हाल ही में बॉलीवुड एक्टर समीर सोनी ने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया। उन्होंने बताया कि ‘बागबान’ जैसी सुपरहिट फिल्म का हिस्सा बनने के बावजूद उन्हें महीनों तक कोई काम नहीं मिला। इस दौरान वह रोज शाम समंदर किनारे बैठकर रोते और सोचते कि उन्होंने इंडस्ट्री में कदम रखकर सही किया या नहीं। समीर ने उज्जवल त्रिवेदी के यूट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान बताया कि ‘बागबान’ से पहले उन्होंने ‘डांस लाइक ए मैन नाम’ की एक फिल्म की थी, जिसे नेशनल अवॉर्ड मिला था, लेकिन इसके बाद भी उन्हें कोई खास पहचान नहीं मिली। जब उन्हें ‘बागबान’ ऑफर हुई, तो डायरेक्टर रवि चोपड़ा ने उन्हें फिल्म की कहानी सुनाई। समीर को यह समझ नहीं आया कि उन्हें निगेटिव रोल क्यों दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘मेरे मन में चल रहा था कि सर, ये कौन सा रोल दे रहे हो? चार निकम्मे लड़के, उनमें से कोई भी निकम्मा लड़का… और मैं तो हीरो बनने आया हूं, आप मुझे विलेन बना रहे हो, ऐसा क्यों कर रहे हो?’ समीर ने आगे बताया कि वह घर जाकर सोचने लगे कि ‘डांस लाइक ए मैन’ जैसी फिल्म, जिसे नेशनल अवॉर्ड मिला, किसी ने देखी तक नहीं। बड़े बैनर की फिल्म नहीं मिलेगी, तो करियर कैसे आगे बढ़ेगा? इस सोच के बाद उन्होंने रवि चोपड़ा को कॉल किया और कहा कि उन्हें वही किरदार चाहिए, जिसके सबसे ज्यादा सीन अमिताभ बच्चन के साथ हों। फिल्म सुपरहिट रही, लेकिन इसके बाद भी समीर को तीन महीने तक कोई काम नहीं मिला। हर शाम वह समंदर किनारे बैठकर रोते और भगवान से पूछते- ‘आखिर आप चाहते क्या हैं? अगर मुझे हीरो नहीं बनाना चाहते तो मत बनाइए, कम से कम इतना तो बता दीजिए कि मैं एक्टिंग नहीं कर सकता। अब तो मैं विलेन बनने के लिए भी तैयार हूं, लेकिन काम ही नहीं मिल रहा। अब मैं करूं तो क्या करूं?’ कुछ समय बाद उन्हें ‘जस्सी जैसी कोई नहीं’ में काम करने का मौका मिला, जो उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। बता दें, समीर सोनी ‘लज्जा’, ‘फैशन’, ‘चाइना गेट’, ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2’ जैसी फिल्मों और ‘परिचय’, ‘डर सबको लगता है’ जैसे टीवी शोज का भी हिस्सा रह चुके हैं।बॉलीवुड | दैनिक भास्कर