मेरठ महोत्सव में बुधवार देर शाम प्रसिद्ध सिंगर म्यूजिक कंपोजर शंकर महादेव पहुंचे। खास बातचीत में शंकर महादेवन ने कहा कि मेरठ में आज उनका कंसर्ट है। मेरठ वालों ने बुलाया इसके लिए सभी बहुत शुक्रगुजार हूं। मेरठ से मेरा गहरा नाता है। यहीं के बने हुए तानपुरे से पहली बार रियाज किया था। क्रांति के इस शहर का मैं हमेशा ऋणी रहूंगा। शंकर ने कहा कि नए साल में वह प्रयागराज महाकुंभ मेंजाएंगे। 16 जनवरी को परफॉर्म करेंगे। शंकर ने चलो कुंभ चलें गीत भी गुनगुनाया। शंकर महादेवन ने कहा कि उनको ब्रीथलेस सॉंग ने पहचान दिलाई। शंकर ने कहा कि म्यूजिक आत्मा से कनेक्ट करता है। हमें परिवर्तन के साथ चलना चाहिए। महादेवन ने बताया कि उन्होंने 10 भाषाओं में गाने गाए हैं। हिंदी से ज्यादा साउथ के गाने गाए। कंपोजर एंड सिंगर के रूप में मुझे ज्यादा देखा जाता है। शंकर ने कहा कि वो यंगस्टर्स को इनवेस्ट इन नॉलेज का मंत्र देना चाहते हैं। संयम के साथ कार्य करिए। एक दिन उपरवाले का स्विच ऑन हो जाता है। जो भी काम करो डूब कर करो। उन्होंने कहा कि आज की तारीख में रातों-रात स्टार बन जाते हैं लेकिन ओवरनाइट स्टार का मतलब ये नहीं कि आपका संगीत बहुत अच्छा है। ओवरनाइट स्टार बनिए लेकिन कांस्टेंट अप्रोच ही आपको आगे ले जाता है। तीस-चालीस साल आपके कार्य से ही पहचान बनती है। ओरिजनलिटी मत खोइए…वही आपकी पहचान है। शंकर महादेवन ने कहा कि ज्ञान में इनवेस्ट कीजिए। हर व्यक्ति से सीखिए। हर संगीत के फॉर्म को सीखिए। अपनी ओरिजनलिटी मत खोइए। ओरिजनल ही आपकी पहचान है। पद्मश्री शंकर महादेवन ने कहा कि रिमिक्स करने का एक ढंग होता है। अगर अच्छे ढंग से रिमिक्स किया जाए तो उसकी बात अलग हो जाती है। लेकिन ढंग अच्छा होना चाहिए। उन्होंने बताया कि पंद्रह साल से विश्व की सबसे बड़ी म्यूजिक एकेडमी चलाते हैं। 90 कंट्रीज में म्यू़जिक एकेडमी है। कहा कि मराठी फिल्म का म्यू़जिक लॉंच हुआ है। शंकर महादेवन ने कहा कि हम मुसाफिर हैं, हर जगह परफॉर्म करते हैं। बताया कि 30 साल से कंपोज कर रहे हैं।बॉलीवुड | दैनिक भास्कर