हरियाणा के सोनीपत में बॉलीवुड एक्टर श्रेयस तलपड़े और आलोकनाथ पर FIR दर्ज हुई है। यह मामला मध्यप्रदेश में रजिस्टर्ड एक सोसाइटी के 50 लाख से ज्यादा लोगों के करोड़ों रुपए लेकर भागने से जुड़ा हुआ है। दोनों बॉलीवुड एक्टर्स ने इस कंपनी में इन्वेस्टमेंट के लिए प्रमोशन किया था। यही नहीं, बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद भी इस कंपनी के कार्यक्रम में चीफ गेस्ट बनकर आ चुके हैं। पुलिस में दी शिकायत के मुताबिक कंपनी ने 6 साल तक लोगों से पैसे जमा कराए। उन्हें फिक्स्ड डिपॉजिट(FD) समेत दूसरे तरीके से कंपनी में पैसा लगाने पर मोटे रिटर्न का झांसा दिया गया था। लोगों का भरोसा जीतने के लिए महंगे और बड़े होटलों में सेमिनार कराए। मल्टीलेवल मार्केटिंग की तर्ज पर इंसेटिव के बहाने एजेंट बनाए गए। जिनके जरिए लोगों को जोड़ा गया। शुरू में कंपनी ने कुछ लोगों को पैसे दिए भी, लेकिन जब करोड़ों रुपए जमा हो गए तो आनाकानी कर दी। लोगों ने रुपए मांगे तो पहले कंपनी के अधिकारियों ने मोबाइल बंद कर लिए। फिर ठगी की पोल खुलने लगी तो कंपनी ने हरियाणा में 250 से ज्यादा दफ्तरों को ताला लगा दिया। जिसके बाद सारे अधिकारी गायब हो गए। पुलिस की तरफ से दर्ज FIR में तलपड़े और आलोकनाथ समेत 13 लोग नामजद किए गए हैं। सोसाइटी की ठगी की पूरी कहानी सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें…. 2016 में शुरू हुई, बड़े रिटर्न का लालच दिया
पुलिस की तरफ से दर्ज FIR में सोनीपत के विपुल कुमार ने बताया कि ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम के तहत मध्य प्रदेश के इंदौर में रजिस्टर्ड थी। जो 16 सितंबर 2016 से हरियाणा समेत देश के कई राज्यों काम कर रही थी। सोसाइटी ने लोगों को फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और आवर्ती जमा (RD) योजनाओं में इन्वेस्टमेंट का ऑफर दिया। इसके लिए निवेशकों को बड़े रिटर्न का लालच भी दिया गया। इस दौरान एजेंटों को बड़े-बड़े इंसेंटिव देकर ज्यादा से ज्यादा लोगों से पैसे जमा कराए गए। मल्टी-लेवल मार्केटिंग का मॉडल अपनाया
सोसाइटी ने मल्टी-लेवल मार्केटिंग का मॉडल अपनाया, जिसमें एजेंटों को नए निवेशकों को जोड़ने पर विशेष प्रोत्साहन दिया जाता था। सोसाइटी ने शुरुआत में खुद को एक विश्वसनीय वित्तीय संस्था के रूप में पेश किया। उसने लोगों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा सुरक्षित रहेगा। समय पर मैच्योरिटी की राशि का भुगतान किया जाएगा। पूरे प्रदेश में 250 सुविधा केंद्र
विपुल के अनुसार, हरियाणा में इस सोसाइटी का हैड ऑफिस महेंद्रगढ़ में था। सोसाइटी ने पैसे जमा कराने के लिए अपने सुविधा केंद्र बनाए थे। इस प्रकार से पूरे हरियाणा में 250 से ज्यादा केंद्र काम कर रहे थे। पानीपत जैसे कुछ बड़े शहरों में सोसाइटी के चेस्ट ब्रॉन्च खोली गई थी। कुछ शहरों में सोसाइटी ने खुद की एम्बुलेंस सेवा के साथ साथ मोबाइल एटीएम वैन भी शुरू कर दी थी। 50 लाख लोग-एजेंट जुड़े थे
