Bangladesh में अंतरिम सरकार: नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने ली शपथ, युवाओं का किया आह्वान

Bangladesh interim Government oath: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के इस्तीफा के बाद अंतरिम सरकार गुरुवार को अस्तित्व में आ गई। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने गुरुवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर शपथ ली। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा और देश छोड़ने के बाद सेना ने कमान संभालते हुए अंतरिम सरकार के गठन की पहल की थी।

मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के शपथ ग्रहण लेने के साथ ही देश में 15 साल बाद नई सरकार बनी है। 2009 में शेख हसीना के प्रधानमंत्री बनने के बाद वह लगातार देश की सत्ता पर काबिज रहीं।

पद एवं गोपनीयता की शपथ लेते हुए मुहम्मद यूनुस ने कहा: मैं संविधान को बनाए रखूंगा, उसका समर्थन करूंगा और उसकी रक्षा करूंगा तथा अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करूंगा।

बांग्लादेश के नए प्रमुख ने कहा-युवा करेंगे नवनिर्माण

शपथ लेने के पहले नोबेल शांति विजेता मुहम्मद यूनुस ने कहा कि देश के लिए कुर्बान हुए युवाओं ने राष्ट्र की रक्षा की और इसे नया जीवन दिया। उनकी वजह से बांग्लादेश को दूसरी आजादी मिली है। राष्ट्र का निर्माण युवा पीढ़ी को ही करना चाहिए। बांग्लादेश एक सुंदर देश हो सकता है लेकिन हमने इसकी संभावनाओं को नष्ट कर दिया है। अब हमें फिर से एक बीज-संग्रह बनाना है – नया बीज-संग्रह युवा स्वयं बनाएंगे। हम बहुत तेजी से एक नए बांग्लादेश के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। हमने आज शुरुआत कर दी है।

माइक्रो फाइनेंस से देश की गरीबी को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका

84 साल के मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में माइक्रो क्रेडिट और माइक्रो फाइनेंस के माध्यम से देश को गरीबी से निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यूनुस के माइक्रो फाइनेंस योजना ने लाखों गरीबों को आत्मनिर्भर बनाया। उन्होंने इस योजना को ग्रामीण बैंक के माध्यम से क्रियान्वयन कराया था। यूनुस को इस काम के लिए नोबेल शांति पुरस्कार साल 2006 में मिला था।

पीएम मोदी ने दी बधाई…

बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख बनाए गए मुहम्मद यूनुस के शपथ लेने पर पीएम मोदी ने बधाई दी है। एक्स पर पीएम मोदी ने लिखा: प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को उनकी नई जिम्मेदारी संभालने पर मेरी शुभकामनाएं। हम जल्द ही सामान्य स्थिति की वापसी की उम्मीद करते हैं, जिससे हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित हो सके। भारत शांति, सुरक्षा और विकास के लिए दोनों देशों के लोगों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बांग्लादेश के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।