टीवी शो अनुपमा इन दिनों चर्चा में है, क्योंकि अब तक 10 से ज्यादा एक्टर्स इसे छोड़ चुके हैं। कई लोगों ने इशारों-इशारों में लीड एक्ट्रेस रुपाली गांगुली को इसके लिए जिम्मेदार बताया है। दैनिक भास्कर ने सुधांशु पांडे से बात की, जिन्होंने शो में वनराज का पॉपुलर किरदार निभाया था। सुधांशु ने चार महीने पहले शो को छोड़ दिया था। उन्होंने बताया कि अब वह शो के किसी भी मेंबर, यहां तक कि प्रोड्यूसर राजन शाही से भी टच में नहीं हैं। पढ़िए बातचीत के कुछ प्रमुख अंश: ‘अनुपमा’ के सेट को लेकर कई तरह की खबरें आती हैं, कुछ लोग इसे डार्क स्पेस भी कहते हैं। इस पर आपका क्या कहना है?
देखिए, माहौल कहीं भी अच्छा या बुरा हो सकता है, लेकिन मेरे लिए सबसे जरुरी था कि मेरा दायरा और मेरा कमरा मेरा अपना रहे। सेट पर हंसी-मजाक तो चलता ही था, लेकिन जैसे ही शॉट कट होता, मैं अपने कमरे में चला जाता। मुझे सोशलाइजिंग से ज्यादा, खुद के स्पेस में रहना पसंद था। सेट पर एक बड़ा टेबल होता था जहां सब मिलकर लंच करते थे, लेकिन मैं वहां नहीं बैठता था। मुझे लगता था कि खाने का समय पर्सनल स्पेस है, और इसे अपने कंफर्ट जोन में ही बिताना चाहिए। मेरे लिए काम का माहौल हमेशा हंसी-खुशी होना चाहिए। मैं हमेशा कोशिश करता था कि किसी के बारे में नेगेटिव बातें न करूं, क्योंकि अगर मैं नेगेटिव बोलता, तो वही एनर्जी मेरी ओर आकर्षित होती। नेगेटिविटी तो हर जगह होती है, लेकिन यह आप पर निर्भर करता है कि आप उसे कैसे हैंडल करते हैं। मैं खुद को पॉजिटिव रखना चाहता हूं और अपनी ज़िंदगी से नेगेटिविटी को दूर रखना चाहता हूं। कुछ लोग नेगेटिव चीजों में खुश रहते हैं, लेकिन वो उनकी फितरत है। उन्हें उनकी जिंदगी मुबारक, और हमारे लिए बाबा महाकाल। शो के दौरान लीड एक्ट्रेस, रुपाली गांगुली के बारे में कई नेगेटिव बातें सामने आईं हैं, आप इस पर क्या सोचते हैं? 10 से ज्यादा लोगों ने शो छोड़ चुके हैं। हर किसी के पास अपनी वजह होती है कुछ भी करने की। और जब कोई शो छोड़ने के बाद कहता है कि ‘यह इंसान जिम्मेदार है’, तो इसके पीछे उनका कोई मजबूत कारण होगा। अगर कई लोग यही कहते हैं, तो मैं इसे पूरी तरह से सही या गलत नहीं मान सकता, क्योंकि यह उनका अपना नजरिया है। हर इंसान का अनुभव अलग होता है, और वही उनके फैसलों को प्रभावित करता है। जब मैंने शो छोड़ा, तो मैंने बस एक ही बात बताई – मेरे फैसले के पीछे सिर्फ और सिर्फ भगवान महाकाल का मार्गदर्शन था। मैं कभी किसी पर उंगली नहीं उठाता और न ही किसी को दोषी ठहराता हूं। मेरे लिए यह सही नहीं है। जिंदगी में सबसे अहम बात यह है कि हम अपने फैसले आत्मविश्वास और शांति से लें। जो हुआ, वह हुआ, और जो नहीं हुआ, वह भी ठीक था। मैं नेगेटिविटी से दूर रहकर, आलोचनाओं को नकारते हुए हमेशा अपनी राह पर आगे बढ़ना चाहता हूं। यही मेरी जिंदगी का मंत्र है – जहां शांति है, वहां शक्ति है। आपने शो छोड़ने का फैसला लिया। इसके पीछे क्या कारण था, और क्या यह किसी और की राय का असर था? मेरे फैसले के पीछे सिर्फ मेरी सोच और समझ थी। जब मैंने शो छोड़ने का निर्णय लिया, तो वह पूरी तरह से मेरा था। चार साल तक मैंने उस किरदार को जिया, लेकिन किसी समय एक्टर के तौर पर थकने लगा था। मन में यही सवाल था, ‘अब इस किरदार को कितने और दिलचस्प तरीके से जिंदा रख सकता हूं?’ जब मेरी पत्नी ने कहा, ‘अब वनराज के किरदार में वो मजा नहीं रहा’, तो मुझे लगा कि अगर ऑडियंस इसे महसूस करने लगे, तो वो दिन मेरे लिए ‘अंत’ साबित होगा। मैं नहीं चाहता था कि जब किरदार अपनी पूरी ताकत में हो, तो उसे अलविदा कहने की बजाय वो कमजोर और बोरिंग बन जाए। मुझे लगता था कि मुझे इसे छोड़ने का सही वक्त तब था, जब किरदार पूरी तरह से ऑडियंस से जुड़ा हुआ था और मज़ेदार था। और यही वजह थी कि मैंने यह फैसला लिया। मुझे लगता है कि मेरा इस किरदार के साथ जुड़ाव ही था जो शो को नंबर वन बनाए रखता था। जब तक मैं था, शो नंबर वन ही था। क्या चैनल और प्रोड्यूसर्स ने आपको रिक्वेस्ट किया था कि आप ये डिसीजन बदलें? नहीं, असल में, मुझे लगता है कि मेरा फैसला बहुत अच्छे तरीके से सोचा-समझा हुआ था।। चैनल और सभी ने समझा कि अगर मैंने यह डिसीजन लिया है, तो इसके पीछे कोई ठोस वजह होगी। तो कोई भी मुझे इसे फिर से सोचने के लिए फोर्स नहीं कर पाया। सबको यह समझ में आया कि अगर एक एक्टर, जो इसके हिस्से हैं, ने यह डिसीजन लिया है, तो वह सोच-समझकर ही लिया होगा। तो इस मामले में किसी ने भी मुझे फिर से विचार करने के लिए नहीं कहा। सबने इसे समझा और माना कि मैंने यह डिसीजन पूरी तरह से सोच-समझकर लिया है। राजन शाही आपके बहुत पुराने दोस्त हैं। बाकी लोगों से भी आपकी बॉन्डिंग हुई। क्या आप अभी भी उनसे संपर्क में हैं? नहीं, मैं टच में बिल्कुल नहीं हूं। यह कहना झूठ होगा कि मैं अभी भी टच में हूं। जब से शो छोड़ा है, तब से किसी से भी संपर्क नहीं हुआ। हालांकि, मैं सोशल मीडिया पर देखता हूं और वहां से पता चलता है कि लोग खूब मजे कर रहे हैं और पार्टी कर रहे हैं। आप सोशल मीडिया पर अक्सर लोगों से जुड़ते रहते हैं, फिर इतने बड़े शो में चार साल बिताने के बाद भी शो के किसी सदस्य से संपर्क क्यों नहीं रखा? क्या आपको इसका कोई धक्का महसूस हुआ? धक्का नहीं लगा, क्योंकि हर अनुभव कुछ न कुछ सिखाता है – चाहे वो समय के बारे में हो, या फिर लोगों के बारे में। जब आप ये समझ जाते हैं कि आपकी जिंदगी में जितना समय किसी का होना तय है, उतना ही वो रहेगा, तो आप बिना किसी दबाव के आगे बढ़ जाते हैं। जब आपको ये यकीन हो कि आपने कभी किसी को गलत नहीं किया, तो दिल में शांति होती है। फिर तो किसी भी चीज के लिए टेंशन लेने का कोई मतलब नहीं। जो हुआ, वह भी अच्छा था, जो नहीं है, वह भी ठीक है, और जो आगे होगा, वो भी शानदार होगा।बॉलीवुड | दैनिक भास्कर
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