December 26, 2024
फैशन ब्लॉगर माया गोगोई, जिनकी चाकू मारकर हत्या की गई:2 दिन लाश के साथ रहा बॉयफ्रेंड, सिगरेट पीता रहा; मर्डर की वजह आज भी अनसुलझी

फैशन ब्लॉगर माया गोगोई, जिनकी चाकू मारकर हत्या की गई:2 दिन लाश के साथ रहा बॉयफ्रेंड, सिगरेट पीता रहा; मर्डर की वजह आज भी अनसुलझी

तारीख- 23 नवंबर 2024 जगह- होटल रॉयल लिविंग, बेंगलुरु दोपहर 12:30 बजे 19 साल की फैशन ब्लॉगर माया गोगोई डेका 21 साल के आरव हनोय के साथ होटल पहुंचीं। उन्हें फर्स्ट फ्लोर पर रूम नंबर 101 अलॉट किया गया। चेक इन के बाद दोनों रूम में चले गए। उन्हें अगले दिन मंगलवार को सुबह 11 बजे चेक आउट करना था। 24 नवंबर को 11 बजे के आसपास होटल स्टाफ ने माया के रूम में कॉल किया और चेक आउट करने का समय पूछा। आरव ने कहा कि वे लोग एक दिन और रुकना चाहते हैं। अगले दिन फिर से होटल स्टाफ ने कॉल करके चेक आउट का टाइम पूछा। आरव ने फिर कहा कि वे लोग आज भी रुकेंगे और 26 नवंबर को चेक आउट करेंगे। 26 नवंबर को आरव और माया को एक साथ चेक आउट करना था, लेकिन सुबह 8:19 बजे आरव अकेला ही होटल से चला गया। करीब 11 बजे होटल स्टाफ ने एक बार से फिर माया के रूम में कॉल किया, लेकिन इस बार किसी ने जवाब नहीं दिया। स्टाफ ने आरव के पर्सनल नंबर पर भी कॉल किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। जवाब न मिलने पर एक स्टाफ रूम में गया। दरवाजा लॉक नहीं था। जैसे ही उसने दरवाजा खोला तो मंजर दिल दहला देने वाला था। बिस्तर पर माया की लाश पड़ी थी, फर्श पर जगह-जगह खून के धब्बे थे। स्टाफ ने भागकर बाकी स्टाफ को बताया और फिर पुलिस को खबर दी गई। अब पुलिस के सामने यह सवाल था कि क्या इस हत्या का असली मास्टरमाइंड आरव ही था? अगर नहीं तो वो 2 दिन तक माया के साथ उस कमरे में क्यों था? आज अनसुनी दास्तान के 3 चैप्टर्स में पढ़िए फैशन ब्लॉगर माया गोगोई डेका के हत्याकांड की कहानी… माया असम के गुवाहाटी की रहने वाली थीं। वह घटना से एक साल पहले बेंगलुरु आई थीं। ब्लॉगिंग करने के साथ माया एक एजुकेशन कंसल्टेंसी फर्म में काम भी करती थीं। घरवालों से दूर यहां वो बड़ी बहन और कजिन के साथ किराए के मकान में रहती थीं। माया और आरव हनोय की मुलाकात डेटिंग ऐप बम्बल पर हुई थी। आरव केरल के कुन्नूर का रहने वाला है। चंद दिनों की बातचीत के बाद आरव बेंगलुरु आकर माया से पहली बार मिला। इसके बाद मुलाकात का सिलसिला थमा नहीं। आरव बेंगलुरु में नौकरी करना चाहता था। हालांकि शुरुआत में नौकरी न मिलने पर वह घर वापस लौट गया। कुछ दिन बाद माया ने आरव की मदद की और एक फर्म में उसकी 15 हजार प्रति महीने की सैलरी पर इंटर्नशिप लगवा दी, जहां वो पहली काम कर चुकी थीं। बेंगलुरु आने से 15 दिन पहले आरव ने माया के साथ लिव-इन में रहने का प्रपोजल रखा था। हालांकि माया ने इसे सिरे से खारिज कर दिया, लेकिन उनका मिलना जारी रहा। 