Israel Hamas War: कतर बोला-गाजापट्टी पर इजरायली बमबारी बातचीत के रास्तों को लगातार सकरा कर रहे

Israel Hamas War: गाजापट्टी में स्थायी शांति बहाली का कोई नतीजा सामने आता नहीं दिख रहा है। हमास ने इजरायल को चेतावनी दी है कि अगर उसकी मांगे पूरी नहीं की जाती है तो वह किसी भी बंधक को यहां से जीवित नहीं छोड़ेगा। रविवार को हमास की चेतावनी के बाद इजरायल की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।

हमास ने दी धमकी

हमास की सशस्त्र शाखा के प्रवक्ता अबू ओबेदा ने टीवी पर जारी इंटरव्यू में कहा: न तो फासीवादी दुश्मन और उसका अहंकारी नेतृत्व, न ही उसके समर्थक, बिना किसी आदान-प्रदान या बातचीत व मांगों को पूरा किए बगैर अपने कैदियों को जिंदा ले जा सकते हैं न ही वह जाने देगा। हमास के प्रवक्ता ओबेदा ने कहा कि समूह इजरायली बलों से लड़ना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास हर मोहल्ले, सड़क और गली में इस बर्बर कब्जे वाले से लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। दुश्मन के विनाश का उद्देश्य हमारे प्रतिरोध की ताकत को तोड़ना है लेकिन हम अपनी भूमि पर एक पवित्र युद्ध लड़ रहे हैं।

इजरायल-हमास के बीच युद्ध विराम 1 दिसंबर को हुआ था खत्म

इजरायल-हमास के बीच युद्ध विराम 1 दिसंबर को खत्म हुआ था। इस युद्ध विराम समझौते के दौरान 105 बंधकों को रिहा किया गया था। इसमें 80 इजरायली बंधक शामिल थे। जबकि इनके बदले में 240 फिलीस्तीनी कैदियों को इजरायल ने रिहा किया था।

137 बंदी अभी भी हमास के कब्जे में

इज़राइल ने शनिवार को कहा कि फ़िलिस्तीनी क्षेत्र में 137 बंदी बचे हैं। मध्यस्थ कतर ने रविवार को कहा कि नए संघर्ष विराम को सुनिश्चित करने और अधिक बंधकों को रिहा करने के प्रयास जारी हैं। हालांकि, कतर ने इजरायल को चेतावनी भी दी है कि इजरायली बमबारी सक्सेसफुल रिजल्ट देने में बाधा पहुंचा रही है।

7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद युद्ध

दरअसल, 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के लड़ाकों ने जमीनी हमला किया तो आसमान से एक साथ 5 हजार से अधिक रॉकेट्स दागे। इस हमले में एक हजार से अधिक इजरायली मारे गए जबकि कई सौ इजरायली नागरिकों को हमास ने बंधक बना लिया। उधर, इस हमले के बाद इजरायल ने पूरी गाजापट्टी को बमबारी से तबाह कर दिया। फिलिस्तीनी नागरिकों की मूलभूत सुविधाएं बाधित कर दी। खाने-पीने की चीजों से लेकर ईंधन के लिए हाहाकार मचा दिया। लाखों फिलीस्तीनी बेघर हो चुके हैं। दो महीने से इजरायली हमले में 20 हजार के आसपास लोग मारे जा चुके हैं।