विपुल ने बताया कि उन्होंने अकेले 1 हजार से ज्यादा अकाउंट खुलवाए थे, जिनमें से अभी किसी के भी रुपए सोसाइटी ने नहीं लौटाए हैं। उनका कहना है कि पूरे हरियाणा में 50 लाख से ज्यादा लोग सोसाइटी से जुड़े हुए हैं। इनमें एजेंट व निवेशक दोनों शामिल हैं। एजेंट फ्रेंचाइजी लेकर घर पर ही बैठ कर काम करते थे। सारा काम ऑनलाइन होता था। महंगे होटलों में होते थे कार्यक्रम
सोसाइटी में नए लोगों को जोड़ने के लिए कई कार्यक्रम होते थे। इसके लिए बड़े-बड़े होटलों में ट्रेनिंग के नाम पर पार्टीज भी होती थीं। जिसमें एजेंटों को भी बुलाया जाता था। इन कार्यक्रमों का आयोजन कर सोसाइटी ने एजेंटों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा सुरक्षित है। विपुल ने पुलिस को दी शिकायत में खुद बताया कि इस सोसाइटी ने साल 2016 से 2023 तक सही ढंग से काम किया। लोगों को इन्वेस्टमेंट के मैच्योर होने पर उन्हें रकम भी लौटाई गई। इसके अलावा नए निवेशक जोड़ने वाले एजेंट्स को भी उनका इंसेटिव टाइम पर दिया गया। 2023 में दिखाया अपनी असली रंग, पेमेंट रोका
विपुल ने बताया कि बड़े-बड़े दावे और लालच देकर सोसाइटी ने अपनी वास्तविक मंशा कई सालों तक छिपाए रखी। जिस वजह से धोखाधड़ी के लिए पूरा बेस तैयार कर लिया। 2023 में सोसाइटी के लोगों ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया। सोसाइटी के कामकाज में गंभीर समस्याएं आनी शुरू हो गईं। पहले एजेंट्स के इंसेंटिव रोक दिए गए। फिर निवेशकों की मैच्योर हो चुकी रकम का भुगतान भी बाधित होने लगा। पूछे जाने पर हमेशा सोसाइटी के अधिकारी “सिस्टम अपग्रेडेशन” का बहाना मारते थे। सवाल पूछे तो मालिकों ने फोन बंद दिए, दफ्तरों पर ताला लगा
निवेशकों और एजेंट्स ने जब इन समस्याओं को लेकर सोसाइटी के अधिकारियों से संपर्क किया, तो उन्हें झूठे आश्वासन दिए। धीरे-धीरे लोगों ने सोसाइटी के लोगों पर ठगी के आरोप लगाने शुरू किए तो सोसाइटी के मालिकों ने अपने एजेंटों और निवेशकों से सभी संपर्क के माध्यम बंद कर दिए। इतना ही नहीं जब लोग दफ्तरों में जाकर हंगामा करने लगे तो उन्होंने अपने सभी दफ्तरों पर ताला लगा दिया और सभी अधिकारी कर्मचारी लोगों के करोड़ों रुपए फरार हो गए। 13 लोगों पर एफआईआर, 2 एक्टर शामिल
पुलिस ने विपुल की शिकायत पर संचालक नरेंद्र नेगी, समीर अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, परीक्षित पारसे, आरके शेट्टी, राजेश टैगोर (मुख्य ट्रेनर), संजय मुदगिल (मुख्य ट्रेनर), बॉलीवुड एक्टर श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ (ब्रांड एंबेसडर, जिन्होंने सोसाइटी को प्रमोट किया), पप्पू शर्मा (हरियाणा हैड), आकाश श्रीवास्तव (हरियाणा हैड), रामकवार झा (चेस्ट ब्रांच) और शबाबै हुसैन के खिलाफ धारा धारा 316(2),318(2),(4) BNS में केस दर्ज किया है। कुछ निवेशक ने इस मामले में हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी। 25 जनवरी को कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई भी होनी है, जिसमें सोसाइटी के अधिकारियों को जवाब देना होगा कि वो लोगों के पैसे कैसे लौटाएंगे। बॉलीवुड एक्टर्स और कंपनी अधिकारियों पर दर्ज FIR…बॉलीवुड | दैनिक भास्कर