23 नवंबर यानी शुक्रवार को माया ने अपनी बहन को कॉल किया और कहा कि वह घर नहीं आएंगी क्योंकि उसे ऑफिस पार्टी में जाना है। हालांकि यह सच नहीं था। वह झूठ बोलकर आरव के साथ इसी दिन होटल गई थीं, जहां उनका मर्डर हुआ। बाद में उनके नंबर से बहन को एक और मैसेज भेजा गया कि वह आज भी घर नहीं आएंगी क्योंकि इस रात भी उन्हें पार्टी में जाना है। यह मैसेज माया ने भेजा था या आरव ने, यह अब तक पता नहीं चल पाया है। होटल के मैनेजर ने पुलिस को फोन कर माया के मर्डर की जानकारी दी थी। जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, तो कमरे की हालात देख सभी सिहर गए। कमरे में जगह-जगह खून के निशान थे। माया के शरीर पर धारदार चाकू से कम के कम 10 वार किए गए थे। सिर पर भी चोट के निशान थे। हालांकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट्स के मुताबिक, मौत की असल वजह सीने में लगी गहरी चोट थी। क्राइम सीन पर पुलिस को चाकू और एक नायलॉन की रस्सी मिली। आरोपी ने रस्सी ऑनलाइन पर्चेजिंग ऐप जेप्टो से मंगाई थी। इसकी पुष्टि पुलिस ने क्राइम सीन पर मिली रस्सी के कवर से की थी। यहां तक की जांच के आधार पर पुलिस का मानना था कि आरव चाकू लेकर होटल आया था। शुरुआती जांच में पुलिस ने पाया कि माया का फोन 24 नवंबर से ही बंद था। इससे लगा कि माया की मौत 24 नवंबर को ही हो गई थी। पुलिस ने आगे होटल के बाहर और अंदर लगे CCTV फुटेज को खंगाला। जिसमें यह पता चला कि 23 नवंबर को जब माया और आरव ने होटल में चेक इन किया, तो दोनों के पास एक-एक बैग था। आरव ने व्हाइट कैप पहनी हुई थी। माया के हावभाव से साफ पता चल रहा था कि वह अपनी मर्जी से आरव के साथ होटल आई थीं। 23 से 26 नवंबर तक, दोनों में से कोई होटल से बाहर नहीं गया। 26 नवंबर की सुबह आरव बाहर आया। उसने वही व्हाइट कैप पहनी हुई थी, लेकिन वह अपना बैग नहीं लिए हुए था। चूंकि CCTV कैमरे में माया के साथ आरव ही था, तो पुलिस ने उसी को शक के घेरे में लेकर आगे की जांच शुरू की। पुलिस ने माना कि मर्डर करने के बाद आरव दो दिन तक माया की बॉडी के साथ रहा और कई सिगरेट भी पिए। जब लाश से बदबू आने लगी तो वह वहां से भाग निकला। होटल से निकलने के बाद उसने रेलवे स्टेशन जाने के लिए कैब बुक की और फिर अपना फोन स्विच ऑफ कर दिया। शुरुआती जांच के आधार पर पुलिस का मानना था कि आरव मर्डर की पूरी प्लानिंग के साथ होटल आया था। पहले से उसके पास चाकू का होना और नायलॉन की रस्सी मंगाना इसी ओर इशारा कर रहे थे। पुलिस ने आरव को पकड़ने के लिए तीन टीमें बनाई थीं। इनमें से एक टीम नॉर्थ कन्नड़ जिले में गई। एक टीम को केरल भेजा गया और तीसरी टीम को इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस खंगालने का काम सौंपा गया। इधर आरव बेंगलुरु से फरार होकर मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से होते हुए वाराणसी पहुंचा। इसी बीच उसने 28 नवंबर को अपना फोन स्विच ऑन किया। इस दौरान पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस कर ली। 