ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत पर भारत में एक दिन का राजकीय शोक

Ebrahim Raisi Helicopter crash: अजरबैजान से लौटते समय पहाड़ियों में ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री होसेन अमीर-अब्दुल्लाहियन सहित आधा दर्जन से अधिक लोग सवार थे। हेलीकॉप्टर क्रैश के अगले दिन सभी के शव रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मिले हैं। ईरान के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की दुर्घटना में हुई मौत के बाद भारत सरकार ने दु:ख जताया है। भारत सरकार ने सोमवार को दिवंगत गणमान्य व्यक्तियों के सम्मान में एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की। 21 मई को देश भर में उन सभी इमारतों पर झंडे आधे झुके रहेंगे जहां नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।

गृह मंत्रालय ने ईरानी राष्ट्रपति के मौत के बाद राजकीय शोक का ऐलान करते हुए कहा कि ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री का हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया है। दिवंगत गणमान्य व्यक्तियों के सम्मान में भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि 21 मई को पूरे भारत में एक दिन का राजकीय शोक रहेगा। शोक के दिन पूरे भारत में उन सभी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा जहां राष्ट्रीय ध्वज नियमित रूप से फहराया जाता है और उस दिन कोई आधिकारिक मनोरंजन नहीं होगा।

रविवार की शाम हेलीकॉप्टर हुआ था क्रैश

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उनके मंत्री को ले जा रहा हेलीकॉप्टर रविवार को क्रैश हो गया था। इस हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से संपर्क नहीं हो पा रहा था। यह हादसा राष्ट्रपति के अजरबैजान से ईरान लौटने के दौरान हुई। हादसा अजरबैजान से लगे बार्डर एरिया के ईरानी शहर जोल्फा में हुआ। हादसा की वजह खराब मौसम और घना कोहरा बताया जा रहा है। रात भर रेस्क्यू में भी टीमों को दिक्कतें आई। सोमवार को राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर का मलबा रेस्क्यू टीमों ने ट्रेस किया। उसके बाद सभी शवों को खोज निकाला गया। इस क्रैश में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, तबरीज़ के शुक्रवार की प्रार्थना के इमाम सैयद मोहम्मद-अली अल-हाशेम और विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन सहित 9 क्रू मेंबर्स मारे गए।

2021 में बने थे राष्ट्रपति

इब्राहिम रईसी को 2021 में राष्ट्रपति चुना गया था। राष्ट्रपति बनने के बाद ही 63 वर्षीय रईसी ने नैतिकता कानूनों को कड़ा करने का आदेश दिया था। सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर खूनी कार्रवाई की है और विश्व शक्तियों के साथ परमाणु वार्ता में कड़ी मेहनत की है। कई लोग उन्हें ईरान के सर्वोच्च नेता के रूप में अयातुल्ला अली खामेनेई के उत्तराधिकारी बनने के लिए अपनी साख चमकाने के रूप में देखते हैं।