जेल में होता था शर्मनाक काम, महिला गार्ड ने वीडियो पोस्ट किया तो पीएम को करना पड़ा हस्तक्षेप

येरुसेलम। इजराइल के एक जेल में महिला गार्ड को उसी के अधिकारी ने सेक्स स्लेव (Sex Slave) बनाकर रखा। उस गार्ड से फिलिस्तीनी कैदी ने कई बार रेप किया। इस घटना ने इजराइल के लोगों को हैरान कर दिया है। प्रधानमंत्री यायर लापिडी को बयान देना पड़ा है। उन्होंने घटना की जांच का आदेश दिया है।

महिला इजराइल के सबसे सुरक्षित जेलों में से एक गिल्बोआ जेल में गार्ड के रूप में काम करती थी। उसने आरोप लगाया है कि जब वह जेल में काम कर रही थी तब उसके सीनियर अधिकारी ने उसे सेक्स स्लेव के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया। एक फिलिस्तीनी कैदी ने उसके साथ बार-बार बलात्कार किया।

वीडियो पोस्ट कर किया खुलासा

गिल्बोआ जेल में गार्ड रह चुकी पीड़िता ने पिछले सप्ताह अपने साथ हुई घटना के बारे में वीडियो पोस्ट कर जानकारी दी थी। उसने बताया था कि उसे उसके अधिकारी ने एक कैदी के हवाले कर दिया था। वह उस कैदी की प्राइवेट सेक्स स्लेव बन गई थी। महिला ने कहा, “मैं नहीं चाहती थी कि मेरे साथ बलात्कार किया जाए, लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकी। उसने बार-बार मेरे साथ रेप किया।”

इजरायल के पीएम बोले-ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं करेंगे

इस घटना पर प्रधानमंत्री यायर लैपिड ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल से कहा कि ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती कि एक सैनिक के साथ उसकी सेवा के दौरान एक आतंकवादी द्वारा बलात्कार किया जाए। लैपिड ने कहा, “इसकी जांच होनी चाहिए और होगी। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पीड़िता को सहायता मिले।”

आंतरिक सुरक्षा मंत्री ओमर बारलेव ने कहा कि गिल्बोआ जेल में कुछ साल पहले हुए मामले ने इजरायल की जनता को झकझोर दिया है। मैंने महिला का बयान पढ़ा है। उसके साथ हुई घटना चौंकाने वाली है। इस मामले की जांच की जा रही है। मैंने इजराइल जेल सेवा के आयुक्त कैटी पेरी के साथ यह तय करने के लिए चर्चा की है कि ऐसी घटना फिर कभी न हो।

विवाद में रहा है गिल्बोआ जेल

गिल्बोआ जेल पहले भी विवादों में रहा है। इजरायली मीडिया में कई बार यहां के कैदियों द्वारा महिला गार्डों के साथ दुर्व्यवहार की खबरें प्रसारित की गईं। पिछले साल सितंबर में जेल में बंद छह फिलिस्तीनी कैदी गए थे, जिसके बाद जेल प्रबंधन के खिलाफ जांच की गई थी। जेल के पुरुष अधिकारियों पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने महिला गार्डों को उन स्थितियों में रखा, जिसमें कैदियों द्वारा उनपर हमला किया जा सकता था।