चमेली, प्यार के साइड इफेक्ट जैसी बेहतरीन फिल्मों का हिस्सा रहे राहुल बोस ने हाल ही में अपनी पहली फिल्म के सेट पर हुए बुरे व्यवहार पर बात की है। एक्टर ने बताया है कि लीड हीरो होने के बावजूद उन्हें सेट पर बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं दी जाती थी। जबकि प्रोड्यूसर्स और उनके रिश्तेदारों के लिए वहां कुर्सियां मंगवाई जाती थीं। हाल ही में लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में राहुल ने कहा है, पहली फिल्म के सेट पर मुझे कोई कुर्सी नहीं दी गई थी। ये छोटी सी बात है, लेकिन मैं लीड रोल में था। मैंने कभी स्ट्रगल नहीं किया। थिएटर के बाद मुझे पहली फिल्म में ही लीड रोल मिल गया था। मुझे वहां कुर्सी नहीं दी जाती थी। मैं कभी सड़क के डिवाइडर पर बैठ जाता था, तो कभी कहीं। मुझे लगता था कि ठीक है कोई बात नहीं। लेकिन बाकियों को कुर्सियां दी जाती थी। प्रोड्यूसर, उसकी बहन, उसके चाचा। मुझे नहीं मिलती थी। आगे एक्टर ने कहा, मैं एक बार मोशेज नाम के रेस्टोरेंट में गया, जहां फिल्म सेट की तरह एडवांस कुर्सियां हुआ करती थीं। उस जमाने में वो कुर्सियां 10 हजार रुपए की मिलती थीं। ये 30 साल पहले की बात है। वहां से मैंने एक चेयर खरीदी। तब से मैं सेट पर अपनी कुर्सी खुद लेकर जाता हूं, जिससे मुझे सेट पर अपमानजक महसूस न करना पड़े कि किसी ने मुझे चेयर नहीं दी। राहुल बोस ने बातचीत में बताया है कि इस इंसीडेंट के बाद वो जब भी सेट पर किसी को बिना कुर्सी के देखते हैं, तो उसे कुर्सी जरूर ऑफर करते हैं। एक्टर ने कहा है, मैं ऐसा भी कर सकता था कि किसी ने मुझे चेयर नहीं दी थी, तो अब मैं भी किसी को नहीं दूंगा। मैंने 2 फिल्में डायरेक्ट की हैं, मैं भी कह सकता था कि भाड़ में जाएं सब मैं नहीं दूंगा किसी को चेयर। लेकिन मैंने कभी ऐसा नहीं किया। बताते चलें कि राहुल बोस जल्द ही स्पाई थ्रिलर फिल्म बर्लिन में नजर आने वाले हैं। इस फिल्म में उनके साथ अपारशक्ति खुराना, इश्वक सिंह, कबीर बेदी और अनुप्रिया गोएंका लीड रोल में हैं। फिल्म 13 सितंबर को जी 5 पर रिलीज होगी।बॉलीवुड | दैनिक भास्कर
More Stories
बिग बॉस 18 का हिस्सा बनने वाली हैं कार्दशियन सिस्टर्स:शो के मेकर्स से चल रही है बातचीत, दिसंबर में लेंगी रियलिटी शो में एंट्री
मनोज बाजपेयी ने सुनाई स्ट्रगल स्टोरी:बोले, मुंबई में खाने के लिए लोगों को देना पड़ता था धोखा, 18 घंटे काम करने के बाद भी नहीं मिलते थे पैसे
पटना के एक होटल में काम करते थे पंकज त्रिपाठी:बोले- कभी पीछे के दरवाजे से घुसता था, अब मेन गेट पर शानदार स्वागत होता है