29 नवंबर को जब वह बेंगलुरु लौटा तो पुलिस ने उसे एयरपोर्ट के नजदीक देवनाहल्ली इलाके से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने आरव से पूछताछ की, तो उसने कबूल किया कि माया का कत्ल उसने ही किया है। हालांकि वह वजह से बताने से मुकर गया। उसने कहा कि पर्सनल वजहों से मर्डर का मकसद नहीं बता सकता है। आरव ने कई और खुलासे भी किए। उसने बताया कि उसका बचपन अच्छा नहीं बीता। उसके जन्म के कुछ साल बाद ही मां-बाप का तलाक हो गया। आरव की कस्टडी मां के पास रही। कुछ साल बाद मां ने दूसरी शादी कर ली, लेकिन उनकी यह शादी भी टूट गई। आरव को लगा कि लाइफ की सारी परेशानियां शायद खत्म हो चुकी हैं। हालांकि ऐसा नहीं था। उसकी मां ने तीसरी शादी कर ली। इस घटना के बाद आरव को लगने लगा कि अब उसे मां से अलग हो जाना है। इसी उथल-पुथल के बीच डेटिंग ऐप पर उसकी मुलाकात माया से हुई। माया के सहारे वह बेंगलुरु आकर नौकरी करने लगा। जहां आरव शांत और अपने-आप में रहने वाला शख्स था, वहीं माया हमेशा दोस्तों से घिरी रहती थीं। वक्त के साथ माया की यह आदत आरव को खटकने लगी। उसका मानना था कि वह माया के लिए दूसरे शहर आया, लेकिन उससे ज्यादा वक्त वे अपने दोस्तों को देती हैं। इसी वजह से दोनों में बहुत लड़ाइयां होने लगीं। आरव, माया के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहता था, लेकिन माया ने पहले ही मना कर दिया था। कहीं न कहीं वो इस बात से भी बहुत नाराज था। एक रोज उसने माया से कहा- हम लिव-इन में नहीं रह सकते हैं, लेकिन क्या हम एक दिन घरवालों और दोस्तों से दूर होटल में बिता सकते हैं? माया ने उसके इस प्रपोजल पर हामी भर दी। इसके बाद दोनों 23 नवंबर को होटल रॉयल लिविंग पहुंच गए। चेक इन के कुछ घंटे बाद ही दोनों में उसी पुरानी बात पर लड़ाई हो गई। जैसे-तैसे 23 नवंबर की रात बीती। सुबह होते ही आरव ने ऑनलाइन पर्चेजिंग ऐप जेप्टो से चाकू और नायलॉन की रस्सी मगांई। मतलब कि आरव, माया को मारने के मकसद से होटल नहीं आया। जलन और गुस्से में उसने यह कदम उठाया। आरव ने कबूलनामे में यह भी बताया कि उसने चाकू से लगभग 10 बार माया पर वार किए थे। सिर पर भी वार किए थे। बदबू बढ़ जाने के बाद उसने होटल छोड़ने का फैसला किया था। मर्डर कैसे हुआ, आरव ने इस राज से पर्दा हटा दिया, लेकिन क्यों किया, वो इसे बताने के लिए हरगिज तैयार नहीं है। उसका कहना है कि इस जुर्म के लिए जो सजा मिलेगी, उसे मंजूर है। फिल्मी सितारों और मनोरंजन से जुड़ी शख्सियतों की ये अनसुनी दास्तानें भी पढ़िए- पाकिस्तानी मॉडल नायाब नदीम, जिनकी बिना कपड़ों के लाश मिली:नाजायज संबंधों और पेशे से नाराज था सौतेला भाई, नशीली दवा खिलाई फिर बेहोश कर गला घोंटा नायाब नदीम, जो पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री की एक उभरती कलाकार थीं, लेकिन उन्हें सिर्फ इस बात पर जान गंवानी पड़ी क्योंकि उनके आसपास के लोगों को लगा कि वो उनकी इज्जत पर खतरा हैं। पढ़ें पूरी खबर..बॉलीवुड | दैनिक भास्कर

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