहानी पूरी बदल जाती है। अब यह राज जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी। स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?
भूल भुलैया-2 की तरह इस बार भी कार्तिक आर्यन रूह बाबा के किरदार में प्रभाव छोड़ने में कामयाब रहे हैं। वे कई सीन में अक्षय कुमार की याद दिलाते हैं। उनकी कॉमिक टाइमिंग से लेकर डरने की एक्टिंग जैसी सारी चीजें नेचुरल लगी हैं। इस बार उनका किरदार पहले की अपेक्षा थोड़ा हटकर और चुनौतीपूर्ण है। माधुरी दीक्षित और विद्या बालन से बेहतर काम निकलवाया जा सकता था। खासतौर पर यहां विद्या की बात करनी जरूरी है। भूल भुलैया के पहले पार्ट में उन्होंने जो काम किया था, यहां उसका आधा भी नहीं दिखा है। वो पर्दे पर थकी हुई भी लगी हैं। तृप्ति डिमरी की एक्टिंग से ज्यादा उनकी बॉडी पर फोकस किया गया है। सपोर्टिंग एक्टर्स में विजय राज, संजय मिश्रा और राजपाल यादव का काम औसत है। डायरेक्शन कैसा है?
कहानी अच्छी है, लेकिन स्क्रीनप्ले बिखरा हुआ है। जिस हिसाब से कहानी लिखी गई है, डायरेक्टर अनीस बज्मी उसे पर्दे पर दिखाने में नाकाम हुए हैं। फर्स्ट हाफ भूमिका बनाने में ही खत्म कर दिया है। इंटरवल के बाद कहानी जरूर दिलचस्प मोड़ पर जाती है। भूल भुलैया फ्रेंचाइजी की पहली मंजुलिका यानी विद्या बालन को पूरी तरह वेस्ट कर दिया गया है। माधुरी दीक्षित जैसी दिग्गज अदाकारा से भी बेहतर काम निकलवाया जा सकता था। फिल्म देखते वक्त लगता है कि उनका किरदार डाला ही क्यों गया है? तृप्टि डिमरी यानी मीरा का ड्रेसिंग फिल्म की कहानी और कैरेक्टर के हिसाब से बिल्कुल नहीं जंचता। उन्हें बेवजह ग्लैमरस दिखाने पर ज्यादा फोकस किया गया है। विजय राज, संजय मिश्रा और राजपाल यादव को अच्छे डायलॉग ही नहीं दिए गए हैं। फिल्म का सबसे पॉजिटिव पॉइंट इसका क्लाइमैक्स है। अंत के कुछ सीन्स में डायरेक्टर बांधे रखने में कामयाब हुए हैं। कैसा है फिल्म का म्यूजिक?
टी-सीरीज की फिल्मों के गाने अच्छे होते हैं। भूल भुलैया फ्रेंचाइजी की पिछली फिल्मों का म्यूजिक भी अच्छा था। हालांकि, इस बार म्यूजिक डिपार्टमेंट पर बेहतर काम नहीं किया गया है। एक-दो गानों को छोड़ दें तो, एक भी गुनगुनाने लायक नहीं हैं। फाइनल वर्डिक्ट, देखें या नहीं?
पिछली दोनों फिल्मों की अपेक्षा यह पार्ट कमजोर है। हालांकि, कहीं-कहीं फिल्म रफ्तार जरूर पकड़ती है। कहीं-कहीं बहुत हंसाती भी है। कुछ सीन्स में आप पेट पकड़ने को भी मजबूर हो सकते हैं। अगर इस दिवाली आपके पास भरपूर समय है और हॉरर कॉमेडी फिल्मों के शौकीन हैं, तो भूल भुलैया-3 वन टाइम वॉच जरूर है। खासतौर पर टीनएज ग्रुप को यह फिल्म ज्यादा पसंद आ सकती है। साथ ही कार्तिक आर्यन की भी अच्छी-खासी पॉपुलैरिटी है, उनके फैंस के लिए यह एक अच्छा ट्रीट हो सकता है।बॉलीवुड | दैनिक भास्कर